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'मांग पूरा होने तक जारी रहेगा सत्याग्रह', मुख्य सचिव से मिले BPSC अभ्यर्थी - BPSC PROTEST

बीपीएससी अभ्यर्थियों ने 70वीं पीटी रद्दीकरण और मुकदमे वापस लेने की मांग की, मुख्य सचिव से मिलने के बाद सत्याग्रह जारी रखने का निर्णय लिया.

BPSC PROTEST
बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 30, 2024, 3:48 PM IST

पटना: 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रद्द करने की मांग को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कल पटना पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था. आज धरना पर बैठे छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव अमृतलाल मीना से मुलाकात की और अपनी बात रखी.

छात्र नेताओं का कहना है कि यह वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन वे अपनी मांग पर कायम रहेंगे. उनका मुख्य उद्देश्य री-एग्जाम होना है और इस मामले में सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की गई है. हालांकि बीपीएससी के सचिव की ओर से इसी बीच बयान आया है कि किसी भी कीमत पर री-एग्जाम नहीं होगा.

बीपीएससी अभ्यर्थियों की मुख्य सचिव से मुलाकात (ETV Bharat)

मुख्य सचिव से वार्ता के बाद छात्रों का बयान: मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद धरना स्थल पर लौटे छात्र सुभाष कुमार ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन उनका सत्याग्रह जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि लाठीचार्ज के मुद्दे पर भी उन्होंने मुख्य सचिव से बात की और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. सुभाष कुमार ने यह भी कहा कि अगर किसी अन्य परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी के प्रमाण मिलते हैं, तो उन्हें सरकार को प्रदान किया जाएगा.

मुकदमा वापस लेने की मांग पर जोर: सुमित कुमार ने भी कहा कि उनकी सबसे बड़ी मांग यह है कि जिन अभ्यर्थियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे तुरंत वापस लिया जाए. मुख्य सचिव ने इस पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात का भी प्रस्ताव किया जाएगा.

"सरकार इस परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करे, यही हमारी मांग है. वहीं हमारे जिन साथियों पर कल मुकदमा किया गया है, सरकार सबसे पहले उसको वापस ले. हमने मुख्य सचिव से भी यही मांग की है."-सुमित कुमार, बीपीएससी अभ्यर्थी

री-एग्जाम की मांग पर कायम हैं छात्र: धरना स्थल पर मौजूद अनु कुमारी ने कहा कि ''वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन हमारी मांग पूरी नहीं हुई है. जब तक री-एग्जाम की मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा.'' शेखपुरा के छात्र अमित कुमार ने भी इस बात को दोहराया कि ''री-एग्जाम होना जरूरी है. हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाने में सफल हुए हैं, लेकिन सरकार को अब ठोस कदम उठाने चाहिए.''

सरकार को जल्द फैसला लेने का दबाव: कुल मिलाकर, आज के मुलाकात के बाद सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. छात्रों का कहना है कि सरकार इस परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करे और जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए. अब यह देखना होगा कि मुख्य सचिव इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करते हैं.

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पटना: 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के रद्द करने की मांग को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग के अभ्यर्थी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कल पटना पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया था. आज धरना पर बैठे छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव अमृतलाल मीना से मुलाकात की और अपनी बात रखी.

छात्र नेताओं का कहना है कि यह वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन वे अपनी मांग पर कायम रहेंगे. उनका मुख्य उद्देश्य री-एग्जाम होना है और इस मामले में सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की गई है. हालांकि बीपीएससी के सचिव की ओर से इसी बीच बयान आया है कि किसी भी कीमत पर री-एग्जाम नहीं होगा.

बीपीएससी अभ्यर्थियों की मुख्य सचिव से मुलाकात (ETV Bharat)

मुख्य सचिव से वार्ता के बाद छात्रों का बयान: मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद धरना स्थल पर लौटे छात्र सुभाष कुमार ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन उनका सत्याग्रह जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि लाठीचार्ज के मुद्दे पर भी उन्होंने मुख्य सचिव से बात की और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. सुभाष कुमार ने यह भी कहा कि अगर किसी अन्य परीक्षा केंद्र पर गड़बड़ी के प्रमाण मिलते हैं, तो उन्हें सरकार को प्रदान किया जाएगा.

मुकदमा वापस लेने की मांग पर जोर: सुमित कुमार ने भी कहा कि उनकी सबसे बड़ी मांग यह है कि जिन अभ्यर्थियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे तुरंत वापस लिया जाए. मुख्य सचिव ने इस पर जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री से मुलाकात का भी प्रस्ताव किया जाएगा.

"सरकार इस परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करे, यही हमारी मांग है. वहीं हमारे जिन साथियों पर कल मुकदमा किया गया है, सरकार सबसे पहले उसको वापस ले. हमने मुख्य सचिव से भी यही मांग की है."-सुमित कुमार, बीपीएससी अभ्यर्थी

री-एग्जाम की मांग पर कायम हैं छात्र: धरना स्थल पर मौजूद अनु कुमारी ने कहा कि ''वार्ता सकारात्मक रही, लेकिन हमारी मांग पूरी नहीं हुई है. जब तक री-एग्जाम की मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा.'' शेखपुरा के छात्र अमित कुमार ने भी इस बात को दोहराया कि ''री-एग्जाम होना जरूरी है. हम अपनी बात सरकार तक पहुंचाने में सफल हुए हैं, लेकिन सरकार को अब ठोस कदम उठाने चाहिए.''

सरकार को जल्द फैसला लेने का दबाव: कुल मिलाकर, आज के मुलाकात के बाद सरकार ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है. छात्रों का कहना है कि सरकार इस परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करे और जो मुकदमे दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए. अब यह देखना होगा कि मुख्य सचिव इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करते हैं.

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