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लोकसभा चुनाव 2024 : 'मिशन 25' पर मंथन हुआ पूरा, राजस्थान में इन चेहरों को मिल सकता है मौका - राजस्थान लोकसभा मिशन 25

राजस्थान लोकसभा मिशन 25 को लेकर दिल्ली में दो दिन तक मंथन का दौर चला. अब यह मंथन कमोबेश पूरा हो गया है. सूत्रों की मानें तो मार्च के पहले सप्ताह में भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है, जिसमें राजस्थान के एक दर्जन प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं. माना जा रहा है कि विधानसभा में हारे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा के मैदान में उतारा जा सकता है, देखिए खास रिपोर्ट ...

लोकसभा चुनाव 2024
लोकसभा चुनाव 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 1, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Mar 1, 2024, 6:18 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा इस बार देश मे 370 और एनडीए 400 पार के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. राज्यों से लेकर राजधानी दिल्ली तक लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. एक-एक सीट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निर्णय ले रहे हैं. सूत्रों की मानें तो भाजपा की लोकसभा चुनावों को लेकर पहली सूची मार्च के पहले सप्ताह में आ सकती है. ऐसे में टिकट के काउंटडाउन में प्रदेश के भाजपा के करीब एक दर्जन नामों की घोषणा हो सकती है. खास बात यह है कि बीजेपी इस बार 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 सीटों पर चेहरा बदलने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कुछ सीटों पर विधानसभा में हार का सामना कर चुके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश संगठन के कुछ पदाधिकारियों को चुनावी मैदान में उतारकर चौकाया जा सकता है.

विधानसभा में हारे हुए नेताओं के साथ पदाधिकारियों पर दांव : दिल्ली में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राजस्थान के टॉप लीडरशिप की दिल्ली दौड़ हो रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य नेता पिछले तीन दिन से दिल्ली में पार्टी शीर्ष नेतृत्व से टिकटों पर मंथन कर रहे हैं. कोर ग्रुप के बाद सीईसी बैठक में कमोबेश सभी नामों पर सहमति बन गई है. जिस तरह से नाम तय किए जा रहे हैं, उसमें माना जा रहा है कि विधानसभा में हारे हुए वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट मिल सकता है, जिसमें राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, ज्योति मिर्धा और सुभाष महरिया के नाम शामिल हैं. वहीं, पार्टी के संगठन के लिहाज देखें तो पार्टी उन नेताओं को चुनाव लड़ाने का मन बना रही है जो संगठन में पदाधिकारी है या फिर जिनको विधानसभा चुनाव में बाहर किया गया. इनमें उपाध्यक्ष श्रवण बगड़ी, उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील कोठारी, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर जैसे नाम शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें- 'हमारा प्रत्याशी कमल का फूल है, उसे ही हमें जिताना है' : लोकसभा चुनाव पर बोले कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा

इन लोकसभा सीटों पर हो सकता है बदलाव : केंद्र की राजनीति में भले ही राजस्थान को इतनी तवज्जो नहीं मिलती हो, लेकिन चुनावी मुहिम में राजस्थान भाजपा के लिए बड़ा महत्व रखता है. पिछले दो चुनावों का इतिहास देखा जाए तो भाजपा ने कांग्रेस को क्लीन स्वीप किया है. दोनों ही बार 25 में से 25 लोकसभा सीटों पर एनडीए या भाजपा जीती है. बीजेपी जीत के इस इतिहास को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है, वैसे तो पार्टी सभी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन फिर भी ग्राउंड जीरों पर किए गए सर्वे में पार्टी ने कुछ सीटों को कमजोर माना और उनके लिए अलग से रणनीति बनाई है.

15 सीटों पर बदलाव तय : पार्टी सूत्रों की मानें तो 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 से अधिक सीटों पर बदलाव तय माना जा रहा है. इनमें से 6 लोकसभा सीटें तो वो हैं जहां से पार्टी ने सांसदों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा. हालांकि इनमें से 3 में हार और 3 में जीत हुई है. अब माना जा रहा है पार्टी इन सभी 6 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारेगी, जिनमें राजसमंद से सांसद दीया कुमारी, जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह, अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ के विधायक बनने से यहां पर नए उम्मीदवार तय है. इसी तरह से जालौर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भगीरथ चौधरी और झुंझुनू से नरेंद्र खीचड़ विधानसभा चुनाव हार गए थे, ऐसे में इन तीनों सीटों पर भी प्रत्याशी बदला जा सकता है. इसी तरह से टोंक-सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जयपुर शहर, भरतपुर, करोली-धौलपुर, चूरू, नागौर, दौसा और डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर भी पार्टी प्रत्याशी बदलने पर विचार कर रही है, जबकि कोटा-बूंदी, बारां-झालवाड़, जोधपुर, चितौड़गढ़, बीकानेर, बाड़मेर-जैसलमेर, सीकर और पाली लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.

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इन नए चेहरों को मिल सकता है मौका -

  1. जालौर : सिरोही से मौजूदा सासंद देवजी पटेल को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर अब लुम्बाराम चौधरी, सावला राम देवासी और रविंद्र सिंह बालावत मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं.
  2. करौली : धौलपुर से मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया लगातार दो बार से सांसद हैं. ऐसे में एंटी इनकम्बेंसी को देखते हुए उनका टिकट कट सकता है. उनकी जगह हटी राम ठेकेदार, प्रेम सिंह मेहरा, विवेक जाटव, मधुसूदन का नाम चर्चाओं में हैं.
  3. भरतपुर : मौजूदा सांसद रंजीता कोली को लेकर विवाद लगातार सामने आता रहा है, जिसके चलते उनका टिकट कट सकता है. इनकी जगह महिला चेहरे के लिहाज से महापौर रही सुमन कोली को मजबूत प्रत्याशी माना जा सकता है. इसके साथ ही रामस्वरूप कोली व शिवानी दायमा का नाम चर्चा में हैं.
  4. जयपुर ग्रामीण : मौजूदा सांसद राज्यवर्धन सिंह के विधायक बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी किसी राजपूत चेहरे पर दांव खेल सकती है, जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी का नाम मजबूत माना जा रहा है.
  5. राजसमंद : मौजूदा सांसद दीया कुमारी के विधायक बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी किसी राजपूत चेहरे पर दांव खेल सकती हैं, जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, के वी सिंह का नाम चर्चाओं में हैं.
  6. अजमेर : मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया लेकिन वे हार गए. ऐसे में अब माना जा रहा है कि अगर पार्टी इस बार भागीरथ चौधरी को टिकट नहीं देती है तो दूसरे जाट चेहरे के तौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया पर दांव खेल सकती है.
  7. चूरू : मौजूदा सांसद राहुल कस्वा की अपनी ही पार्टी के नेता राजेंद्र राठोड़ से विधानसभा में दिखी अदावत के बाद उनका टिकट काटा जा सकता है. कस्वा का टिकट कटता है तो पार्टी पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को उम्मीदवार बना सकती है. झाझड़िया ने दो बार स्वर्ण पद जीता था.
  8. टोंक-सवाई माधोपुर : मौजूदा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया लगातार दो बार से सांसद होने के चलते एंटी इनकम्बेंसी के चलते उनका टिकट कट सकता है. उनकी जगह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की बेटी सुनीता बैंसला, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर इसके साथ ही जयपुर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर का भी नाम इस सीट पर चर्चाओं में हैं.
  9. नागौर : इस सीट पर पिछली बार भाजपा ने आरएलपी से गठबंधन किया था, लेकिन इस बार पार्टी बिना किसी गठबंधन के अपने ही प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी, इसमें सबसे ज्यादा मजबूत कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा को माना जा रहा है. इसके साथ पूर्व सांसद सीआर चौधरी का भी नाम भी चर्चाओं में हैं.
  10. जयपुर शहर : मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा लगातार दो बार से सांसद होने के चलते एंटी इनकम्बेंसी को देखते हुए उनका टिकट कट सकता है. बोहरा के टिकट कटने की स्थिति में प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी और सुनील कोठारी का नाम चर्चाओं में हैं.
  11. बांसवाड़ा : मौजूदा सांसद कनक मल कटारा का टिकट काटा जा सकता है. आदिवासी को साधने और BTP को रोकने के लिए हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
  12. झुंझुनू : मौजूदा सांसद नरेंद्र खीचड़ को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. माना जा रहा है कि अगर पार्टी इस बार खीचड़ को टिकट नहीं देती है तो बीएल रणवा, जिला प्रमुख हर्षिणी कुलहरी और पूर्व विधायक सुभाष पूनिया को मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है.
  13. भीलवाड़ा : मौजूदा सांसद सुभाष चंद्र बहेरिया दो बार के लगातार सासंद हैं. एंटी इनकम्बेंसी के बीच उनका टिकट कट सकता है. बहेरिया के टिकट करने की स्थिति में पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले दामोदर अग्रवाल, पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर दावेदार माने जा रहे हैं.
  14. उदयपुर : मौजूदा सांसद अर्जुन लाल मीणा के लगातार अस्वस्थ होने के चलते उनका टिकट काटा जा सकता है. मीणा की जगह उदयपुर ग्रामीण से विधायक फूल सिंह मीणा, नरेंद्र मीणा और वंदना मीणा का भी नाम चर्चाओं में हैं.
  15. दौसा : मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट कट सकता है. उनकी जगह जसकौर की बेटी अर्चना मीणा का नाम भी चर्चाओं में है. इसके अलावा पूर्व मंत्री नरेंद्र मीणा और मंत्री किरोड़ी मीणा के भाई पूर्व ब्यूरोक्रेट जगमोहन मीणा का नाम भी मजबूत माना जा रहा है.

जयपुर. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा इस बार देश मे 370 और एनडीए 400 पार के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है. राज्यों से लेकर राजधानी दिल्ली तक लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. एक-एक सीट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निर्णय ले रहे हैं. सूत्रों की मानें तो भाजपा की लोकसभा चुनावों को लेकर पहली सूची मार्च के पहले सप्ताह में आ सकती है. ऐसे में टिकट के काउंटडाउन में प्रदेश के भाजपा के करीब एक दर्जन नामों की घोषणा हो सकती है. खास बात यह है कि बीजेपी इस बार 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 सीटों पर चेहरा बदलने जा रही है. ऐसे में माना जा रहा है कुछ सीटों पर विधानसभा में हार का सामना कर चुके पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ प्रदेश संगठन के कुछ पदाधिकारियों को चुनावी मैदान में उतारकर चौकाया जा सकता है.

विधानसभा में हारे हुए नेताओं के साथ पदाधिकारियों पर दांव : दिल्ली में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. राजस्थान के टॉप लीडरशिप की दिल्ली दौड़ हो रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी सहित अन्य नेता पिछले तीन दिन से दिल्ली में पार्टी शीर्ष नेतृत्व से टिकटों पर मंथन कर रहे हैं. कोर ग्रुप के बाद सीईसी बैठक में कमोबेश सभी नामों पर सहमति बन गई है. जिस तरह से नाम तय किए जा रहे हैं, उसमें माना जा रहा है कि विधानसभा में हारे हुए वरिष्ठ नेताओं को भी टिकट मिल सकता है, जिसमें राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, ज्योति मिर्धा और सुभाष महरिया के नाम शामिल हैं. वहीं, पार्टी के संगठन के लिहाज देखें तो पार्टी उन नेताओं को चुनाव लड़ाने का मन बना रही है जो संगठन में पदाधिकारी है या फिर जिनको विधानसभा चुनाव में बाहर किया गया. इनमें उपाध्यक्ष श्रवण बगड़ी, उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी, पूर्व विधायक राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील कोठारी, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर जैसे नाम शामिल हैं.

इसे भी पढ़ें- 'हमारा प्रत्याशी कमल का फूल है, उसे ही हमें जिताना है' : लोकसभा चुनाव पर बोले कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा

इन लोकसभा सीटों पर हो सकता है बदलाव : केंद्र की राजनीति में भले ही राजस्थान को इतनी तवज्जो नहीं मिलती हो, लेकिन चुनावी मुहिम में राजस्थान भाजपा के लिए बड़ा महत्व रखता है. पिछले दो चुनावों का इतिहास देखा जाए तो भाजपा ने कांग्रेस को क्लीन स्वीप किया है. दोनों ही बार 25 में से 25 लोकसभा सीटों पर एनडीए या भाजपा जीती है. बीजेपी जीत के इस इतिहास को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है, वैसे तो पार्टी सभी सीटों पर जीत को लेकर आश्वस्त है, लेकिन फिर भी ग्राउंड जीरों पर किए गए सर्वे में पार्टी ने कुछ सीटों को कमजोर माना और उनके लिए अलग से रणनीति बनाई है.

15 सीटों पर बदलाव तय : पार्टी सूत्रों की मानें तो 25 लोकसभा सीटों में से करीब 15 से अधिक सीटों पर बदलाव तय माना जा रहा है. इनमें से 6 लोकसभा सीटें तो वो हैं जहां से पार्टी ने सांसदों को विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा. हालांकि इनमें से 3 में हार और 3 में जीत हुई है. अब माना जा रहा है पार्टी इन सभी 6 सीटों पर नए उम्मीदवार उतारेगी, जिनमें राजसमंद से सांसद दीया कुमारी, जयपुर ग्रामीण से सांसद राज्यवर्धन सिंह, अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ के विधायक बनने से यहां पर नए उम्मीदवार तय है. इसी तरह से जालौर-सिरोही से देवजी पटेल, अजमेर से भगीरथ चौधरी और झुंझुनू से नरेंद्र खीचड़ विधानसभा चुनाव हार गए थे, ऐसे में इन तीनों सीटों पर भी प्रत्याशी बदला जा सकता है. इसी तरह से टोंक-सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, जयपुर शहर, भरतपुर, करोली-धौलपुर, चूरू, नागौर, दौसा और डूंगरपुर-बांसवाड़ा लोकसभा सीट पर भी पार्टी प्रत्याशी बदलने पर विचार कर रही है, जबकि कोटा-बूंदी, बारां-झालवाड़, जोधपुर, चितौड़गढ़, बीकानेर, बाड़मेर-जैसलमेर, सीकर और पाली लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसदों को फिर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.

इसे भी पढ़ें- घनश्याम तिवाड़ी का डोटासरा पर पलटवार, बोले- यमुना जल समझौता यूरिया का काम करेगा

इन नए चेहरों को मिल सकता है मौका -

  1. जालौर : सिरोही से मौजूदा सासंद देवजी पटेल को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस सीट पर अब लुम्बाराम चौधरी, सावला राम देवासी और रविंद्र सिंह बालावत मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं.
  2. करौली : धौलपुर से मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया लगातार दो बार से सांसद हैं. ऐसे में एंटी इनकम्बेंसी को देखते हुए उनका टिकट कट सकता है. उनकी जगह हटी राम ठेकेदार, प्रेम सिंह मेहरा, विवेक जाटव, मधुसूदन का नाम चर्चाओं में हैं.
  3. भरतपुर : मौजूदा सांसद रंजीता कोली को लेकर विवाद लगातार सामने आता रहा है, जिसके चलते उनका टिकट कट सकता है. इनकी जगह महिला चेहरे के लिहाज से महापौर रही सुमन कोली को मजबूत प्रत्याशी माना जा सकता है. इसके साथ ही रामस्वरूप कोली व शिवानी दायमा का नाम चर्चा में हैं.
  4. जयपुर ग्रामीण : मौजूदा सांसद राज्यवर्धन सिंह के विधायक बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी किसी राजपूत चेहरे पर दांव खेल सकती है, जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवण सिंह बगड़ी का नाम मजबूत माना जा रहा है.
  5. राजसमंद : मौजूदा सांसद दीया कुमारी के विधायक बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी किसी राजपूत चेहरे पर दांव खेल सकती हैं, जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, के वी सिंह का नाम चर्चाओं में हैं.
  6. अजमेर : मौजूदा सांसद भागीरथ चौधरी को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया लेकिन वे हार गए. ऐसे में अब माना जा रहा है कि अगर पार्टी इस बार भागीरथ चौधरी को टिकट नहीं देती है तो दूसरे जाट चेहरे के तौर पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया पर दांव खेल सकती है.
  7. चूरू : मौजूदा सांसद राहुल कस्वा की अपनी ही पार्टी के नेता राजेंद्र राठोड़ से विधानसभा में दिखी अदावत के बाद उनका टिकट काटा जा सकता है. कस्वा का टिकट कटता है तो पार्टी पैरा ओलंपियन देवेंद्र झाझड़िया को उम्मीदवार बना सकती है. झाझड़िया ने दो बार स्वर्ण पद जीता था.
  8. टोंक-सवाई माधोपुर : मौजूदा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया लगातार दो बार से सांसद होने के चलते एंटी इनकम्बेंसी के चलते उनका टिकट कट सकता है. उनकी जगह कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की बेटी सुनीता बैंसला, राष्ट्रीय मंत्री अलका गुर्जर इसके साथ ही जयपुर ग्रेटर महापौर सौम्या गुर्जर का भी नाम इस सीट पर चर्चाओं में हैं.
  9. नागौर : इस सीट पर पिछली बार भाजपा ने आरएलपी से गठबंधन किया था, लेकिन इस बार पार्टी बिना किसी गठबंधन के अपने ही प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी, इसमें सबसे ज्यादा मजबूत कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा को माना जा रहा है. इसके साथ पूर्व सांसद सीआर चौधरी का भी नाम भी चर्चाओं में हैं.
  10. जयपुर शहर : मौजूदा सांसद रामचरण बोहरा लगातार दो बार से सांसद होने के चलते एंटी इनकम्बेंसी को देखते हुए उनका टिकट कट सकता है. बोहरा के टिकट कटने की स्थिति में प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी और सुनील कोठारी का नाम चर्चाओं में हैं.
  11. बांसवाड़ा : मौजूदा सांसद कनक मल कटारा का टिकट काटा जा सकता है. आदिवासी को साधने और BTP को रोकने के लिए हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीय को मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
  12. झुंझुनू : मौजूदा सांसद नरेंद्र खीचड़ को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया गया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. माना जा रहा है कि अगर पार्टी इस बार खीचड़ को टिकट नहीं देती है तो बीएल रणवा, जिला प्रमुख हर्षिणी कुलहरी और पूर्व विधायक सुभाष पूनिया को मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा है.
  13. भीलवाड़ा : मौजूदा सांसद सुभाष चंद्र बहेरिया दो बार के लगातार सासंद हैं. एंटी इनकम्बेंसी के बीच उनका टिकट कट सकता है. बहेरिया के टिकट करने की स्थिति में पीएम मोदी के करीबी माने जाने वाले दामोदर अग्रवाल, पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर दावेदार माने जा रहे हैं.
  14. उदयपुर : मौजूदा सांसद अर्जुन लाल मीणा के लगातार अस्वस्थ होने के चलते उनका टिकट काटा जा सकता है. मीणा की जगह उदयपुर ग्रामीण से विधायक फूल सिंह मीणा, नरेंद्र मीणा और वंदना मीणा का भी नाम चर्चाओं में हैं.
  15. दौसा : मौजूदा सांसद जसकौर मीणा का टिकट कट सकता है. उनकी जगह जसकौर की बेटी अर्चना मीणा का नाम भी चर्चाओं में है. इसके अलावा पूर्व मंत्री नरेंद्र मीणा और मंत्री किरोड़ी मीणा के भाई पूर्व ब्यूरोक्रेट जगमोहन मीणा का नाम भी मजबूत माना जा रहा है.
Last Updated : Mar 1, 2024, 6:18 PM IST
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