बीकानेर. लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपनी पहली सूची जारी कर दी है. इस सूची में बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से चौथी बार अर्जुन राम मेघवाल को प्रत्याशी घोषित किया है. अर्जुन राम मेघवाल के प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद उनके समर्थकों में उत्साह नजर आया और सांसद सेवा केंद्र पर आतिशबाजी की गई. करीब 15 साल पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा से वीआरएस लेकर राजनीति में आए मेघवाल चौथी बार बीकानेर से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी होंगे. आइए डालते हैं एक नजर अर्जुन राम मेघवाल के प्रोफाइल पर:
शिक्षा के प्रति रहे जागरूक: मेघवाल का जन्म 20 दिसंबर, 1953 को बीकानेर उदयरामसर गांव में हुआ. सामान्य परिवार से संबंध रखने वाले लाखूराम मेघवाल और हीरादेवी मेघवाल के पुत्र अर्जुन राम शुरु से शिक्षा के प्रति जागरूक रहे. उन्होंने बीकानेर के डूंगर कॉलेज से स्नातक किया. इसके बाद फिलीपींस में शिक्षा ग्रहण की. राजनीतिक विज्ञान में एमए के साथ ही एलएलबी, एमबीए डिग्री प्राप्त की. इनकी पत्नी पाना देवी घरेलू महिला हैं और इनके दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं.
पढ़ें: विधानसभा-लोकसभा चुनाव में अजेय रहे ओम बिरला, अचानक से स्पीकर बन चौंकाया था, अब फिर बने प्रत्याशी
फोन ऑपरेटर से कलेक्टर फिर बने मिनिस्टर: 1974 में अर्जुन राम मेघवाल ने बतौर टेलीफोन ऑपरेटर सरकारी नौकरी की शुरुआत की. 1982 तक वे इस सेवा में रहे और 1982 में राज्य उद्योग सेवा में उनका चयन हुआ और इस दौरान में पाली, झुंझुनूं, धौलपुर, श्रीगंगानगर, राजसमंद, जयपुर, अलवर सहित अन्य स्थानों पर पदस्थापित रहे. प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा के ओएसडी रह चुके मेघवाल बाड़मेर में एडीएम भी रहे. इसके अलावा श्रीगंगानगर शुगर मिल्स के GM रहे.
पढ़ें: उदयपुर से भाजपा ने मन्नालाल रावत को बनाया प्रत्याशी, अर्जुन लाल मीणा की कटी टिकट
आईएएस से लिया वीआरएस: विभागीय कोटे से 2006 में अर्जुन राम मेघवाल का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में हुआ और करीब दो वर्ष चूरू जिले के कलेक्टर रहे और इसके बाद और शिक्षा विभाग राजसीको और वाणिज्यकर विभाग में अतिरिक्त आयुक्त भी रहे. वर्ष 2009 में बीकानेर संसदीय क्षेत्र के परिसीमन के बाद आरक्षित होने पर भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया. मेघवाल वीआरएस लेकर राजनीति में आए और बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते. 2014 और 2019 में भी मेघवाल को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया और लगातार तीन बार से वे बीकानेर से सांसद हैं. इस बार चौथी बार भाजपा ने मेघवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.
दलित नेता के तौर पर प्रभाव: भाजपा में दलित नेता के तौर पर अर्जुन राम मेघवाल ने अपना एक स्थान है. पार्टी आलाकमान द्वारा दी गई संगठन और सरकार की जिम्मेवारियों को मेघवाल ने बखूबी निभाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का विश्वास हासिल किया. पुडुचेरी का विधानसभा चुनाव, राष्ट्रपति चुनाव में मिली जिम्मेदारी को लेकर मेघवाल काफी सक्रिय रहे. संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के बाद दलित नेता के तौर पर अर्जुन मेघवाल ही वे दूसरे चेहरे हैं जिन्हें कानून मंत्री की जिम्मेदारी मिली है.