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"सीएम की पत्नी का मायका नहीं है देहरा, झूठ बोलते हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू" - MLA Sudhir Sharma slam CM Sukhu - MLA SUDHIR SHARMA SLAM CM SUKHU

MLA Sudhir Sharma slam CM Sukhu: विधायक सुधीर शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. वहीं, उन्होंने सीएम सुक्खू पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं.

BJP MLA attack on CM Sukhu
सीएम सुक्खू, उनकी पत्नी कमलेशी ठाकुर और बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा (ETV Bharat फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 10:16 PM IST

सुधीर शर्मा, बीजेपी विधायक (ETV Bharat)

कांगड़ा: भाजपा नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कहा सीएम सुक्खू अपनी पत्नी का मायका देहरा बताते हैं जबकि वह देहरा से हैं ही नहीं. उन्होंने सीएम सुक्खू पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार कुछ दिनों की मेहमान है. यह सरकार कुछ दिनों में बदलने वाली है.

सुधीर शर्मा ने कहा कांग्रेस सरकार घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में सात करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत के एक डिजिटाइजेशन टेंडर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं जो कि सरकार के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का प्रमाण है.

मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे, लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड ने टेंडर का आवंटन कर दिया. आवंटन करने का फैसला भी टेंडर कमेटी के कई सदस्यों और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुआ.

यह प्रकरण एक बहुत बड़े घोटाले को अंकित करता है. उन्होंने कहा टेंडर आवंटन करने में राज्य सरकार के स्थापित वित्तीय नियमों की अनदेखी हुई. मार्केटिंग बोर्ड और चेयरमैन के एकमत न होने के कारण टेंडर कॉल एमडी ने किया था, लेकिन आवंटन लेटर चेयरमैन ने दिया. अब कंपनी से एग्रीमेंट कौन करेगा इस पर दुविधा है.

इससे भी बड़ी और गंभीर बात यह थी की इस टेंडर के लिए 14 मई, 2024 को हुई कमेटी की बैठक में कुल चार आवेदकों में से तीन को नॉट क्वालिफाइड घोषित किया गया था. इसी में से एक फर्म को अंत में टेंडर का भी आवंटन हो गया.

प्री-क्वालिफिकेशन स्टेज पर ही टेंडर कमेटी ने एमडी की अध्यक्षता में फाइल पर रि-टेंडरिंग के लिए लिखा था. उनकी अनुपस्थिति में चेयरमैन ने खुद ही मार्केटिंग बोर्ड दफ्तर आकर प्रेजेंटेशन ली और अधूरी कमेटी ने नंबर दिए.

इससे आगे की प्रक्रिया पूरी करवा दी गई. इसमें भी चार में से दो ही फर्म क्वालिफाई हुईं और एमडी ने फिर से रि-टेंडरिंग के लिए लिखा. एक तर्क रेट में वेरिएशन का भी दिया गया जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है, उसने 6.72 करोड़ रुपये लागत दी है, जबकि दूसरी कंपनी ने इसी काम के लिए 14.4 करोड़ रुपये की लागत भरी थी.

टेंडर आवंटन 29 जून, 2024 को हुआ और पहली जुलाई को इस कंपनी ने मार्केटिंग बोर्ड को फिर से रिप्रेजेंट किया. उनका जीएसटी अलग से दिया जाए. इसे भी एक दिन के भीतर ही मान लिया गया. उन्होंने कहा ऐसे ही पर्यटन निगम द्वारा एडीबी फंडिंग से बन रहे कई प्रोजेक्टों के टेंडर नियमों को ताक पर रख कर दिये जा रहे हैं.

वहीं, बीजेपी विधायक ने कहा मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन में पर्यटन निगम के होटल को सेरिकल्चर की जमीन पर बनवा रहे हैं. यह मामला ग्रीन ट्रिब्यूनल में चला गया है और इसकी टेंडर प्रक्रिया में भी भारी धांधली हुई है.

ये भी पढ़ें: "पत्नी के लिए सीएम सुक्खू देहरा में खेल रहे चुनावी स्टंट, छल की राजनीति ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली"

सुधीर शर्मा, बीजेपी विधायक (ETV Bharat)

कांगड़ा: भाजपा नेता एवं विधायक सुधीर शर्मा ने कहा सीएम सुक्खू अपनी पत्नी का मायका देहरा बताते हैं जबकि वह देहरा से हैं ही नहीं. उन्होंने सीएम सुक्खू पर झूठ बोलने के आरोप लगाए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कांग्रेस सरकार कुछ दिनों की मेहमान है. यह सरकार कुछ दिनों में बदलने वाली है.

सुधीर शर्मा ने कहा कांग्रेस सरकार घोटालों के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है. हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड में सात करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत के एक डिजिटाइजेशन टेंडर को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं जो कि सरकार के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का प्रमाण है.

मार्केटिंग बोर्ड के एमडी इस टेंडर को दोबारा से करने की बात फाइल पर लिखते रहे, लेकिन कृषि सचिव एवं चेयरमैन मार्केटिंग बोर्ड ने टेंडर का आवंटन कर दिया. आवंटन करने का फैसला भी टेंडर कमेटी के कई सदस्यों और अध्यक्ष की अनुपस्थिति में हुआ.

यह प्रकरण एक बहुत बड़े घोटाले को अंकित करता है. उन्होंने कहा टेंडर आवंटन करने में राज्य सरकार के स्थापित वित्तीय नियमों की अनदेखी हुई. मार्केटिंग बोर्ड और चेयरमैन के एकमत न होने के कारण टेंडर कॉल एमडी ने किया था, लेकिन आवंटन लेटर चेयरमैन ने दिया. अब कंपनी से एग्रीमेंट कौन करेगा इस पर दुविधा है.

इससे भी बड़ी और गंभीर बात यह थी की इस टेंडर के लिए 14 मई, 2024 को हुई कमेटी की बैठक में कुल चार आवेदकों में से तीन को नॉट क्वालिफाइड घोषित किया गया था. इसी में से एक फर्म को अंत में टेंडर का भी आवंटन हो गया.

प्री-क्वालिफिकेशन स्टेज पर ही टेंडर कमेटी ने एमडी की अध्यक्षता में फाइल पर रि-टेंडरिंग के लिए लिखा था. उनकी अनुपस्थिति में चेयरमैन ने खुद ही मार्केटिंग बोर्ड दफ्तर आकर प्रेजेंटेशन ली और अधूरी कमेटी ने नंबर दिए.

इससे आगे की प्रक्रिया पूरी करवा दी गई. इसमें भी चार में से दो ही फर्म क्वालिफाई हुईं और एमडी ने फिर से रि-टेंडरिंग के लिए लिखा. एक तर्क रेट में वेरिएशन का भी दिया गया जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है, उसने 6.72 करोड़ रुपये लागत दी है, जबकि दूसरी कंपनी ने इसी काम के लिए 14.4 करोड़ रुपये की लागत भरी थी.

टेंडर आवंटन 29 जून, 2024 को हुआ और पहली जुलाई को इस कंपनी ने मार्केटिंग बोर्ड को फिर से रिप्रेजेंट किया. उनका जीएसटी अलग से दिया जाए. इसे भी एक दिन के भीतर ही मान लिया गया. उन्होंने कहा ऐसे ही पर्यटन निगम द्वारा एडीबी फंडिंग से बन रहे कई प्रोजेक्टों के टेंडर नियमों को ताक पर रख कर दिये जा रहे हैं.

वहीं, बीजेपी विधायक ने कहा मुख्यमंत्री ने अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन में पर्यटन निगम के होटल को सेरिकल्चर की जमीन पर बनवा रहे हैं. यह मामला ग्रीन ट्रिब्यूनल में चला गया है और इसकी टेंडर प्रक्रिया में भी भारी धांधली हुई है.

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