जयपुर : ब्यूरोक्रेसी में बदलाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में सियासी बयानबाजी तेज है. पूर्व सीएम गहलोत ने अपने समय के लगे अफसरों को 8 महीने बाद भी नहीं हटाने पर बीजेपी को पूर्व में दिए बयानों पर घेरा तो, अब बीजेपी ने साफ कर दिया कि वो अफसर बदलने की परंपरा को आगे नहीं चलाएंगे. केवल भ्रष्ट अफसरों की फितरत बदलेंगे. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने तो यहां तक कह दिया कि अधिकारी का ट्रांसफर करना कोई समाधान नहीं है. हम ट्रांसफर नहीं करेंगे, बल्कि अधिकारी को उसी जगह पर रखकर उसके भ्रष्ट आचरण को सुधारेंगे.
अधिकारियों को सुधारना हमारा दायित्व : पूर्ववर्ती सरकार के समय लगे अधिकारियों में बदलाव नहीं करने के भजनलाल सरकार के फैसले पर जब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि वह अधिकारी हैं, हम अधिकारी की आदतों को सुधारेंगे. अधिकारी को कहीं भी लगा दो, उसकी आदत वही रही तो वहां पर भी वह भ्रष्टाचार करेगा. ऐसे में सरकार का काम है कि अधिकारी कैसा भी हो उसके स्वभाव में परिवर्तन करना, उसको नेक नियति पर चलने की सीख देना. यह सब हमारा काम है और हम कर रहे हैं. सरकार भी वही कर रही है.
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यह कहा था पूर्व सीएम ने : दरअसल, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा था कि हमारी सरकार के दौरान भाजपा ने प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पर तमाम आरोप लगाए थे, हमारी सरकार की ओर से विभिन्न पदों पर IAS, IPS, IFS, RAS, RPS की नियुक्तियों पर भाजपा के साथी अनर्गल टिप्पणियां करते थे. आज सरकार के करीब 8 महीने हो जाने के बाद भी सरकार चलाने वाले प्रमुख पदों पर हमारी सरकार के समय लगाए गए अधिकारी ही काबिज हैं. यह दिखाता है कि हमारी सरकार के समय की गईं नियुक्तियां पूरी तरह उचित थी और भाजपा के आरोप पूरी तरह गलत साबित हुए हैं. तबादला सूची के इंतजार में अब अधिकारियों के बीच भी असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है, जिसके कारण जनता के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि निकट भविष्य में कोई तबादला सूची नहीं आएगी जिससे अधिकारी अनिश्चिचतता की स्थिति को छोड़कर काम कर सकें.