जामताड़ाः संथाल में घटती आदिवासी जनसंख्या और डेमोग्राफी बदलाव को लेकर भाजपा ने अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के बैनर तले आंदोलन शुरू कर दिया है. इसी के तहत जामताड़ा में पार्टी ने रैली का आयोजन किया. जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जमकर राज्य सरकार पर हमला बोला और आदिवासियों की घटती आबादी पर चिंता जताते हुए आदिवासियों के जागरूक होने पर जोर दिया. कहा कि आदिवासी यदि नहीं चेते तो उन्हें अपने अधिकार से वंचित होना पड़ेगा.
जनाक्रोश रैली में बाबूलाल मरांडी ने साधा निशाना
जामताड़ा में भाजपा अनुसूचित जाति जनजाति मोर्चा के बैनर तले जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने जमकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और हमला बोला. रैली में बाबूलाल मरांडी ने कांग्रेस और जेएमएम पर भी निशाना साधा और आदिवासी के नाम पर जेएमएम, कांग्रेस को राजनीति करने और सिर्फ वोट लेने का आरोप लगाया. उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जेएमएम, कांग्रेस सिर्फ आदिवासी के नाम पर वोट लेने का राजनीति करती है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जो वादा किया था वह वादा पूरा नहीं की. बल्कि चुनाव के नजदीक आते देख कई तरह के योजनाएं देकर वोट लेना चाहती है. बाबूलाल ने जेएमएम, कांग्रेस पर झूठ की राजनीति करने का भी आरोप लगाया.
संथाल में घटती आदिवासी जनसंख्या और डेमोग्राफी बदलाव पर जताई चिंता
रैली में बाबूलाल मरांडी ने संथाल में घटती आदिवासी की जनसंख्या और डेमोग्राफी को लेकर चिंता जाहिर की. कहा कि आबादी घटने से यहां के मूलवासी आदिवासी काफी प्रभावित होंगे. उन्हें अपने अधिकार से वंचित रहना पड़ेगा. बाबूलाल ने संथाल में आदिवासी की घटती जनसंख्या और डेमोग्राफी बदलाव को लेकर सरकार से आयोग गठित कर जांच करने की मांग की. उन्होंने कहा कि सरकार आयोग गठित कर जांच करे कि आखिर संथाल में आदिवासी की जनसंख्या घटने के पीछे क्या कारण है. उन्होंने सरकार से सवाल किया कि आखिर सरकार जांच कराने से क्यों पीछे हट रही है.
भाजपा ही आदिवासी को उनके अधिकार और सम्मान देने का करती है काम
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासियों की सुरक्षा, उनकी संस्कृति की रक्षा, उनके अधिकार और सम्मान देने का काम यदि कोई पार्टी करती है तो वह एकमात्र भाजपा है. उन्होंने बताया कि भाजपा ने ही केंद्र में सरकार बनने के बाद एक आदिवासी महिला को देश का राष्ट्रपति बनाने का काम किया. छत्तीसगढ़ और ओडिशा में एक आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का काम भाजपा ने ही किया है.
राज्य सरकार और समाज का बनता है दायित्व.
सभा के बाद बाबूलाल मरांडी ने मीडिया से वार्ता करते हुए संथाल में घटती आदिवासी की आबादी पर बताया कि इससे सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी होंगे. उन्होंने कहा कि आबादी घटने से आने वाले समय में लोकसभा, विधानसभा सीट भी घटेगी. नौकरी में मिलने वाला आरक्षण भी घटेगा. उन्होंने कहा कि इससे मूलवासी आदिवासी का जो अधिकार है, उससे वंचित होना पड़ेगा. कहा कि ऐसे हालात से बचाने का दायित्व समाज और राज्य सरकार का बनता है.
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