नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली समेत देश के अन्य राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला. कहा कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करने में पूरी तरीके से फेल है और वह चाह रही है कि दिल्ली उन्हें मिल जाए. जम्मू कश्मीर में 10 साल में ये लोग सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित नहीं कर सके.
दिल्ली सचिवालय में सोमवार को प्रेस वार्ता कर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में त्योहार से पहले दहशत का माहौल है. विभिन्न त्योहारों के चलते करीब 1 महीने तक दिल्ली के बाजारों में लाखों लोगों की भीड़ रहेगी. लोग एक दूसरे के घर उपहार लेकर जाएंगे तो जाहिर सी बात है कि वे खरीदारी भी करेंगे. दिल्ली के लोगों को घर से निकलते हुए डर लग रहा है कि न जाने कहां पर गैंगवार शुरू हो जाए? कहां गोली चल जाए, कहां बम फट जाए?
कल जम्मू-कश्मीर में 7 प्रवासी लोगों को आतंकवादियों ने मार दिया। इन हत्याओं के जरिए आतंकवादियों ने संदेश दिया है कि वे बाहर से आने वाले लोगों को स्वीकार नहीं करेंगे।
— AAP (@AamAadmiParty) October 21, 2024
अब केंद्र सरकार को चाहिए कि बीजेपी के 5000 बहादुर कार्यकर्ताओं को कश्मीर भेजकर वहाँ टनल का निर्माण कराया जाए।
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पता नहीं कब किसके घर में घुसकर हत्या और डकैती हो जाए. क्या भाजपा की केंद्र सरकार इतनी भी काबिल नहीं है कि दिल्ली जैसे शहर की कानून व्यवस्था को सुधार सके. भाजपा के लोग इसे राज्य नहीं बल्कि शहर मानते हैं. लेकिन इनसे 50 किलोमीटर का शहर नहीं संभल रहा है. जबकि सुरक्षा से जुड़े सभी विभागों के हेडक्वार्टर दिल्ली में ही हैं.
भाजपा पर जम्मू-कश्मीर के पंडितों के साथ धोखा करने का आरोप
भारतीय जनता पार्टी के पास 10 साल से कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था है. पहले भाजपा महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार में थी. आज भी वहां की कानून व्यवस्था उनके हाथ में है. कहा जा रहा था कि पंजाब, उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों का रहने वाला व्यक्ति कश्मीर में जाकर फैक्ट्री लगाएगा. भाजपा के लोग अनंतनाग में फ्लैट का रेट पूछ रहे थे.
मैं भारतीय जनता पार्टी से पूछना चाहता हूं कि उनके कितने कार्यकर्ताओं ने वहां फ्लैट खरीदे और कितने कार्यकर्ताओं ने जाकर वहां फैक्ट्री लगाई? अनुपम खेर तक को विश्वास नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें सुरक्षा दे पाएगी. मैं कुछ दिन पहले दिल्ली में रहने वाले कश्मीर के लोगों की कॉलोनी में गया. वहां लोग कह रहे थे कि कोई भी कश्मीर वापस नहीं गया. क्योंकि माहौल नहीं है वहां पर जाने का. आज कश्मीरी पंडित कहते हैं कि भाजपा ने उन्हें धोखा दिया है.
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भाजपा ने कश्मीरी पंडित के नाम पर राजनीति की लेकिन उन्हें वापस कश्मीर में नहीं बसाया. कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों को उग्रवादियों ने गोली मार दी लेकिन यह लोग कुछ नहीं कर सके. कश्मीर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को ढूंढ कर मारा गया. इसके जरिए उग्रवादियों ने यह संदेश देना चाहा कि हम यहां पर बाहर के लोगों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. केंद्र सरकार को अपने 5000 बहादुर कार्यकर्ताओं को भेजना चाहिए था जो कहते कि हम टनल का निर्माण करेंगे. भाजपा को उनको सुरक्षा देनी चाहिए थी.
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