देहरादून: लोकसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में प्रत्याशियों के नामांकन का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस कड़ी में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के हरिद्वार से प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत नामांकन के दौरान पुरानी परंपराओं को तोड़कर नई शुरुआत करने जा रहे हैं. यह नई शुरुआत डिजिटल इंडिया के उस आह्वान से जुड़ी है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संदेशों में कहते रहे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डिजिटल इंडिया के संदेश के तहत डिजिटल नामांकन को लेकर अपनी बात रखी. साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों पर भी कटाक्ष किया.
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत आज नामांकन की प्रक्रिया में शामिल होने वाले हैं. यानी वह नामांकन के लिए निर्वाचन अधिकारियों के सम्मुख प्रस्तुत होंगे. वैसे तो आमतौर पर राजनीतिक दलों की नामांकन के दिन भीड़भाड़ और शक्ति प्रदर्शन को लेकर एक खास परंपरा रही है, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत इस बार उस परंपरा को तोड़कर शांतिपूर्वक नामांकन करवाने वाले हैं.
त्रिवेंद्र सिंह रावत भारी भीड़ के साथ निर्वाचन आयुक्त के कार्यालय में पहुंचकर लोगों को जन समर्थन का संदेश देने से क्यों परहेज कर रहे हैं, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने त्रिवेंद्र सिंह रावत से एक्सक्लूसिव बातचीत की. साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस से जुड़े भी कुछ सवालों के जवाब लिए.
त्रिवेंद्र सिंह रावत आज नामांकन करवाने वाले हैं और उनका यह नामांकन ऑनलाइन होगा. बताया गया है कि वह रुड़की में ऑनलाइन नामांकन करवाएंगे. त्रिवेंद्र सिंह रावत ऐसा क्यों कर रहे हैं इसको लेकर ईटीवी भारत संवाददाता ने त्रिवेंद्र से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल इंडिया का आह्वान करते हुए देश को डिजिटल बनाने में जुटे हैं.
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया मोदी की एक परिकल्पना है, इसी परिकल्पना में वह अपनी आहुति या योगदान देना चाहते हैं. इसीलिए उन्होंने अपने नामांकन को डिजिटल रूप में करने का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा कि शक्ति प्रदर्शन के कारण नामांकन के दिनों में आम लोगों को बेवजह सड़कों पर परेशान होना पड़ता है. वह नहीं चाहते कि सड़कों पर राजनीतिक दलों के नामांकन कार्यक्रमों के कारण जाम लगे. इसीलिए वह इस बार नामांकन ऑनलाइन करने वाले हैं. आमतौर पर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों द्वारा नामांकन के दिन भारी भीड़ के साथ नामांकन करवाया जाता है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि पुरानी चली आ रही परंपरा को ना करते हुए वह ऑनलाइन प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे. वह कहते हैं कि शक्ति प्रदर्शन के कारण उनके नामांकन में कोई कमी महसूस नहीं होगी. क्योंकि जनता समझदार है और वैसे भी अपनी ताकत दिखाने के प्रत्याशियों को कई मौके मिलते हैं. स्टार प्रचारकों के लोकसभा क्षेत्र में पहुंचने पर भी जनसभाएं होती हैं और उस दौरान भी अपनी ताकत दिखाई जा सकती है.
कांग्रेस पार्टी द्वारा हरिद्वार लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी का नाम तय न करने के सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि वैसे तो यह कांग्रेस का आंतरिक मसला है, लेकिन मौजूदा हालात से यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस चुनाव को लेकर विचलित है और इसीलिए वह निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. कांग्रेस की हालत विमूढ़ जैसी लगती है.
त्रिवेंद्र सिंह रावत कहते हैं कि भले ही उनके सामने हरीश रावत हों लेकिन यह लड़ाई विचारधारा की लड़ाई होगी और कांग्रेस मुक्त भारत कि इस लड़ाई में भाजपा लगातार आगे बढ़ रही है और कांग्रेस के मकसद को नष्ट किया जा रहा है.
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