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ग्रामीण क्षेत्रों में अब ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी बना सकेंगे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, देरी से सूचना पर लगेगा विलंब शुल्क - AMENDMENT IN BIRTH AND DEATH ACT

अब ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी 30 दिन के बाद और 1 साल के अंदर हुए जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे.

जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 19, 2025, 12:04 PM IST

जयपुर : राजस्थान सरकार ने ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है. सरकार की ओर से जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में किए गए नवीनतम संशोधनों से अब ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी 30 दिन के बाद और 1 साल के अंदर के हुए जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे. वहीं, देरी से सूचना पर जुर्माने के प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है.

राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 (संशोधित) 2025 अधिसूचना विधानसभा के पटल पर रखी गई, जिसमें प्रमुख संशोधन किए गए हैं. आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि राजस्थान जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है, जिसके बाद अब जन्म और मृत्यु के 30 दिन के बाद और 1 वर्ष के अंदर के प्रकरणों की स्वीकृति ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी की ओर से जारी की जा सकेगी.

पढ़ें. Rajasthan: फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर पेंशन प्राप्त करने वालों की खैर नहीं, जांच के आदेश

उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु अधिनियम में संशोधन लागू होने से प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि में जारी होंगे, जिससे आमजन को सुविधा होगी और शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन होगा. साथ ही ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों को मजबूती मिलेगी. डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि नवीनतम संशोधन के तहत वर्तमान में जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना 21 दिन बाद रजिस्ट्रार को देने पर 1 रुपए विलम्ब शुल्क देना होता था. संशोधन के बाद अब यदि घटना की सूचना 21 दिन बाद लेकिन 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रार को दी जाती है, तो 20 रुपए विलम्ब शुल्क देना होगा. वहीं, यदि जन्म-मृत्यु की सूचना 30 दिवस बाद लेकिन एक वर्ष के अंदर दी जाती है तो 50 रुपए और घटना की सूचना 1 वर्ष बाद दिए जाने पर 100 रुपए विलम्ब शुल्क देना होगा.

उन्होंने बताया कि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग चिकित्सा संस्थानों की ओर से जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिन से ज्यादा देरी किए जाने पर या सूचना समय पर नहीं देने पर पहले 50 रुपए की पेनल्टी का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब 250 रुपए और अधिकतम एक हजार रुपए की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है. जन्म-मृत्यु के विलम्बित रजिस्ट्रीकरण में नोटरी सत्यापन को समाप्त किया गया है. इसकी जगह अपील का प्रावधान किया गया है. यदि प्रार्थी रजिस्ट्रार, जिला रजिस्ट्रार से संतुष्ट नहीं है तो उच्च स्तर पर अपील भी कर सकते हैं.

जयपुर : राजस्थान सरकार ने ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है. सरकार की ओर से जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में किए गए नवीनतम संशोधनों से अब ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी 30 दिन के बाद और 1 साल के अंदर के हुए जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे. वहीं, देरी से सूचना पर जुर्माने के प्रावधानों में भी बदलाव किया गया है.

राजस्थान जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2000 (संशोधित) 2025 अधिसूचना विधानसभा के पटल पर रखी गई, जिसमें प्रमुख संशोधन किए गए हैं. आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि राजस्थान जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन किया गया है, जिसके बाद अब जन्म और मृत्यु के 30 दिन के बाद और 1 वर्ष के अंदर के प्रकरणों की स्वीकृति ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी की ओर से जारी की जा सकेगी.

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उन्होंने बताया कि जन्म-मृत्यु अधिनियम में संशोधन लागू होने से प्रमाण पत्र निर्धारित अवधि में जारी होंगे, जिससे आमजन को सुविधा होगी और शत प्रतिशत जन्म-मृत्यु की घटनाओं का पंजीयन होगा. साथ ही ब्लॉक सांख्यिकी कार्यालयों को मजबूती मिलेगी. डॉ. सुदीप कुमावत ने बताया कि नवीनतम संशोधन के तहत वर्तमान में जन्म या मृत्यु की घटना की सूचना 21 दिन बाद रजिस्ट्रार को देने पर 1 रुपए विलम्ब शुल्क देना होता था. संशोधन के बाद अब यदि घटना की सूचना 21 दिन बाद लेकिन 30 दिन के अंदर रजिस्ट्रार को दी जाती है, तो 20 रुपए विलम्ब शुल्क देना होगा. वहीं, यदि जन्म-मृत्यु की सूचना 30 दिवस बाद लेकिन एक वर्ष के अंदर दी जाती है तो 50 रुपए और घटना की सूचना 1 वर्ष बाद दिए जाने पर 100 रुपए विलम्ब शुल्क देना होगा.

उन्होंने बताया कि आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग चिकित्सा संस्थानों की ओर से जन्म-मृत्यु पंजीयन में 21 दिन से ज्यादा देरी किए जाने पर या सूचना समय पर नहीं देने पर पहले 50 रुपए की पेनल्टी का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर अब 250 रुपए और अधिकतम एक हजार रुपए की पेनल्टी का प्रावधान किया गया है. जन्म-मृत्यु के विलम्बित रजिस्ट्रीकरण में नोटरी सत्यापन को समाप्त किया गया है. इसकी जगह अपील का प्रावधान किया गया है. यदि प्रार्थी रजिस्ट्रार, जिला रजिस्ट्रार से संतुष्ट नहीं है तो उच्च स्तर पर अपील भी कर सकते हैं.

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