रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक और बोकारो से विधायक बिरंची नारायण ने सदन में सवाल उठाया. उन्होंने राज्य की 14 फीसदी आबादी वाले अनुसूचित जाति के लोगों के लिए झारखंड अनुसूचित जाति परामर्शदात्री आयोग (JHARKHAND STATE SHEDULE CASTE ADVISORY COMMISSION) बनाने को लेकर सरकार से प्रश्न किया. इसके जवाब में सरकार की ओर से सकारात्मक जवाब दिया गया है.
भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि मेरे सवाल के जवाब में सरकार ने सदन के अंदर सकारात्मक जवाब दिया है. सरकार को ओर से यह बताया गया है कि राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के लिए अनुसूचित जाति परामर्शदात्री आयोग के गठन की प्रक्रियाधीन है. सरकार की ओर से यह भी आश्वासन दिया गया है कि जल्द ही राज्य में अनुसूचित जाति परामर्शदात्री आयोग का गठन कर लिया जाएगा.
2008 से मामला है लंबितः
भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि वर्ष 2008 में तत्कालीन राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था कि राज्य के अनुसूचित जनजाति के लोगों के विकास के लिए अनुसूचित जाति परामर्शदात्री आयोग बनाया जाएगा. लेकिन किसी न किसी कारण से अभी तक यह अस्तित्व में नहीं आ सका है. मुख्य सचेतक ने कहा कि राज्य में 14 प्रतिशत आबादी अनुसूचित जाति की है और इतनी बड़ी आबादी विकास की दौर में पीछे न छूट जाए. इसलिए झारखंड अनुसूचित जाति परामर्शदात्री आयोग की जरूरत है.
भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने अनुसूचित जाति के लिए परामर्शदात्री कमीशन बनाने को लेकर सकारात्मक पहल के लिए सरकार की प्रशंसा की है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि राज्य में जल्द इसका गठन हो जाएगा और इसका हाल अन्य आयोग जैसा नहीं होगा. झारखंड में अभी TAC यानी ट्राइबल अडवाइजरी काउंसिल अस्तित्व में है. यह समय समय पर बैठक करती है और राज्य के अनुसूचित जनजाति के लोगों के हितों के लिए सलाह देती है.
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