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"हिमाचल में सुखविंदर सुक्खू की घोटालेबाज सरकार, बिजली बोर्ड के एक ही टेंडर में 100 करोड़ का भ्रष्टाचार" - Sudhir Sharma attacks on Sukhu Govt

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 2:41 PM IST

Sudhir Sharma attacks on Sukhvinder sukhu: धर्मशाला से बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने हिमाचल बिजली बोर्ड में 100 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. सुधीर शर्मा के मुताबिक उनके पास बकायदा इसके डॉक्यूमेंट भी मौजूद हैं.

सुखविंदर सिंह सुक्खू और सुधीर शर्मा
सुखविंदर सिंह सुक्खू और सुधीर शर्मा (File Photo)

धर्मशाला: कांग्रेस के पूर्व मंत्री और मौूजूदा बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा हिमाचल सरकार पर लगातार हमलावर हैं. वो आए दिन सुक्खू सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है. ताजा आरोप उन्होंने हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड पर लगाया है. सुधीर शर्मा के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में आए दिन घोटाले हो रहे हैं और आलम ये है कि एक टेंडर में ही 100 करोड़ का घोटाला किया गया है.

सुधीर शर्मा का सुक्खू सरकार पर हमला (ETV Bharat)

सुधीर शर्मा ने कहा कि जबसे राज्य में कांग्रेस सरकार ने बनी है तबसे प्रदेश को ऑटो मोड़ पर छोड़ दिया गया है, कोई देखने और पूछने वाला नहीं है. सुधीर शर्मा के मुताबिक "3 जुलाई को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बीओडी की बैठक हुई. जिसमें बहुत से सदस्य, अधिकारी मौजूद नहीं थे. क्योंकि बैठक में आनन-फानन में एक ऐस टेंडर को स्वीकृत किया गया जिसे उसकी कीमत से कई गुना अधिक पर कंपनी को दे दिया गया. इसलिए कई अधिकारी इस बैठक में मौजूद नहीं थे क्योंकि उनको पता था की इस प्रकार का भ्रष्टाचार होने वाला है"

सुधीर शर्मा ने बताया कि इस मामले में वित्त विभाग ने कई प्रकार की आपत्तियां उठाई हैं. पहली आपत्ति ये है कि जीस टेंडर की लागत 175 करोड़ रु है और उसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाना है उस काम के लिए कंपनी ने 245 करोड़ की बोली लगाई और इसे स्वीकृति देने के लिए आनन-फानन में 3 जुलाई को बैठक बुलाइ गई थी. और वित्त विभाग की आपत्ति के बाद भी टेंडर पास कर दिया गया

सुधीर शर्मा ने कहा ये टेंडर दोबारा होना चाहिए था. लेकिन मौजूदा सरकार में ये रवायत बन गई है कि सिंगल बिडर होता है और उसे ही टेंडर दे दिया जाता है. यह खुला भ्रष्टाचार है जो मौजूदा सरकार कर रही है. सुधीर शर्मा ने कहा कि यह कंपनी 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई. कंपना का अनुभव भी सवालों में है और उन्हें टेंडर करीब 39% अधिक कॉस्ट बढ़ाकर दे दिया गया है. यह सीधा 100 करोड़ रु का भ्रष्टाचार है, जो कि वर्तमान प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है.

हिमाचल में 10 जुलाई को 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. सुधीर शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या कहीं मौजूदा चुनाव के खर्चों को पूरा करने के लिए तो ये टेंडर आनन-फानन में नहीं दे दिया गया. क्योंकि ऐसी क्या जल्दी थी कि री टेंडरिंग पर विचार नहीं किया गया. सुधीर शर्मा इससे पहले भी सुखविंदर सुक्खू सरकार पर कई संगीन आरोप लगा चुके हैं. बता दें कि सुधीर शर्मा कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के विधायक थे. फरवरी में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. कांग्रेस के कुल 6 विधायक क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए. जिनमें से 4 सीटें कांग्रेस जीती जबकि 2 सीटें बीजेपी के खाते में आई. धर्मशाला से सुधीर शर्मा ने जीत हासिल की है और जिस विधानसभा क्षेत्र से 3 महीने पहले वो कांग्रेस विधायक थे उसी सीट से अब बीजेपी विधायक हैं.

ये भी पढ़ें: "सीएम की पत्नी का मायका नहीं है देहरा, झूठ बोलते हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू"

धर्मशाला: कांग्रेस के पूर्व मंत्री और मौूजूदा बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा हिमाचल सरकार पर लगातार हमलावर हैं. वो आए दिन सुक्खू सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे है. ताजा आरोप उन्होंने हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड पर लगाया है. सुधीर शर्मा के मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार में आए दिन घोटाले हो रहे हैं और आलम ये है कि एक टेंडर में ही 100 करोड़ का घोटाला किया गया है.

सुधीर शर्मा का सुक्खू सरकार पर हमला (ETV Bharat)

सुधीर शर्मा ने कहा कि जबसे राज्य में कांग्रेस सरकार ने बनी है तबसे प्रदेश को ऑटो मोड़ पर छोड़ दिया गया है, कोई देखने और पूछने वाला नहीं है. सुधीर शर्मा के मुताबिक "3 जुलाई को हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की बीओडी की बैठक हुई. जिसमें बहुत से सदस्य, अधिकारी मौजूद नहीं थे. क्योंकि बैठक में आनन-फानन में एक ऐस टेंडर को स्वीकृत किया गया जिसे उसकी कीमत से कई गुना अधिक पर कंपनी को दे दिया गया. इसलिए कई अधिकारी इस बैठक में मौजूद नहीं थे क्योंकि उनको पता था की इस प्रकार का भ्रष्टाचार होने वाला है"

सुधीर शर्मा ने बताया कि इस मामले में वित्त विभाग ने कई प्रकार की आपत्तियां उठाई हैं. पहली आपत्ति ये है कि जीस टेंडर की लागत 175 करोड़ रु है और उसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जाना है उस काम के लिए कंपनी ने 245 करोड़ की बोली लगाई और इसे स्वीकृति देने के लिए आनन-फानन में 3 जुलाई को बैठक बुलाइ गई थी. और वित्त विभाग की आपत्ति के बाद भी टेंडर पास कर दिया गया

सुधीर शर्मा ने कहा ये टेंडर दोबारा होना चाहिए था. लेकिन मौजूदा सरकार में ये रवायत बन गई है कि सिंगल बिडर होता है और उसे ही टेंडर दे दिया जाता है. यह खुला भ्रष्टाचार है जो मौजूदा सरकार कर रही है. सुधीर शर्मा ने कहा कि यह कंपनी 2022 में उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुई. कंपना का अनुभव भी सवालों में है और उन्हें टेंडर करीब 39% अधिक कॉस्ट बढ़ाकर दे दिया गया है. यह सीधा 100 करोड़ रु का भ्रष्टाचार है, जो कि वर्तमान प्रदेश सरकार के संरक्षण में हुआ है.

हिमाचल में 10 जुलाई को 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. सुधीर शर्मा ने सवाल उठाया कि क्या कहीं मौजूदा चुनाव के खर्चों को पूरा करने के लिए तो ये टेंडर आनन-फानन में नहीं दे दिया गया. क्योंकि ऐसी क्या जल्दी थी कि री टेंडरिंग पर विचार नहीं किया गया. सुधीर शर्मा इससे पहले भी सुखविंदर सुक्खू सरकार पर कई संगीन आरोप लगा चुके हैं. बता दें कि सुधीर शर्मा कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के विधायक थे. फरवरी में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने के बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. कांग्रेस के कुल 6 विधायक क्रॉस वोटिंग के बाद बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसके बाद लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को हिमाचल में 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव भी हुए. जिनमें से 4 सीटें कांग्रेस जीती जबकि 2 सीटें बीजेपी के खाते में आई. धर्मशाला से सुधीर शर्मा ने जीत हासिल की है और जिस विधानसभा क्षेत्र से 3 महीने पहले वो कांग्रेस विधायक थे उसी सीट से अब बीजेपी विधायक हैं.

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