भागलपुर: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में पांच सीटों पर शाम छह बजे वोटिंग समाप्त हो गई. किशनगंज में सबसे ज्यादा 64 प्रतिशत तो भागलपुर में सबसे कम 51 प्रतिशत मतदान हुआ. वहीं भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के जपतेली गांव के मतदान केंद्र पर एक भी वोट नहीं पड़े. प्रशासन के लाख समझाने के बाद भी लोग नहीं माने. इसकी वजह आपको हैरान कर देगी.
लोगों ने जताई नराजगी: दरअसल, भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के जपतेली गांव तक जाने वाले सड़क को मुख्य सड़क से नहीं जुड़ने से ग्रामीण नाराज होकर वोट का बहिष्कार कर दिया. नाराज ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सड़क मुख्यालय से पूरी तरह कटा हुआ है. इस गांव में ना तो अस्पताल है, ना ही सड़कें. इस गांव की हालत यह है कि मोबाइल नेटवर्क भी नहीं मिलता है.
वोट का बहिष्कार: ऐसे में यहां के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया था. करीब 5 हजार से अधिक वोटर हैं, लेकिन दो हजार लोगों का ही वोटर लिस्ट में नाम दर्ज है. जब ईटीवी भारत की टीम ने ग्रामीणों से बातचीत की तो ग्रामीणों ने बताया कि हमारे इस गांव की सड़कें पूरी तरह से कटी हुई है. सालों भर यहां की जनता को दिक्कत होती है. हम लोग दो पंचवर्षीय से झूठे वादों का शिकार हो रहे हैं. कोई भी नेता हमारी मदद करने को तैयार नहीं है.
"जदयू से वर्तमान सांसद एवं एनडीए के उम्मीदवार अजय मंडल ने गांव के बजरंगबली के मंदिर में हमलोगों के सामने कसम खाई थी कि गांव की सड़क को मुख्य सड़क से जोड़ दिया जाएगा. गांव की जनसंख्या करीब 5000 है जबकि वोटर लिस्ट में 2000 लोगों का नाम दर्ज है."- भोला मंडल, ग्रामीण
एमपी ने कसम खाकर वादा नहीं किया पूरा: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ग्रामीण भोला मंडल ने बताया कि जदयू से वर्तमान सांसद एवं एनडीए के उम्मीदवार अजय मंडल ने गांव के बजरंगबली के मंदिर में हमलोगों के सामने कसम खाई थी कि गांव की सड़क को मुख्य सड़क से जोड़ दिया जाएगा. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी न तो वह दिखाई पड़े और न ही अपनी कसम को पूरा किया. हमलोगों ने पूर्व में अधिकारियों को भी इसकी सूचना दी थी और जिला प्रशासन को सूचना देने के बावजूद हमारी कोई सुधि नहीं ली गयी.
एसडीएम और एसपी के मनाने पर नहीं माने ग्रामीण: वोट बहिष्कार की सूचना नवगछिया के अनुमंडल पर पुलिस पदाधिकारी एवं एसडीएम सर को मिली तो दोनों ही अधिकारी अपने दलबल के साथ गांव में पहुंचे. जहां पर उन्होंने ग्रामीणों को समझाया की वोट करें, लेकिन ग्रामीणों ने वरीय अधिकारियों की बातों को अनसुना कर दिया. वोटिंग के आखिरी क्षणों तक जब एक भी वोटिंग नहीं हुई. इसके बाद ग्रामीणों को समझाने पहुंचे नवगछिया एसपी पूरन झा को भी खाली हाथ लौटना पड़ा.
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