लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी में एक अनूठा मामला सामने आया है. पार्टी के एक नेता ने पत्र जारी करके वरिष्ठ पदाधिकारियों से अपील की है कि अब तो उसको विधान परिषद का सदस्य (एमएलसी) बना दिया जाए. यह नेता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के सहयोगी रहे आलोक अवस्थी हैं.
पत्र में आलोक अवस्थी ने कहा है कि 38 साल तक पार्टी की अलग-अलग तरीके से सेवा करने के बावजूद अब तक उनको कोई ऐसा पद नहीं मिला है, जो शासकीय या संवैधानिक हो, जिससे उनका सम्मान और बढ़ा प्रतीत हो. इसलिए अब उनको एमएलसी बना ही देना चाहिए.
बता दें कि चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में 13 एमएलसी पद के रिक्त होने पर चुनाव का ऐलान कर दिया है. इस संबंध में 14 मार्च तक नामांकन किए जाएंगे. चुनाव में 8 या 9 एमएलसी भारतीय जनता पार्टी के बन सकते हैं. इसलिए पार्टी के नेताओं ने एमएलसी बनने के लिए प्रयास करना शुरू कर दिया है.
मगर सार्वजनिक पत्र जारी करके आलोक अवस्थी ने एक नया ही ट्रेंड शुरू कर दिया है. जिसमें उन्होंने अपनी पूरी व्यथा बयान की है. आलोक अवस्थी ने पत्र में लिखा है- 'मुझे संगठन के माध्यम से जनसेवा करते लगभग 38 वर्ष हो गए हैं. 1985 से लगातार एक निष्ठ कार्यकर्ता भाव से पार्टी में कार्य कर रहा हूं.
कभी विवादित नहीं रहा. कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज से आता हूं. पार्टी प्रवक्ता के नाते लगभग 8 वर्षों से विद्वतापूर्वक डिबेट्स में पार्टी का पक्ष रखने के कारण एक स्वीकार्य ब्राह्मण चेहरे के रूप में जनता के बीच लोकप्रिय हूं. मेरे कार्य को केंद्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व द्वारा समय समय पर सराहा गया है.
मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित भी किया गया है. मेरे द्वारा पार्टी के लिए 38 वर्षों से पूर्ण निष्ठा से कार्य करने के बावजूद मेरी अभी तक किसी शासकीय/विधायी पद पर नियुक्ति नहीं हुई है. जबकि मेरे से कनिष्ठ और कुछ मेरे समकक्ष साथी विधायक, सांसद और मंत्री भी बन चुके हैं.
मेरा आग्रह है कि उप्र विधान परिषद सीट के चुनाव में मेरे को प्रत्याशी बनाए जाने के संबंध में आग्रह पर विचार अवश्य करें. अटल जी के सहयोगी के रूप में काम करते हुए मैंने अपने जीवन के 17 वर्ष दिए हैं. मुझे केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा 2019 में मध्यप्रदेश चुनाव में भेजा गया था.
प्रदेश के नेतृत्व द्वारा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पश्चिम क्षेत्र का प्रभार दो बार दिया गया, जहां द्वितीय चरण के मतदान तक लगभग 45 दिन मैंने प्रवास किया. जनविश्वास यात्रा में ब्रज क्षेत्र के प्रभार का दायित्व दिया गया था. जहां 32 दिन क्षेत्र में मैंने प्रवास किया था. मेरे द्वारा नेतृत्व के हर कार्य को पूरी ज़िम्मेदारी और ईमानदारी से निभाया गया है'.