ETV Bharat / state

बनारस में अब चुनिंदा घाटों पर ही पर्यटक ले सकेंगे बोटिंग का मजा, सुरक्षा के लिए होंगे विशेष इंतजाम - पर्यटकों के लिए कम्युनिटी जेट्टी

वाराणसी में अब अलग-अलग घाटों की जगह कुछ चुनिंदा घाटों से ही नौका संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा माल ढुलाई के लिए भी चीजों को व्यवस्थित करते हुए बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी (17 community jetties for security oh Tourists) तैयार की जा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 27, 2024, 4:31 PM IST

Updated : Feb 27, 2024, 10:37 PM IST

जानकारी देते स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकम्भरी नंदन सोंथालिया

वाराणसी: उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से काफी बड़ा प्रदेश बन रहा है. अयोध्या, मथुरा, काशी, लखनऊ, आगरा समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. खास तौर पर विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ रही भीड़ और गंगा में सैर करने वालों की बढ़ रही संख्या अब रिकॉर्ड तोड़ रही है. इन सबके बीच जल परिवहन को व्यवस्थित करने का प्लान भी तैयार हो रहा है.

वाराणसी में अब अलग-अलग घाटों की जगह कुछ चुनिंदा घाटों से ही नौका संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा माल ढुलाई के लिए भी चीजों को व्यवस्थित करते हुए बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जट्टी बनकर तैयार की जा रही हैं. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India-IWAI) की प्लानिंग के तहत अन्य स्थानों से नौका संचालन ना करते हुए कुछ चुनिंदा घाटों से ही इसे करने की प्लानिंग है, ताकि पर्यटकों को भी आराम रहे और मनमानी नौका वालों की वसूली पर भी रोक लगाई जा सके.

बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी बनाया जा रही हैं
बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी बनाया जा रही हैं

दरअसल जल परिवहन को विस्तार देने के लिए वाराणसी से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी से जल परिवहन के रास्ते को आसान करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए जल प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा. जेट्टी से नौका संचालन हो टिकट काउंटर वेटिंग रूम इसी जट्टी के पास स्थापित हो और पर्यटकों को बेवजह सीढ़ियां चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना न करना पड़े, इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए कम्युनिटी जेट्टी का कॉन्सेप्ट लाया जा रहा है.

बनारस में करीब 2.5 करोड़ रुपये की लागत से अस्सी घाट, ललिता घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट समेत नमो घाट समेत दो अन्य घाटों पर नई जेट्टी तैयार करके ईबोट और नॉर्मल नौकाओं का संचालन यहां से करने की तैयारी की जा रही है. स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन सोंथालिया क्या कहना है कि सभी नौकाओं का संचालन एक जगह से किया जाए. अलग-अलग घाटों की अपेक्षा एक व्यवस्थित तरीके से इन चीजों को ऑपरेट किया जाए. यह बेहद जरूरी है इसे ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करके कुछ चुनिंदा घाटों से ही नौकाओं को चलाने के लिए जाती तैयार कराई जा रही है.

boating facility at selected ghats in Banaras 17 community jetties for security
पर्यटकों को भी आराम पर विशेष जोर

उन्होंने कहा कि यह जाती अलग-अलग घाटों पर लगाकर कुछ सिलेक्टेड घाटों से ही संचालन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पर्यटकों को बेवजह ऊंची नीची सीढ़ियां उतरने-चढ़ने की जरूरत नहीं होगी और उन्हें गहरे पानी को लेकर भी परेशान नहीं होना होगा. इन कम्युनिटी जेट्टी के जरिए नौकाओं को घाटों से दूर बांधा जाएगा. इससे घाटों के पत्थरों पर बार-बार नौकाओं के लड़ने से इनको नुकसान भी नहीं होगा.

इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम को छह जट्टी हस्तांतरित की गई है. करीब ढाई करोड़ रुपये से व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए पर्यटकों को नौकाओं तक पहुंचने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. एक जेट्टी का निर्माण में लगभग 70 लाख रुपए खर्च हुए हैं और यह बाढ़ के समय में हटा दी जाएगी. इससे व्यवस्थित तरीके से नौकाओं के संचालन के साथ इसे सुरक्षित भी रखा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- आंखों से हट जाएगा नंबर का चश्मा, बस एक छोटी सी सर्जरी में हो जाएगा काम

जानकारी देते स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकम्भरी नंदन सोंथालिया

वाराणसी: उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से काफी बड़ा प्रदेश बन रहा है. अयोध्या, मथुरा, काशी, लखनऊ, आगरा समेत अन्य पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ रही है. खास तौर पर विश्वनाथ धाम के निर्माण के बाद वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ रही भीड़ और गंगा में सैर करने वालों की बढ़ रही संख्या अब रिकॉर्ड तोड़ रही है. इन सबके बीच जल परिवहन को व्यवस्थित करने का प्लान भी तैयार हो रहा है.

वाराणसी में अब अलग-अलग घाटों की जगह कुछ चुनिंदा घाटों से ही नौका संचालन की तैयारी शुरू कर दी गई है. इसके अलावा माल ढुलाई के लिए भी चीजों को व्यवस्थित करते हुए बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जट्टी बनकर तैयार की जा रही हैं. भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (Inland Waterways Authority of India-IWAI) की प्लानिंग के तहत अन्य स्थानों से नौका संचालन ना करते हुए कुछ चुनिंदा घाटों से ही इसे करने की प्लानिंग है, ताकि पर्यटकों को भी आराम रहे और मनमानी नौका वालों की वसूली पर भी रोक लगाई जा सके.

बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी बनाया जा रही हैं
बनारस से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी बनाया जा रही हैं

दरअसल जल परिवहन को विस्तार देने के लिए वाराणसी से बलिया तक 17 कम्युनिटी जेट्टी से जल परिवहन के रास्ते को आसान करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए जल प्रबंधन समिति का गठन किया जाएगा. जेट्टी से नौका संचालन हो टिकट काउंटर वेटिंग रूम इसी जट्टी के पास स्थापित हो और पर्यटकों को बेवजह सीढ़ियां चढ़ने उतरने में परेशानी का सामना न करना पड़े, इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए कम्युनिटी जेट्टी का कॉन्सेप्ट लाया जा रहा है.

बनारस में करीब 2.5 करोड़ रुपये की लागत से अस्सी घाट, ललिता घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट समेत नमो घाट समेत दो अन्य घाटों पर नई जेट्टी तैयार करके ईबोट और नॉर्मल नौकाओं का संचालन यहां से करने की तैयारी की जा रही है. स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी शाकंभरी नंदन सोंथालिया क्या कहना है कि सभी नौकाओं का संचालन एक जगह से किया जाए. अलग-अलग घाटों की अपेक्षा एक व्यवस्थित तरीके से इन चीजों को ऑपरेट किया जाए. यह बेहद जरूरी है इसे ध्यान में रखते हुए प्लानिंग करके कुछ चुनिंदा घाटों से ही नौकाओं को चलाने के लिए जाती तैयार कराई जा रही है.

boating facility at selected ghats in Banaras 17 community jetties for security
पर्यटकों को भी आराम पर विशेष जोर

उन्होंने कहा कि यह जाती अलग-अलग घाटों पर लगाकर कुछ सिलेक्टेड घाटों से ही संचालन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि पर्यटकों को बेवजह ऊंची नीची सीढ़ियां उतरने-चढ़ने की जरूरत नहीं होगी और उन्हें गहरे पानी को लेकर भी परेशान नहीं होना होगा. इन कम्युनिटी जेट्टी के जरिए नौकाओं को घाटों से दूर बांधा जाएगा. इससे घाटों के पत्थरों पर बार-बार नौकाओं के लड़ने से इनको नुकसान भी नहीं होगा.

इन सारी चीजों को ध्यान में रखते हुए नगर निगम को छह जट्टी हस्तांतरित की गई है. करीब ढाई करोड़ रुपये से व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए पर्यटकों को नौकाओं तक पहुंचने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. एक जेट्टी का निर्माण में लगभग 70 लाख रुपए खर्च हुए हैं और यह बाढ़ के समय में हटा दी जाएगी. इससे व्यवस्थित तरीके से नौकाओं के संचालन के साथ इसे सुरक्षित भी रखा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- आंखों से हट जाएगा नंबर का चश्मा, बस एक छोटी सी सर्जरी में हो जाएगा काम

Last Updated : Feb 27, 2024, 10:37 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.