पलामूः भारतीय जनता पार्टी के विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव जीते. डॉ. शशिभूषण मेहता दूसरी बार भी पांकी विधानसभा क्षेत्र से दावेदारी कर रहे हैं.
डॉक्टर शशिभूषण मेहता जिस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह लातेहार, चतरा और बिहार के गया जिला के सीमावर्ती क्षेत्र से सटा हुआ है. पांकी विधानसभा क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित के साथ-साथ पोस्ता (अफीम) की खेती के लिए चर्चित रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर ईटीवी भारत ने विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता के साथ खास बातचीत की. इस दौरान डॉ. शशिभूषण मेहता ने कई बिंदुओं पर ईटीवी भारत से बात की और अपने कार्यों को जनता के बीच रखा.
'मेरी जीत गरीब, दलित, शोषित समाज की जी है'
भाजपा विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता कहते हैं कि उनकी जीत से गरीब, शोषित, दलित, वंचित समाज खुश हुए हैं. वह वैसे लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जो लंबे अरसे से मुख्यधारा से वंचित रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव में डॉ. शशिभूषण मेहता खड़े नहीं हो रहे हैं बल्कि पूरी जनता खड़ी हो रही है. उनके विधायक बनने के बाद से इलाके का माहौल बदला है और वैसे लोग जो वर्षों से दबाए गए थे उन्हें ताकत मिली है. विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने कहा कि उनके कार्यकाल में कई कार्य हुए हैं वैसे इलाके जहां लोग नहीं जाते थे वहां के भी लोगों के समस्याओं का समाधान किया गया है. घोर सुदूरवर्ती इलाकों को शहरी क्षेत्र से जोड़ा गया है और वहां आधारभूत संरचनाओं उपलब्ध करवाई गई है.
'महिलाओं को बनाया गया स्वावलंबी'
विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने कहा कि इलाके के महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इस दिशा में उन्होंने हजारों महिलाओं को सिलाई मशीन दिया गया है. पूरे विधानसभा क्षेत्र में 5000 से भी अधिक महिलाओं को यह मशीन उपलब्ध करवाया गया है ताकि वे स्वरोजगार से जुड़ सकें और अपना जीवन यापन कर सकें. उन्होंने अपने निजी खर्चे पर कई सिंचाई परियोजनाओं की मरम्मत करवाई है. विधायक ने कहा कि उनका सपना है कि इलाके में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो. अगले कार्यकाल में कई अधूरी सिंचाई परियोजनाओं के कार्य को पूरा करवाया जाएगा.
'ग्रामीणों से पोस्ता की खेती से दूर रहने की अपील'
भाजपा विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने कहा कि पूरे राज्य में एक समान शिक्षा नीति लागू करने की जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी आगे बढ़ सके और शहरी क्षेत्र के बच्चों के साथ प्रतियोगिता में भागीदारी कर सके. निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अधिक सुविधा उपलब्ध होती है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे संसाधन के अभाव में बराबरी नहीं कर पाते है. इसलिए एक सामान्य शिक्षा नीति लागू करने की जरूरत है. डॉ. शशिभूषण मेहता ने कहा कि ग्रामीणों को पोस्ता की खेती से दूर रहने की जरूरत है. इसके विकल्प में लोगों को पशुपालन या अन्य तरह की खेती करनी चाहिए जिससे उनका जीवनयापन सुचारू रूप हो सके.
डॉ. शशिभूषण मेहता का चुनावी सफर
डॉ. शशिभूषण मेहता अविभाजित झारखंड में सियासत की जमीन मजबूत की. साल 2000 में अलग राज्य गठन के बाद हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाग नहीं लिया. लेकिन डॉ. शशिभूषण मेहता 2005 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे. इस साल वे एलजेएसपी के बैनर तले चुनाव लड़े और हार गये. इस चुनाव में वे सातवें नंबर पर रहे.
2009 के झारखंड विधानसभा चुनाव में डॉ. शशिभूषण मेहता निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे. उन्होंने जदयू और निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे विदेश सिंह को कड़ी टक्कर दी. इस चुनाव में शशिभूषण मेहता तीसरे स्थान पर रहे.
2014 झारखंड विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से शशिभूषण मेहता निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतरे. इस बार परिस्थितियां कुछ अलग नजर आई. कांग्रेस का दामन थामकर विधायक विदेश सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़े. शशिभूषण मेहता ने विदेश सिंह को कड़ी टक्कर देते हुए लगभग दो हजार मतों के अंतर से हार गये.
28 मार्च 2016 में पांकी के वर्तमान विधायक विदेश सिंह का निधन हो गया. उनके निधन के बाद 2016 में पांकी विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराए गये. इस बार डॉ. शशिभूषण मेहता ने झामुमो के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे. इस बार वे कांग्रेस के टिकट पर चुनाव में उतरे स्वर्गीय विदेश सिंह के पुत्र देवेंद्र कुमार सिंह से मात खा गये.
2019 झारखंड विधानसभा चुनाव में डॉ. शशिभूषण मेहता इस बार नये कलेवर में नजर आए. उन्होंने झामुमो का दाम छोड़ भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में नजर आए. इस बार उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस विधायक देवेंद्र कुमार सिंह के साथ हुआ. जिसमें उन्होंने 37 हजार 190 वोटों से कांग्रेस को पटखनी देते हुए पांकी सीट पर जीत हासिल कर ली.
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