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"हिमाचल में कानून व्यवस्था का निकला जनाजा, भाजपा के विरोध के बाद बिलासपुर गोलीकांड में बंबर ठाकुर का बेटा हुआ गिरफ्तार" - Rakesh Jamwal Slams CM Sukhu - RAKESH JAMWAL SLAMS CM SUKHU

BJP MLA Rakesh Jamwal Slams CM Sukhu Regarding Himachal Law and Order: हिमाचल प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चरम पर चल रही है. भाजपा विधायक राकेश जम्वाल ने बिलासपुर गोलीकांड को लेकर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बाद न चाहते हुए भी बिलासपुर गोलीकांड में बंबर ठाकुर के बेटे को गिरफ्तार करना पड़ा. पढ़िए पूरी खबर...

RAKESH JAMWAL SLAMS CM SUKHU
भाजपा विधायक राकेश जम्वाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 28, 2024, 3:28 PM IST

धर्मशाला: भाजपा विधायक और देहरा उपचुनाव के संयोजक राकेश जम्वाल ने सीएम सुक्खू और कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है. प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है. आए दिन कांग्रेस के प्रभाव के अंतर्गत अपराधियों के हौसले बुलंद है. बिलासपुर गोलीकांड का सरगना पूर्व विधायक बंबर ठाकुर का बेटा जो पकड़ा गया है, वह भाजपा के हस्तक्षेप की बड़ी जीत है. कांग्रेस इस केस को दबाने के लिए हर संभव कार्य कर रही थी, लेकिन भाजपा के उग्र विरोध और प्रदर्शन को देखते हुए विधायक के बेटे को न चाहते हुए भी गिरफ्तार करना पड़ा.

राकेश जम्वाल ने कहा हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी दल सरकार में बने रहने के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार है. मुख्यमंत्री सुक्खू को कुर्सी का ऐसा नशा हो गया है कि देहरा में अपनी पत्नी के चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी भी हद तक झूठ, लालच, फरेब से पीछे नहीं हट रहे. स्कूलों में छोटी बच्चियों के साथ अपराध, महिलाओं पर अपराध, हत्या आए दिन की बातें हो गई है. लेकिन प्रदेश सरकार कुंभकर्णी नींद सोई हुए है. मुख्यमंत्री सुक्खू मात्र कांग्रेस के और अपनी मित्र मंडली के मुख्यमंत्री नहीं है. वो प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं, इसलिए आम लोगों की ओर भी अपना ध्यान दें

उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने 61 विधानसभा क्षेत्रों को हार गई, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है. ऐसे में अपनी साख बचाने के लिए देहरा में कर्मचारियों को धमकाया, भाजपा प्रत्याशियों को परेशान करना, निर्दलीय महिला प्रत्याशी को खरीदने के लिए अपने खासमखास को भेजा, जिसका वीडियो भी प्रदेश की जनता के सामने है. महिलाओं को 1500 के नाम पर भटकाना जैसे कार्य मुख्यमंत्री कर रहे हैं.

राकेश जम्वाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जो की परिवारवाद की पोषक है, वे कब तक आम जनता की भावनाओं के साथ यूहीं मजाक करती रहेगी. आज देहरा में जो कोरी घोषणाएं मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वो खैरात से ज्यादा कुछ नहीं. क्यूंकि अपने निजी हित के लिए पिछले 2 सालों में मात्र चुनावों के समय वादे और घोषणाएं की जाती रही है. जबकि भाजपा ने प्रदेश के हर क्षेत्र और जनता की जरूरत को देखते हुए सौगातें दी थी, जिन्हें इस विकास विरोधी सरकार ने डी-नोटिफाई कर दिया था.

राकेश जम्वाल ने कहा मुख्यमंत्री जो आज तक हिमाचल के 6 बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से परिवारवाद के नाम पर लड़ने का ढोंग करते रहे. आज अपनी महत्वाकांक्षी पत्नी को विधानसभा में बैठाने के लिए कांग्रेस के दावेदार को चेयरमैनशिप की खैरात दे रहे हैं. आए दिन मुख्यमंत्री के पैसा न होने के वीडियो सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को यह बताने का कष्ट करें कि इतने कैबिनेट रैंक, जो उन्होंने अपनी सत्ता बचाने के लिए अपने मित्रों में बंदरबांट की उसके लिए खर्च नहीं होता.

उन्होंने कहा पिछले दिनों 51 लाख आपदा में देने के बाद ऐसा प्रचारित किया गया कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के पास बहुत कम राशि बची थी. जबकि प्रत्याशी का यदि हलफनामा देखा जाए तो 9 करोड़ से ऊपर और पति सुखविंदर सिंह सुक्खू की संपति अपने पहले के दावे की पोल खोलती है. दोनों पति-पत्नी सत्ता के लिए जनता की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. आज देहरा के लिए प्रत्याशी कमलेश का जो प्रेम सामने आ रहा वो आजतक कहां था? जबकि बेटियां तो हर अच्छे बुरे में मायके का ध्यान रखती हैं, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए झूठे वादे करना सही है.

ये भी पढ़ें: पिछले पे-कमीशन का 9000 करोड़ एरियर बकाया, अगला कमीशन सिर पर, सुखविंदर सरकार को चैन नहीं लेने देगी कर्मचारियों-पेंशनर्स की देनदारी

धर्मशाला: भाजपा विधायक और देहरा उपचुनाव के संयोजक राकेश जम्वाल ने सीएम सुक्खू और कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर फेल हुई है. प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है. आए दिन कांग्रेस के प्रभाव के अंतर्गत अपराधियों के हौसले बुलंद है. बिलासपुर गोलीकांड का सरगना पूर्व विधायक बंबर ठाकुर का बेटा जो पकड़ा गया है, वह भाजपा के हस्तक्षेप की बड़ी जीत है. कांग्रेस इस केस को दबाने के लिए हर संभव कार्य कर रही थी, लेकिन भाजपा के उग्र विरोध और प्रदर्शन को देखते हुए विधायक के बेटे को न चाहते हुए भी गिरफ्तार करना पड़ा.

राकेश जम्वाल ने कहा हिमाचल प्रदेश में सत्ताधारी दल सरकार में बने रहने के लिए किसी भी हद तक गिरने को तैयार है. मुख्यमंत्री सुक्खू को कुर्सी का ऐसा नशा हो गया है कि देहरा में अपनी पत्नी के चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी भी हद तक झूठ, लालच, फरेब से पीछे नहीं हट रहे. स्कूलों में छोटी बच्चियों के साथ अपराध, महिलाओं पर अपराध, हत्या आए दिन की बातें हो गई है. लेकिन प्रदेश सरकार कुंभकर्णी नींद सोई हुए है. मुख्यमंत्री सुक्खू मात्र कांग्रेस के और अपनी मित्र मंडली के मुख्यमंत्री नहीं है. वो प्रदेश का नेतृत्व कर रहे हैं, इसलिए आम लोगों की ओर भी अपना ध्यान दें

उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने 61 विधानसभा क्षेत्रों को हार गई, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की है. ऐसे में अपनी साख बचाने के लिए देहरा में कर्मचारियों को धमकाया, भाजपा प्रत्याशियों को परेशान करना, निर्दलीय महिला प्रत्याशी को खरीदने के लिए अपने खासमखास को भेजा, जिसका वीडियो भी प्रदेश की जनता के सामने है. महिलाओं को 1500 के नाम पर भटकाना जैसे कार्य मुख्यमंत्री कर रहे हैं.

राकेश जम्वाल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जो की परिवारवाद की पोषक है, वे कब तक आम जनता की भावनाओं के साथ यूहीं मजाक करती रहेगी. आज देहरा में जो कोरी घोषणाएं मुख्यमंत्री कर रहे हैं, वो खैरात से ज्यादा कुछ नहीं. क्यूंकि अपने निजी हित के लिए पिछले 2 सालों में मात्र चुनावों के समय वादे और घोषणाएं की जाती रही है. जबकि भाजपा ने प्रदेश के हर क्षेत्र और जनता की जरूरत को देखते हुए सौगातें दी थी, जिन्हें इस विकास विरोधी सरकार ने डी-नोटिफाई कर दिया था.

राकेश जम्वाल ने कहा मुख्यमंत्री जो आज तक हिमाचल के 6 बार के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से परिवारवाद के नाम पर लड़ने का ढोंग करते रहे. आज अपनी महत्वाकांक्षी पत्नी को विधानसभा में बैठाने के लिए कांग्रेस के दावेदार को चेयरमैनशिप की खैरात दे रहे हैं. आए दिन मुख्यमंत्री के पैसा न होने के वीडियो सामने आ रहे हैं. मुख्यमंत्री प्रदेश की जनता को यह बताने का कष्ट करें कि इतने कैबिनेट रैंक, जो उन्होंने अपनी सत्ता बचाने के लिए अपने मित्रों में बंदरबांट की उसके लिए खर्च नहीं होता.

उन्होंने कहा पिछले दिनों 51 लाख आपदा में देने के बाद ऐसा प्रचारित किया गया कि मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी के पास बहुत कम राशि बची थी. जबकि प्रत्याशी का यदि हलफनामा देखा जाए तो 9 करोड़ से ऊपर और पति सुखविंदर सिंह सुक्खू की संपति अपने पहले के दावे की पोल खोलती है. दोनों पति-पत्नी सत्ता के लिए जनता की भावनाओं के साथ खेल रहे हैं. आज देहरा के लिए प्रत्याशी कमलेश का जो प्रेम सामने आ रहा वो आजतक कहां था? जबकि बेटियां तो हर अच्छे बुरे में मायके का ध्यान रखती हैं, न कि किसी राजनीतिक लाभ के लिए झूठे वादे करना सही है.

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