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बड़ा एक्शन! बीजेपी के हार के लिए 150 विधायक जिम्मेदार, 2027 के विधानसभा चुनाव में नहीं मिलेगा टिकट - Action against BJP MLA

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 8:03 PM IST

भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हुई पराजय पर एक्शन ढाई साल बाद लेगी. कहा जा रहा है 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2027) में जा रहा है

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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हुई पराजय पर एक्शन ढाई साल बाद लेगी. भारतीय जनता पार्टी की चुनाव में हार को लेकर जो समीक्षा हुई है, उस रिपोर्ट में प्रदेश के लगभग डेढ़ सौ विधायकों को बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की हार का जिम्मेदार माना गया है. करीब 150 विधायकों की संख्या सामने आ रही है. इस रिपोर्ट के जरिए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने बड़े नेताओं को भी बचा रही है. सारी जिम्मेदारी विधायकों पर डालकर संगठन के अपने नेताओं को साफ बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

भारतीय जनता पार्टी
चुनाव में हार के बाद में बीजेपी ने की समीक्षा (भारतीय जनता पार्टी)

भारतीय जनता पार्टी को इस बार लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 2019 के मुकाबले लगभग आधी सीट ही प्राप्त हुई हैं. चुनाव में हार के बाद में बीजेपी की ओर से समीक्षा का काम शुरू किया गया था. विधानसभा क्षेत्र तक प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे थे. जबकि अनेक उम्मीदवारों की बात प्रदेश कार्यालय में सुनी गई थी. इसके बाद में जो रिपोर्ट सामने आई है, उसको केंद्रीय नेतृत्व के हवाले किया जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी
डेढ़ सौ विधायकों को बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की हार का जिम्मेदार माना गया (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की रिपोर्ट की जानकारी कुछ पदस्थ सूत्रों ने ईटीवी भारत को दी है. इसमें हार का सारा ठीकरा भितरघात करने वाले बीजेपी विधायकों पर फोड़ दिया गया है. नेतृत्व के रडार पर आगामी विधानसभा चुनावों में कटेंगे. करीब 100 बीजेपी विधायकों के टिकट जातीय समीकरण पक्ष में होने के बावजूद कई विधायक नहीं जिता पाए. अपनी ही सीट हार की समीक्षा कर रही बीजेपी की स्पेशल टीम ने प्रदेश नेतृत्व को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.

2022 में बीजेपी ने लगभग 80 विधायकों के काटे टिकट काटे थे मगर इस बार यह संख्या डेढ़ सौ तक पहुंच जाएगी. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि विधायकों ने लोकसभा कैंडिडेट के खिलाफ माहौल बनाया. कई विधानसभाओं में विधायकों की निष्क्रियता से भी पार्टी को नुकसान हुआ. ऐसे विधायकों का पार्टी ने पूरा ब्योरा तैयार किया है. सहयोगी दलों ने भी विधायकों की भूमिका को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है. 2027 के चुनाव में इन बातों को ध्यान में रखकर ही पार्टी टिकट वितरण किया जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी
हार का ठीकरा भितरघात करने वाले बीजेपी विधायकों पर डाला गया (फोटो क्रेडिट- भारतीय जनता पार्टी)
भारतीय जनता पार्टी को मिली लगभग 220 विधानसभा सीटों पर हार: लोकसभा चुनाव 2024 को अगर विधानसभा के लिहाज से देखा जाए, तो बीजेपी को लगभग 220 विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा है. इस बात से स्पष्ट है कि स्थानीय विधायक ने उम्मीदवार को सहयोग नहीं किया. मगर पराजय को केवल इसी आधार पर ही नहीं आंका जा सकता है.संगठन के आला पदाधिकारी को बचाने की तैयारी: इस रिपोर्ट के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन की कमियों को छिपाना चाहती है. हार की सारी जिम्मेदारी विधायकों पर डालकर संगठन के उन उच्च पदाधिकारियों को बचाया जा रहा है, जिनकी हार को लेकर पूरी जिम्मेदारी है. विधायक विद्रोह करते रहे और उनको पता नहीं चला. जीती हुई सीटों पर भाजपा के समीकरण खराब थे.

इस बात की जानकारी संगठन के उच्च पदाधिकारी को नहीं मिल सकी. पार्टी में बाहर से लोगों को शामिल करके कार्यकर्ताओं की अनदेखी की रिपोर्ट चुनाव के दौरान नहीं दी गई. इन सारे बिंदुओं को इस रिपोर्ट में नकारा जा रहा है. स्पष्ट है कि संगठन के जिम्मेदारों को बचाकर विधायकों को हार के लिए निवाला बनाने की तैयारी है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ में चाहते हैं अपना घर तो LDA देगा चार नई कालोनियों की सौगात, मिलेंगे हजारों प्लॉट - New Colonies in Lucknow

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में हुई पराजय पर एक्शन ढाई साल बाद लेगी. भारतीय जनता पार्टी की चुनाव में हार को लेकर जो समीक्षा हुई है, उस रिपोर्ट में प्रदेश के लगभग डेढ़ सौ विधायकों को बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की हार का जिम्मेदार माना गया है. करीब 150 विधायकों की संख्या सामने आ रही है. इस रिपोर्ट के जरिए भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने बड़े नेताओं को भी बचा रही है. सारी जिम्मेदारी विधायकों पर डालकर संगठन के अपने नेताओं को साफ बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.

भारतीय जनता पार्टी
चुनाव में हार के बाद में बीजेपी ने की समीक्षा (भारतीय जनता पार्टी)

भारतीय जनता पार्टी को इस बार लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 2019 के मुकाबले लगभग आधी सीट ही प्राप्त हुई हैं. चुनाव में हार के बाद में बीजेपी की ओर से समीक्षा का काम शुरू किया गया था. विधानसभा क्षेत्र तक प्रदेश अध्यक्ष पहुंचे थे. जबकि अनेक उम्मीदवारों की बात प्रदेश कार्यालय में सुनी गई थी. इसके बाद में जो रिपोर्ट सामने आई है, उसको केंद्रीय नेतृत्व के हवाले किया जा रहा है.

भारतीय जनता पार्टी
डेढ़ सौ विधायकों को बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवारों की हार का जिम्मेदार माना गया (फोटो क्रेडिट- ईटीवी भारत)

लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की रिपोर्ट की जानकारी कुछ पदस्थ सूत्रों ने ईटीवी भारत को दी है. इसमें हार का सारा ठीकरा भितरघात करने वाले बीजेपी विधायकों पर फोड़ दिया गया है. नेतृत्व के रडार पर आगामी विधानसभा चुनावों में कटेंगे. करीब 100 बीजेपी विधायकों के टिकट जातीय समीकरण पक्ष में होने के बावजूद कई विधायक नहीं जिता पाए. अपनी ही सीट हार की समीक्षा कर रही बीजेपी की स्पेशल टीम ने प्रदेश नेतृत्व को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है.

2022 में बीजेपी ने लगभग 80 विधायकों के काटे टिकट काटे थे मगर इस बार यह संख्या डेढ़ सौ तक पहुंच जाएगी. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि विधायकों ने लोकसभा कैंडिडेट के खिलाफ माहौल बनाया. कई विधानसभाओं में विधायकों की निष्क्रियता से भी पार्टी को नुकसान हुआ. ऐसे विधायकों का पार्टी ने पूरा ब्योरा तैयार किया है. सहयोगी दलों ने भी विधायकों की भूमिका को लेकर अपनी रिपोर्ट दी है. 2027 के चुनाव में इन बातों को ध्यान में रखकर ही पार्टी टिकट वितरण किया जाएगा.

भारतीय जनता पार्टी
हार का ठीकरा भितरघात करने वाले बीजेपी विधायकों पर डाला गया (फोटो क्रेडिट- भारतीय जनता पार्टी)
भारतीय जनता पार्टी को मिली लगभग 220 विधानसभा सीटों पर हार: लोकसभा चुनाव 2024 को अगर विधानसभा के लिहाज से देखा जाए, तो बीजेपी को लगभग 220 विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा है. इस बात से स्पष्ट है कि स्थानीय विधायक ने उम्मीदवार को सहयोग नहीं किया. मगर पराजय को केवल इसी आधार पर ही नहीं आंका जा सकता है.संगठन के आला पदाधिकारी को बचाने की तैयारी: इस रिपोर्ट के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन की कमियों को छिपाना चाहती है. हार की सारी जिम्मेदारी विधायकों पर डालकर संगठन के उन उच्च पदाधिकारियों को बचाया जा रहा है, जिनकी हार को लेकर पूरी जिम्मेदारी है. विधायक विद्रोह करते रहे और उनको पता नहीं चला. जीती हुई सीटों पर भाजपा के समीकरण खराब थे.

इस बात की जानकारी संगठन के उच्च पदाधिकारी को नहीं मिल सकी. पार्टी में बाहर से लोगों को शामिल करके कार्यकर्ताओं की अनदेखी की रिपोर्ट चुनाव के दौरान नहीं दी गई. इन सारे बिंदुओं को इस रिपोर्ट में नकारा जा रहा है. स्पष्ट है कि संगठन के जिम्मेदारों को बचाकर विधायकों को हार के लिए निवाला बनाने की तैयारी है.

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