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महर्षि वाल्मीकि जयंती : लव कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया, वाल्मीकि आश्रम में बीता था बचपन

बलौदाबाजार में तुरतुरिया का वाल्मीकि आश्रम अपने इतिहास के लिए जाना जाता है.ऐसी मान्यता है कि लव कुश की जन्मस्थली यहीं हैं.

valmiki jayanti
लव कुश की जन्म स्थली तुरतुरिया (ETV Bharat Chhattisgarh)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 17, 2024, 1:05 PM IST

Updated : Oct 17, 2024, 4:35 PM IST

बलौदाबाजार : विश्व में राम का नाम और उनकी ख्यातियां प्रसिद्ध हैं. भारत में भी प्रभु श्रीराम को लेकर हर वर्ग में गहरी आस्था है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित तुरतुरिया गांव को नहीं दरकिनार किया जा सकता.ऐसी मान्यता है कि यहां स्थित महर्षि बाल्मिकि आश्रम में माता सीता ने तपस्या की.यहीं पर लवकुश का जन्म हुआ और उनका लालन पोषण हुआ.


माता देती हैं संतान सुख : बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर और कसडोल से 25 किमी दूरी पर तुरतुरिया गांव है. प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा बालमदेही नदी की कलकल ध्वनि और पहाड़ से गिरती पानी की जलधारा की आवाज की वजह से इसका नाम तुरतुरिया पड़ा. तुरतुरिया गांव की पहाड़ी पर माताजी का मंदिर है. जहां श्रद्धालु संतान की कामना को लेकर आते हैं. बताया जाता है कि सीता मां ने लव-कुश को यहीं जन्म दिया था. जिसकी वजह से यहां जो भक्त संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

लव कुश की जन्मस्थली तुरतुरिया (ETV Bharat Chhattisgarh)



दाऊ चिंताराम टिकरिहा ने मंदिर का कराया जीर्णोद्धार : घने वनों के बीच बसे बाल्मीकि आश्रम का जीर्णोध्दार 1972-73 में हुआ था. बलौदाबाजार के ग्राम बुड़गहन के टिकरिहा परिवार के पहलवान के नाम से पहचाने जाने वाले दाऊ चिंता राम टिकरिहा ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. इस आश्रम की पूजा-अर्चना रख रखाव पहले बाल ब्रम्हचारी हनुमान और देवी भक्त बाबाजी महाराज किया करते थे. वहीं उनके स्वर्गधाम प्रवास के बाद मंदिर की देख-रेख पंडित राम बालक दास कर रहे हैं.

valmiki jayanti
लव कुश की जन्म स्थली तुरतुरिया (ETV Bharat Chhattisgarh)


वाल्मीकि आश्रम और मंदिर के पुजारी राम बालक दास ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं, और माताजी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह बाल्मीकि आश्रम के नाम से जाना जाता है, और यहां पर लव-कुश का जन्म होना बताया जाता है. यहां माता सीता ने तपस्या की थी. प्रभु श्रीराम की पत्नी माता सीता यहां रही और लव-कुश को जन्म दिया

birth place of Luv Kush
माता सीता से संतान प्राप्ति की कामना (ETV Bharat Chhattisgarh)

मैं यहां सेवक के रूप में सेवा कर रहा हूं . माता सीता के पुत्रों के छत्तीसगढ़ में जन्म और उनकी माता कौशल्या का मायका होने से प्रदेश का महत्व बढ़ गया है. निश्चित ही यहां विकास होना चाहिए. वहीं तुरतुरिया का भी अब नवीनीकरण हो रहा है- राम बालक दास,पुजारी



मंदिर के जीर्णोद्धार करने वाले चिंता राम टिकरिहा के वंशज हेमंत टिकरिहा के मुताबिक उनके दादाजी यहां की अक्सर बाते करते थे.यहां की पूरी व्यवस्था भी देखते थे. बाबा जी सिद्ध पुरुष थे, जो माताजी एवं हनुमान जी के अनन्य भक्त थे. हमें भी उनका आशीर्वाद मिला है.

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बलौदाबाजार : विश्व में राम का नाम और उनकी ख्यातियां प्रसिद्ध हैं. भारत में भी प्रभु श्रीराम को लेकर हर वर्ग में गहरी आस्था है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में स्थित तुरतुरिया गांव को नहीं दरकिनार किया जा सकता.ऐसी मान्यता है कि यहां स्थित महर्षि बाल्मिकि आश्रम में माता सीता ने तपस्या की.यहीं पर लवकुश का जन्म हुआ और उनका लालन पोषण हुआ.


माता देती हैं संतान सुख : बलौदाबाजार जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर और कसडोल से 25 किमी दूरी पर तुरतुरिया गांव है. प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा बालमदेही नदी की कलकल ध्वनि और पहाड़ से गिरती पानी की जलधारा की आवाज की वजह से इसका नाम तुरतुरिया पड़ा. तुरतुरिया गांव की पहाड़ी पर माताजी का मंदिर है. जहां श्रद्धालु संतान की कामना को लेकर आते हैं. बताया जाता है कि सीता मां ने लव-कुश को यहीं जन्म दिया था. जिसकी वजह से यहां जो भक्त संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है.

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दाऊ चिंताराम टिकरिहा ने मंदिर का कराया जीर्णोद्धार : घने वनों के बीच बसे बाल्मीकि आश्रम का जीर्णोध्दार 1972-73 में हुआ था. बलौदाबाजार के ग्राम बुड़गहन के टिकरिहा परिवार के पहलवान के नाम से पहचाने जाने वाले दाऊ चिंता राम टिकरिहा ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था. इस आश्रम की पूजा-अर्चना रख रखाव पहले बाल ब्रम्हचारी हनुमान और देवी भक्त बाबाजी महाराज किया करते थे. वहीं उनके स्वर्गधाम प्रवास के बाद मंदिर की देख-रेख पंडित राम बालक दास कर रहे हैं.

valmiki jayanti
लव कुश की जन्म स्थली तुरतुरिया (ETV Bharat Chhattisgarh)


वाल्मीकि आश्रम और मंदिर के पुजारी राम बालक दास ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग आते हैं, और माताजी का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह बाल्मीकि आश्रम के नाम से जाना जाता है, और यहां पर लव-कुश का जन्म होना बताया जाता है. यहां माता सीता ने तपस्या की थी. प्रभु श्रीराम की पत्नी माता सीता यहां रही और लव-कुश को जन्म दिया

birth place of Luv Kush
माता सीता से संतान प्राप्ति की कामना (ETV Bharat Chhattisgarh)

मैं यहां सेवक के रूप में सेवा कर रहा हूं . माता सीता के पुत्रों के छत्तीसगढ़ में जन्म और उनकी माता कौशल्या का मायका होने से प्रदेश का महत्व बढ़ गया है. निश्चित ही यहां विकास होना चाहिए. वहीं तुरतुरिया का भी अब नवीनीकरण हो रहा है- राम बालक दास,पुजारी



मंदिर के जीर्णोद्धार करने वाले चिंता राम टिकरिहा के वंशज हेमंत टिकरिहा के मुताबिक उनके दादाजी यहां की अक्सर बाते करते थे.यहां की पूरी व्यवस्था भी देखते थे. बाबा जी सिद्ध पुरुष थे, जो माताजी एवं हनुमान जी के अनन्य भक्त थे. हमें भी उनका आशीर्वाद मिला है.

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Last Updated : Oct 17, 2024, 4:35 PM IST
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