जमुई: बिहार के जमुई में नागी पक्षी आश्रयणी केंद्र विदेशी और स्थानीय पक्षियों के कलरव से गुंज उठा है. नागी पक्षी आश्रयणी केंद्र पर शनिवार से तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का शुभारंभ किया गया. इसका उद्घाटन बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने वीसी के माध्यम से किया. कार्यक्रम में शामिल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी, विधायक दामोदर रावत, डीएम राकेश कुमार और अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर इसकी शुरुआत की.
तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव: महोत्सव के शुरुआत में पक्षी कथा पुस्तक,पर्यावरण संरक्षण को लेकर जारी किये गये कैलेंडर, भारतीय डाक द्वारा पक्षियों कें संरक्षण को जारी डाक टिकट सहित अन्य पर्यावरण से जुड़ी पुस्तकों का विमोचन किया गया. तीन दिवसीय पक्षी महोत्सव का वीसी के माध्यम से उदघाटन करते हुये मंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि सरकार हर पर्यटक स्थल को एक अलग पहचान स्थापित करने में योगदान दे रही है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु में सुधार लाने को लेकर भी केंद्र सरकार लगातार प्रयासरत है.
हजारों किलोमीटर से आते हैं पक्षी: महोत्सव में उपस्थित सचिव ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में 21 साल से आईएएस के पद पर कार्यरत रह कर काम किया है. जमुई जिला में पहली बार वो आईं और अच्छा अनुभव प्राप्त हुआ है. उन्होनें आगे कहा कि पक्षी महोत्सव आयोजित करने का मुख्य उद्धेश्य है कि यहां पर कई देशों से हजारों किलोमीटर से उड़कर यहां विदेशी पक्षी आते है. वो हमारे जलाशय पर ठहरते हैं. जिस तरह से हमारी संस्कृति में यह कहा गया है कि अतिथि देवो भवः ठीक उसी प्रकार इस जलाशय स्थल पर आने वाले हजारों की तादाद में विदेशी पक्षी भी हमारे लिये अतिथि है और उनका संरक्षण करना हमरा काम है.
"पक्षियों का संरक्षण बहुत ही जरूरी है, जिस प्रकार जलवायु परिवर्तन हो रहा है तो यह पक्षियों के लिये अनुकुल होता है लेकिन कई लोग है जो पक्षियों को पकड़ लेते है या फिर उसका शिकार करते है, जिसे रोकना है. पक्षियों को सुरक्षित रखने के लिये पक्षी महोत्सव मनाया जा रहा है. संकल्प लेना चाहिये कि यहां पर आने वाले पक्षियों को हमलोग सुरक्षा प्रदान करे जिससे पर्यावरण और पक्षियों को संरक्षण मिल सके और इसका फायदा यहां के लोगों को मिलेगा."- वंदना प्रेयषी, सचिव,जलवायु परिवर्तन विभाग
हजारों की तादाद में आते हैं पर्यटक: वंदना प्रेयषी ने बताया कि यह खुशी की बात है कि यह पक्षी आश्रयणी केंद्र काफी चर्चाओ में आ चुका है, जिसके कारण यहां पर प्रत्येक वर्ष हजारों की तादाद में पर्यटक आ रहे है. अगर हमलोग पक्षियों के संरक्षण में अपना अहम योगदान दे तो आने वाले समय में यहां पर अन्य कई देशों से भी साईबेरियन पक्षी आयेगें और धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता अन्य देशों में भी फैलेगी. अगर पर्यावरण को शुद्ध रखना है तो हमलोग प्लास्टिक के वस्तुओं का उपयोग नही करें और अधिक से अधिक पेड़-पौधा लगाये.
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