बूंदी : आगामी 22 अगस्त से आयोजित होने वाले ऐतिहासिक कजली तीज मेले को लेकर गुरुवार को कुंभा स्टेडियम स्थित अंबेडकर भवन में बुलाई गई नगर परिषद की विशेष बोर्ड बैठक हंगामेदार रही. भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर हुए हंगामे के बीच कांग्रेस-भाजपा पार्षद आपस में भिड़ गए. बैठक में वित्तीय स्वीकृति जारी करते हुए 80 लाख का बजट पारित किया गया. बैठक में सभापति मधु नुवाल, उपसभापति लटूर भाई, उपखंड अधिकारी दीपक मित्तल तथा कार्यवाहक आयुक्त अरूणेश सहित 50 पार्षद बैठक में शामिल रहे.
बैठक में लगातार भाजपा पार्षदों के विरोध के बीच सभापति मधु नुवाल ने बैठक समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि पिछले वर्ष के बजट का इस वर्ष 10 फिसदी बढ़ा कर 80 लाख के बजट से 15 दिवसीय कजली मेला आयोजित होगा. 22 व 23 अगस्त को भव्य शोभा यात्रा शहर में निकाली जाएगी, जिसमें ऊंट, घोड़े, हाथी, स्कूली छात्र-छात्राओं की मनमोहक झांकियां सम्मिलित होंगी. वहीं, कुम्भा स्टेडियम में अलगोजा वादन, राजस्थानी सांस्कृतिक कार्यक्रम, बॉलीवुड नाइट, स्टार नाइट, राजस्थानी व हिन्दी कवि सम्मेलन सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे.
भ्रष्टाचार के आरोप लगाने पर भिड़े पार्षद : बैठक में नेता प्रतिपक्ष मुकेश माधवानी ने चर्चा करते हुए सभापति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाए तो कांग्रेस पार्षद मोइनुद्दीन फॉरवर्ड ने उनसे माइक छीनने का प्रयास किया. इस बात को लेकर दोनों पक्षों के पार्षद आपस में उलझ गए और बात हाथापाई तक पहुंच गई. बाद में दोनों को बैठक में मौजूद अन्य लोगों व सदर थाना पुलिस के जवानों ने समझाइश कर शांत किया. इस दौरान भाजपा पार्षदों ने सभापति के समिति बनाने वाले प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
वहीं, कांग्रेस के पार्षद देवराज गोचर ने कांग्रेस की सभापति पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए शहर की सफाई व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाया. जबकि कांग्रेसी पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन ने पूर्व आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया पर पूर्व मीटिंग में पास किए गए प्रस्ताव लंका गेट, कोटा रोड के पट्टे के प्रस्ताव राज्य सरकार को लिखित में नहीं भेजने को लेकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की.
आरोप लगाना तो सबको आता है : वहीं, कांग्रेस पार्षद टीकम जैन ने नेता प्रतिपक्ष के आरोपों का विरोध करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं, वह पूरी तरह से गलत है. वह आज दिन तक कजली तीज मेले के कार्यक्रमों में शामिल भी नहीं हुए हैं, आरोप लगाना तो सबको आता है.
भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया तो की हाथापाई : नेता प्रतिपक्ष मुकेश माधवानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि वित्त समिति की अध्यक्ष सभापति है, जिन्होंने सभी शक्तियां अपने केंद्र में रखी हुई है. उनकी लापरवाही के कारण बूंदी शहर के विकास के 5 करोड़ रुपये डूब गए और 15वें वित्त आयोग के पहले और दूसरी किस्त केवल मात्र यूडी टैक्स समय पर वसूल नहीं करने के कारण लेफ्ट हो गई. मैंने जब सभापति महोदय पर आरोप लगाया कि आपके कब्जे से नगर परिषद में 11 बीघा सरकारी जमीन को मुक्ति करवाया और उसे पर खड़ी गेहूं की फसल आपने नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिली भगत कर चोरी करवा दी. चार सालों में पट्टे शिविरों से लेकर सड़कों सहित तमाम विकास कार्यों में भ्रष्टाचार हुए हैं, जिनकी एसीबी जांच कर रही है. बोर्ड बैठकों में भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाए जाने पर कांग्रेस पार्षद अब में आकर धमकाते हैं, मारपीट करते हैं.
भाजपा पार्षद नहीं करवा पा रहे भाजपा सरकार के आदेशें की पालना : कांग्रेसी पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन ने बीजेपी के नेता और जनप्रतिनिधियों पर जनता के मुद्दों के प्रति गंभीर नहीं होने के आरोप लगाए और कहा कि राज्य में भाजपा सरकार होने के बावजूद वें जनता को पट्टे देने के राज्य सरकार के आदेश की पालना तक नहीं करवा पा रहे हैं. इन्होंने स्वयं सहायता की महिलाओं को तीज मेले में 15 दुकानें निशुल्क आरक्षित करने की बात भी कही.