शिमला: हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण से उठा विवाद के बाद अब प्रदेश में रेहड़ी-फड़ी वालों की पहचान बताने पर राजनीति गरम है. पहले सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर के साथ-साथ प्रदेश में रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के अवैध घुसपैठ का मुद्दा उठाया. वहीं, अब विक्रमादित्य सिंह ने रेहड़ी और फेड़ी वालों की पहचान बताने को लेकर निर्देश दिए हैं, जिस पर सुक्खू सरकार और कांग्रेस पार्टी असहज नजर आ रही है. हालांकि, विक्रमादित्य सिंह अभी भी अपने बयान पर कायम है. वहीं, बीजेपी इसी बहाने सुक्खू सरकार और कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा रही है.
हालांकि, सुक्खू सरकार ने विक्रमादित्य के रेहड़ी फड़ी को लेकर दिए गए बयान से अपना पल्ला झाड़ लिया है. जबकि सुक्खू सरकार में ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने विक्रमादित्य सिंह का समर्थन किया है. हालांकि, दिल्ली दौरे पर गए विक्रमादित्य को आलाकमान के निर्देश पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उन्हें राहुल गांधी का मोहब्बत वाला पाठ पढ़ाया. लेकिन केसी वेणुगोपाल से बैठक के बाद भी विक्रमादित्य के सुर कुछ बदले नजर नहीं आए. उन्होंने फिर से अपनी बात को दोहराया और कहा कि प्रदेश के लोगों और आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है.
#WATCH दिल्ली: भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, " कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में दो फाड़ होती नजर आ रही है और इस बार केवल सुक्खू बनाम विक्रमादित्य या सुक्खू बनाम प्रतिभा सिंह नहीं है बल्कि इस बार राहुल बनाम प्रियंका साफ-साफ नजर आ रहा है। जैसे ही विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर… pic.twitter.com/4Y5QjP5OI0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2024
विक्रमादित्य सिंह के निर्देश को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सुक्खू सरकार और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है. शहजाद पूनावाला ने कहा, "कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में दो फाड़ होती नजर आ रही है. इस बार केवल सीएम सुक्खू बनाम विक्रमादित्य या सुक्खू बनाम प्रतिभा सिंह नहीं है. बल्कि इस बार राहुल बनाम प्रियंका साफ-साफ नजर आ रहा है. जैसे ही विक्रमादित्य सिंह ने उत्तर प्रदेश के 'योगी मॉडल' को सराहा और उसे हिमाचल प्रदेश में लागू करने की बात की तो वैसे ही कांग्रेस फंस गई. कांग्रेस पार्टी ने लगातार राहुल गांधी के कैंप से एक के बाद एक विक्रमादित्य सिंह पर बयान देना शुरू कर दिया. आज लोग देख रहे हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी वोट बैंक इंटरेस्ट को जनता के इंटरेस्ट के ऊपर रख रही है. फटकार के बाद भी विक्रमादित्य सिंह के तेवर नहीं बदले हैं और वहीं उनके मंत्री धनीराम शांडिल ने भी विक्रमादित्य सिंह का समर्थन कर दिया है. मतलब राहुल गांधी कैंप से लगातार फटकार लगने के बाद भी प्रियंका कैंप जो है वो सीधे-सीधे कह रहा है कि हम अपनी बात पर अडिग रहेंगे."
विक्रमादित्य सिंह के बयान से सरकार और पार्टी में नेताओं के बीच दो फाड़ नजर आ रहा है. एक ओर तो सीपीएस संजय अवस्थी ने विक्रमादित्य सिंह के बयान को उनका निजी बयान बताया है और उन्होंने विक्रमादित्य को नसीहत दी. सीपीएस अवस्थी ने कहा, "हमें विवादित बयान से बचना चाहिए. जब जिम्मेवारी बड़ी होती है तो सोच भी बड़ी रखनी चाहिए. हमें अपनी सीमाओं में रहकर बयानबाजी करनी चाहिए. ये उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी हो सकती है, इसे सरकार के साथ न जोड़ा जाए".
वहीं, कैबिनेट मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल में बाहरी लोगों, रेहड़ी और फड़ी वालों की पहचान के मुद्दे पर विक्रमादित्य सिंह का समर्थन करते दिखे.धनीराम शांडिल ने कहा,"मैं भी सुरक्षा का पक्षधर हूं. क्योंकि यहां प्रश्न सिक्योरिटी का है. हमें प्रदेश को बेहद सुरक्षित जगह बनाने की जरूरत है. कौन कहां से और किस भावना से आ रहा है, इसका पता लगाना बेहद जरूरी है. प्रदेश में सिक्योरिटी को बरकरार रखने के लिए हमें अपनी पहचान को मजबूती के साथ लेकर कार्य करना होगा और अपनी पहचान को बरकरार रखना होगा".
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