रांची: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आता जा रहा है वैसे-वैसे सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने मूल चुनावी मुद्दे को पोटली से निकालने की तैयारी करने लगी है. एक ऐसा ही मुद्दा है UCC यानी यूनिफार्म सिविल कोड का है. भारतीय जनता पार्टी ने एक साथ अलग राज्य के अस्तित्व में आये उत्तराखंड में UCC के लागू किये जाने का स्वागत करते हुए झारखंड में भी इसे लागू करने की मांग शुरू कर दी है तो दूसरी ओर झारखंड मुक्ति मोर्चा की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने इसका विरोध किया है.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की सोच थी एक देश एक कानून- राफिया नाज
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि उनके पथ-प्रदर्शक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक देश एक कानून के समर्थक थे. भाजपा अपने पथ प्रदर्शक के बताए राह पर आगे बढ़ना चाहती है. भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश प्रवक्ता राफिया नाज ने उत्तराखंड की तर्ज पर झारखंड में भी UCC लागू करने की मांग करते हुए कहा कि यह न सिर्फ वास्तविक रूप से धर्मनिरपेक्ष है बल्कि यह लैंगिग और धार्मिक भेदभाव को भी दूर करता है. भाजपा नेता ने UCC पर काम चलने की बात स्वीकारते हुए कहा कि जब हम दूसरे देश जाते हैं तो वहां का कानून मान सकते हैं तो फिर अपने देश में सभी के लिए एक कानून मानने में किसी को क्या दिक्कत है?
धर्म निजी मामला नहीं है- भाजपा
UCC के समर्थन में तर्क देते हुए झारखंड भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राफिया नाज ने कहा कि धर्म निजी मामला नहीं है. जब हम धर्म का पालन सभी के साथ मिलकर करते हैं तो फिर यह निजी मामला कैसे हो गया?
लोकतांत्रिक व्यवस्था और सामाजिक ताना-बाना को तहस नहस करना चाहती है भाजपा- महुआ माजी
झारखंड में भाजपा की ओर से UCC का मुद्दा उठाने को लेकर झामुमो के राज्यसभा सदस्य महुआ माजी ने कहा कि दरअसल भाजपा विवादित मुद्दों का चुनावी फायदा लेना चाहती है. वह देश और राज्य की लोकतांत्रिक व्यवस्था को तहस नहस करने में लगी है. लेकिन झामुमो इसे होने नहीं देगा. क्योंकि यहां के जनजातीय समुदाय कभी इसे स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज कानून से ज्यादा कस्टम से चलता है, ऐसे में एक देश-एक कानून यहां कैसे संभव है. महुआ माजी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने में भाजपा लगी है और UCC भी उसका एक उदाहरण है.
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