अजमेर: राजस्थान लोकसेवा आयोग को राज्य सरकार के कार्मिक विभाग से अभ्यर्थियों के बायोमेट्रिक सत्यापन की अनुमति मिल गई है. गत 27 नवंबर को जारी की गई अधिसूचना के अनुसार आयोग ने अभ्यर्थियों की ओर से किए जाने वाले दोहरे आवेदनों की छंटनी, अभ्यर्थियों के सत्यापन, जालसाजी और डमी कैंडिडेट की रोकथाम के लिए आधार सत्यापन प्रणाली का उपयोग कर सकेगा. इस साल सितंबर में भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से पूर्व में भी आधार कार्ड के माध्यम से अभ्यर्थियों का बायोमेट्रिक सत्यापन करने की अनुमति आयोग को मिल गई थी.
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से भर्ती प्रक्रिया के विभिन्न चरणों ऑनलाइन आवेदन जांच, साक्षात्कार, काउंसलिंग, दस्तावेज सत्यापन, लिखित परीक्षा व नियुक्ति में अभ्यर्थी की पहचान का सत्यापन इसके माध्यम से किया जा सकेगा. गत समय के दौरान सामने आए डमी अभ्यर्थियों के प्रकरणों को देखते हुए आधार बायोमेट्रिक सत्यापन आयोग की विश्वसनीयता तथा कार्य प्रणाली में मील का पत्थर सिद्ध होगा.
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मेहता ने बताया कि आयोग के आग्रह पर राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से गत 8 मई को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा था. इस पर कार्रवाई करते हुए आधार एक्ट 2016 की धारा 4 और आधार ऑथेंटिकेशन फॉर गुड गवर्नेंस नियम 2020 के अंतर्गत अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने के उद्देश्य से आधार सत्यापन का लिंक प्रदान किया गया था. इसी क्रम में राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग की ओर से भी आयोग को इसका उपयोग करने की अनुमति के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई.
आवेदन से लेकर परीक्षा प्रक्रिया तक आयोग ने यह किये बदलाव: आयोग के सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि आयोग की ओर से परीक्षाओं की शुचिता भंग करने और जालसाजी करने वाले व्यक्तियों और नकल गिरोहों पर लगाम के लिए आवेदन से लेकर परीक्षा प्रक्रियाओं तक में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. इनमें वन टाइम रजिस्ट्रेशन के दौरान अंगूठा निशानी, लाइव फोटो कैप्चर, ओएमआर शीट में पांचवा विकल्प, इंटरव्यू में बोर्ड आवंटन जैसी विशेष प्रक्रियाएं शामिल है.
चरणबद्ध लागू होगी बायोमेट्रिक व्यवस्था: उन्होंने बताया कि आधार बायोमेट्रिक सत्यापन सुविधा होने से आयोग अब और अधिक सशक्त हो सकेगा. साथ ही जालसाजी कर परीक्षाओं में सम्मिलित होने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकेगी. आयोग की ओर से प्रक्रिया के संचालन के लिए बुनियादी संसाधन जुटा लिए गए हैं और शीघ्र ही चरणबद्ध रूप से अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक सत्यापन व्यवस्था आयोग की ओर से शुरू की जाएगी.