हजारीबाग:जिले में दुर्गा पूजा की धूम है और शारदीय नवरात्र में भक्त मां भगवती के उपासना में लीन हैं. हर किसी के उपासना की तरीका अलग होता है. कोई पूरे नवरात्र फलाहार पर रहकर देवी की उपासना करता है तो कोई छाती पर कलश रखकर मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा करता है. इसी क्रम में हजारीबाग के भाजपा नेता अमित सिन्हा भी नवरात्र का व्रत कर रहे हैं, लेकिन उनकी पूजा का तरीका अलग है.
नौ दिनों तक मौन व्रत का लिया है संकल्प
भाजपा नेता अमित सिन्हा नवरात्र पर पूरे 9 दिनों तक मौन व्रत रखकर मां की उपासना करने का संकल्प लिया है और उनका व्रत जारी है. इन नौ दिनों में वो सिर्फ फलाहार पर रहेंगे और मां की आराधना करेंगे. पहले पूजा के दिन से ही उनका यह अनुष्ठान शुरू हो गया है, जो नवमी के दिन हवन के बाद समाप्त हो जाएगा.
व्हाट्सएप के जरिए भी लोगों से संपर्क करते हैं
हालांकि मौन व्रत के दौरान यदि किसी को भाजपा नेता अमित सिन्हा से काम पड़ता है तो वे अपनी बातों को लिख कर बता सकता है. बीजेपी नेता अमित सिन्हा मौन व्रत के दौरान लोगों से बातचीत करने के लिए तकनीक की भी सहायता ले रहे हैं. वे व्हाट्सएप के जरिए भी लोगों से संवाद कर रहे हैं.
उन्होंने लिखकर बताया कि भले ही नवरात्र में वो मौन व्रत में हैं, लेकिन लोगों से संपर्क टूटा नहीं है .जगह-जगह कार्यक्रम में हिस्सा भी ले रहे हैं. मौन व्रत होने के कारण वार्ता नहीं करते हैं.
चार वर्षों से जारी है अनुष्ठान
उन्होंने अपनी दिनचर्या के बारे में लिखकर बताया है. उन्होंने बताया कि सुबह उठने के बाद वो सबसे पहले नित्य क्रिया कर्म करते हैं और स्नान करने के बाद मंदिर जाते हैं. वहां पूजा करने के बाद वो अपने दैनिक काम में लग जाते हैं. पिछले 4 वर्षों से भाजपा नेता यह अनुष्ठान कर रहे हैं.
लोगों की खुशहाली के लिए रखा मौन व्रत
चुनावी मौसम में बीजेपी नेता अमित सिन्हा के लिए यह मौन व्रत थोड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन उनका कहना है कि मां की भक्ति से उन्हें शक्ति मिलती है. उन्होंने हजारीबाग के लोगों की खुशहाली और उन्नति के लिए मौन व्रत रखा है.
नर्सिंग स्थान के पुजारी ने दी जानकारी
वहीं इस संबंध में हजारीबाग के नर्सिंगस्थान के मुख्य पुरोहित उपेंद्र कुमार मिश्रा कहते हैं कि दुर्गा पूजा के दौरान मौन व्रत रखकर आराधना करने वाले शख्स बेहद कम होते हैं. हो सकता है कि अमित सिन्हा हजारीबाग इकलौते मौन व्रत करने वाले उपासक हो. पुरोहित ने बताया कि यह कठिन व्रत है. जो यह व्रत नियम के साथ पूरा करता है मां उसकी हर मुराद पूरी करती हैं.
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