कानपुर: यूपी के कानपुर में पिछले कुछ सालों के दौरान शहर में जब-जब हिंसा हुई या शहर का माहौल बिगड़ा तो गोली-बम के साथ साथ अराजक तत्वों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर भी बरसाए. ऐसे में जिले के आला अधिकारियों का मानना रहा कि, शहर में पत्थरों का ढेर होगा तो कहीं न कहीं उनके लिए मुसीबत का सबब बन सकता है. ऐसे में पिछले करीब एक महीने से एलआईयू अफसरों ने शहर के संवेदनशील स्थानों का जब निरीक्षण किया था, तो शहर में 20 से अधिक स्थानों पर ईंट-मलबे का ढेर लगा मिला. अफसरों ने अपनी सर्वे रिपोर्ट बनाई और उसे डीएम को सौंप दी. जब डीएम को रिपोर्ट मिली तो वह भी चौंकन्ना और हैरान रह गए. कई स्थान ऐसे थे, जहां पहले हिंसा के दौरान ईंटे बरसाईं गईं थीं. बिना देरी किए डीएम राकेश सिंह ने नगर आयुक्त को आदेश दिया जिसके बाद निगम की टीम ने ईंट और मलबे को ढेर को हटा दिया.
शहर में शाति कायम रखना प्राथमिकता इस पूरे मामले पर अपर पुलिस आयुक्त (एडिशनल डीसीपी) एलआईयू राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि, हम और हमारी टीम पिछले एक माह से विभागीय कार्य में व्यस्त थी. हमें जो इनपुट मिले, उसके आधार पर संदेह था कि कभी शहर का माहौल बिगड़ा तो एक बार फिर से अराजक भीड़ के हाथों में ईंट-पत्थर पहुंच सकते हैं. जिसके बाद ईंट-पत्थरों को मौके से हटाने का फैसला किया. हालांकि, बेहद गोपनीय रिपोर्ट डीएम को भेजी गई थी, जिसके आधार पर प्रशासन के आला अफसरों ने पत्थरों को हटाने का काम करवाया. हमारा मकसद है कि, शहर का माहौल खराब न हो. सभी मिल जुलकर रहें.
ईंट-पत्थर हटने लगे तो मचा हड़कंप: शहर के संवेदनशील इलाकें से जब नगर निगम की जेसीबी ने ईंट-पत्थर हटाए तो अचानक ही लोगों में हड़कंप का माहौल बन गया. लेकिन जब उन्हें बताया गया कि नगर निगम की टीम सड़क सफाई का काम कर रही है तो उन्होंने राहत की सांस ली.
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