जींद: जींद जिला परिषद अध्यक्ष की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. कुछ दिनों पहले जिला परिषद अध्यक्ष मनीषा रंधावा ने दावा किया था कि वो और उनके पति कुलदीप रंधावा बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इस बीच मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा ने पानीपत में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ एक फोटो भी डाला था. फोटों के कैप्शन में उन्होंने लिखा था कि वे बीजेपी में शामिल हो चुकी है. इस पर बुधवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष तिजेंद्र ढुल ने कहा है कि सीएम के साथ फोटो खिंचवाना पार्टी की सदस्यता ग्रहण करना नहीं है.
हर कोई चला जाता है सीएम से मिलने: तिजेन्द्र ढुल ने कहा कि मनीषा रंधावा और कुलदीप रंधावा के भाजपा में शामिल होने की कोई आधिकारिक सूचना उनके पास नहीं है. कोई भी अगर सीएम से मिलने चला जाता है और उन्हें फूलों का गुलदस्ता देता है, तो मुख्यमंत्री मना नहीं करते. मुख्यमंत्री ने उन्हें और उनके पति को भाजपा में शामिल किया है, ऐसी कोई सूचना हमारे पास नहीं है. 13 दिसंबर को जिला परिषद चेयरपर्सन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक होनी है. बैठक में हर चीज क्लियर हो जाएगा.
मनीषा रंधावा के पार्टी ज्वायन करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. किसी भी नेता को पार्टी ज्वाइन प्रदेशाध्यक्ष या जिलाध्यक्ष करवाता है.मनीषा रंधावा की सदस्यता से संबंधित जिला बीजेपी के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. पार्टी के टोल फ्री नंबर पर मिस कॉल सदस्यता हो सकती है, लेकिन इसके बाद प्राथमिक तथा सक्रिय सदस्य होना जरूरी है. -तिजेंद्र ढुल, जिला अध्यक्ष, भाजपा
25 सदस्यों में से 18 सदस्यों ने खोला मोर्चा: तकरीबन दो साल पहले मनीषा रंधावा जेजेपी के समर्थन से जिप अध्यक्षा निर्वाचित हुई थी. उन्होंने भाजपा समर्थित प्रत्याशी को एक मत से हराया था. उसी दौरान जेजेपी भाजपा गठबंधन की सरकार थी. विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन भी टूट गया था. चुनाव में मनीषा रंधावा ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था. चुनाव में भाजपा की पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बन गई. इसके बाद तीन दिसंबर को 25 सदस्यीय जिप में से 18 पार्षदों ने डीसी का शपथ पत्र देकर जिप अध्यक्षा के खिलाफ अविश्वास बैठक बुलाने की मांग की थी. जिस पर डीसी ने 13 दिसंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक निर्धारित की हुई है. मनीषा रंधावा को अविश्वास प्रस्ताव पर पार पाने के लिए दो पार्षदों की और जरूरत है.
बीजेपी जिला अध्यक्ष तिजेन्द्र ढुल का दावा है कि मनीषा रंधावा ने विधिवत बीजेपी पार्टी ज्वाइन नहीं किया है. जिससे साफ है कि कांग्रेस को छोड़ कर बीजेपी का दामन थामने वाली जिप अध्यक्षा मनीषा रंधावा को उनके खिलाफ 13 दिसंबर को लाया जाने वाला अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा.
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