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हिमाचल विधानसभा का विंटर सेशन, सदन में आएगा डेरा ब्यास के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में छूट से जुड़ा बिल - HIMACHAL ASSEMBLY WINTER SESSION

विंटर सेशन के पहले दिन सरकार राधास्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल लाएगी.

डेरा ब्यास के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में छूट से जुड़ा बिल
डेरा ब्यास के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में छूट से जुड़ा बिल (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 4 hours ago

शिमला: हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन के पहले दिन सरकार राधास्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल लाएगी. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से लैंड सीलिंग एक्ट से जुड़ा विधेयक सदन में पेश किया जाएगा, जिस पर सभी की नजरें होंगी. राज्य सरकार राधास्वामी सत्संग डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट देने के लिए बिल ला रही है.

लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए लाए जाने वाले बिल को राजस्व मंत्री जगत नेगी सदन के पटल पर रखेंगे. कुल चार विधेयक लाए जाएंगे. इनमें सबसे अहम लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन वाला विधेयक है. दरअसल, डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को दे दिया जाए.

इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करना जरूरी है. हालांकि सरकार के लिए ये संशोधन कोई आसान काम नहीं है. कारण ये है कि कैबिनेट में भी इस विषय को लेकर मंत्रियों में सहमति नहीं है. हिमाचल में इस समय लैंड सीलिंग एक्ट में केवल एक ही धार्मिक संस्था डेरा ब्यास को छूट मिली हुई है. डेरा ब्यास के पास हिमाचल में छह हजार बीघा जमीन है. पूर्व में 2017 में डेरा ब्यास ने सरकार से सरप्लस जमीन बेचने की छूट भी मांगी थी, लेकिन मामला सिरे नहीं चढ़ा. डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट मिली है, लेकिन शर्त ये है कि वो न तो जमीन को ट्रांसफर कर सकती है, न मार्टगेज और ना ही लीज या गिफ्ट डीड.

अब सरकार क्या रास्ता निकालती है, ये देखने वाली बात होगी. यदि विधानसभा से ये बिल पास हो जाता है तो भी इसे राष्ट्रपति भवन की मंजूरी जरूरी है. उल्लेखनीय है कि लैंड सीलिंग एक्ट में छूट के लिए आवेदन करने के बाद डेरा ब्यास ने कहा था कि यदि उन्हें राहत नहीं मिलती तो पहली दिसंबर से भोटा अस्पताल को बंद किया जाएगा. बाद में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया कि विंटर सेशन के पहले ही दिन बिल लाया जाएगा और लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा. उसके बाद भोटा अस्पताल सुचारू रूप से चल रहा है.

इधर, सरकार के विधि विभाग ने भी लैंड सीलिंग एक्ट को लेकर सारी वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी है. बताया जा रहा है कि विधि विभाग ने इस संशोधन को लेकर कुछ बिंदुओं पर सरकार को आगाह किया है कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा. फिलहाल, देखना है कि सरकार बिल में किस तरह की शब्दावली का प्रयोग संशोधन के लिए करती है.

ये भी पढ़ें: सर्वदलीय बैठक से भाजपा ने किया किनारा, नेता प्रतिपक्ष ने बताया ये कारण

ये भी पढ़ें: विधानसभा के विंटर सेशन में सुक्खू सरकार की परीक्षा, पहला ही सवाल ओपीएस पर, दो साल में कितने पद सृजित किए, भाजपा ने मांगी है जानकारी

शिमला: हिमाचल विधानसभा के विंटर सेशन के पहले दिन सरकार राधास्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने के लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल लाएगी. राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की तरफ से लैंड सीलिंग एक्ट से जुड़ा विधेयक सदन में पेश किया जाएगा, जिस पर सभी की नजरें होंगी. राज्य सरकार राधास्वामी सत्संग डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट देने के लिए बिल ला रही है.

लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन के लिए लाए जाने वाले बिल को राजस्व मंत्री जगत नेगी सदन के पटल पर रखेंगे. कुल चार विधेयक लाए जाएंगे. इनमें सबसे अहम लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन वाला विधेयक है. दरअसल, डेरा ब्यास चाहता है कि हमीरपुर के भोटा अस्पताल की जमीन का मालिकाना हक उनकी ही सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को दे दिया जाए.

इसके लिए लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन करना जरूरी है. हालांकि सरकार के लिए ये संशोधन कोई आसान काम नहीं है. कारण ये है कि कैबिनेट में भी इस विषय को लेकर मंत्रियों में सहमति नहीं है. हिमाचल में इस समय लैंड सीलिंग एक्ट में केवल एक ही धार्मिक संस्था डेरा ब्यास को छूट मिली हुई है. डेरा ब्यास के पास हिमाचल में छह हजार बीघा जमीन है. पूर्व में 2017 में डेरा ब्यास ने सरकार से सरप्लस जमीन बेचने की छूट भी मांगी थी, लेकिन मामला सिरे नहीं चढ़ा. डेरा ब्यास को लैंड सीलिंग एक्ट में छूट मिली है, लेकिन शर्त ये है कि वो न तो जमीन को ट्रांसफर कर सकती है, न मार्टगेज और ना ही लीज या गिफ्ट डीड.

अब सरकार क्या रास्ता निकालती है, ये देखने वाली बात होगी. यदि विधानसभा से ये बिल पास हो जाता है तो भी इसे राष्ट्रपति भवन की मंजूरी जरूरी है. उल्लेखनीय है कि लैंड सीलिंग एक्ट में छूट के लिए आवेदन करने के बाद डेरा ब्यास ने कहा था कि यदि उन्हें राहत नहीं मिलती तो पहली दिसंबर से भोटा अस्पताल को बंद किया जाएगा. बाद में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आश्वासन दिया कि विंटर सेशन के पहले ही दिन बिल लाया जाएगा और लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन किया जाएगा. उसके बाद भोटा अस्पताल सुचारू रूप से चल रहा है.

इधर, सरकार के विधि विभाग ने भी लैंड सीलिंग एक्ट को लेकर सारी वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी है. बताया जा रहा है कि विधि विभाग ने इस संशोधन को लेकर कुछ बिंदुओं पर सरकार को आगाह किया है कि ऐसा करना ठीक नहीं होगा. फिलहाल, देखना है कि सरकार बिल में किस तरह की शब्दावली का प्रयोग संशोधन के लिए करती है.

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