नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि गत दस साल से दिल्ली वाले अरविंद केजरीवाल के बड़े बड़े फरेबी दावों के बीच यह दावा सुन रहे हैं कि हमारी सरकार का बजट सरप्लस बजट है. इसी कथन की आड़ में यह दुनिया भर की नई योजनाएं बिना नए आर्थिक संसाधनों को ला रहे हैं. 10 साल के आर्थिक मिस मैनेजमेंट का नतीजा है कि जिस आज चालू योजनाओं की पूर्ति के लिए पैसा नहीं है.
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के 10 साल के आर्थिक मिस मैनेजमेंट का परिणाम है कि 2023-24 में फिसली आर्थिक स्थिति के चलते अब 2024-25 का बजट दिल्ली के विधायी इतिहास का पहला घाटे का बजट बन चुका है. सरकार के पास 2024-25 की बजट योजनाओं को पूरा करने के भी लिक्विड फंड नहीं है और वित्तीय स्थिति इतनी खराब है कि शायद दिसम्बर 2024 से दिल्ली सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन भी नहीं दे पाएगी.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि अक्सर बजट घाटा तब होता है जब रेवेन्यू खर्च के मुकाबले कम हो, पर दिल्ली सरकार का रेवेन्यू साल दर साल बढ़ रहा है. बढ़ते रेवेन्यू के बावजूद केजरीवाल सरकार के बजट के घाटे में जाने का मूल कारण है बिना आर्थिक संसाधन जुटाए योजनाएं लागू कर देना.
सरकार के पास वेतन देने तक के पैसे नहीं: उन्होंने कहा कि आज दिल्ली को पावर सब्सिडी, ट्रांसपोर्ट विभाग, सिंचाई विभाग, निर्माणाधीन अस्पतालों, मेट्रो, न्यायालय परिसर एवं न्यायालय वेतन खर्च वृद्धि आदि तक के लिए 7000 करोड़ रुपए चाहिए, पर दिल्ली सरकार के पास पैसा तक नहीं है. केन्द्र सरकार के साथ मिलकर जो योजनाएं लागू होनी होती है उसका भी दिल्ली सरकार अपना हिस्सा टाइम पर नहीं देती है. इस कारण वह रूक गई हैं.
केजरीवाल और अतिशी को "झूठ की मशीन": वहीं, दिल्ली प्रदेश भाजपा मंत्री हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं पर तीखा हमला बोलते हुए एक वीडियो जारी किया. वीडियो में उन्होंने अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री अतिशी को "झूठ की मशीन" बताया. खुराना ने आप सरकार की नीतियों और प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल उठाए.
उन्होंने कहा कि दिल्ली राज्य पूर्ण राज्य नहीं है, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश है. इसलिए यहां मुख्यमंत्री निवास का कोई स्थायी स्थान नहीं होता. खुराना ने अपने पिता स्वर्गीय मदन लाल खुराना के मुख्यमंत्री कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 1993 में जब उनके पिता मुख्यमंत्री बने थे, तब उनके परिवार ने 33 श्यामनाथ मार्ग पर निवास करता था. इसके बाद उन्होंने कहा कि जब स्वर्गीय साहिब सिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने 9 श्यामनाथ मार्ग को मुख्यमंत्री आवास के रूप में चुना. इस प्रकार हर मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान अलग-अलग निवासों में रहे हैं. खुराना ने शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि जब वे मुख्यमंत्री बनीं, तो उन्होंने एबी-17 निवास में छह वर्षों तक शासन किया, जो अब मौजूदा अतिशी का निवास है.
स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को नहीं मान रही आप सरकार: खुराना ने कहा कि शीला दीक्षित के कार्यकाल के बाद वह मोतीलाल नेहरू पार्क के एक आवास में शिफ्ट हो गई थीं, जो अब पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निवास स्थान है. हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर अपनी विफलताओं को छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आप सरकार एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) और आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं कर रही है, जो प्रशासनिक व्यवस्था का हिस्सा हैं.
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