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यूजीसी की लिस्ट में फर्जी संस्थान भारतीय शिक्षा परिषद यूपी से की थी B.Ed, बिलासपुर में नौकरी कर रही महिला शिक्षक टर्मिनेट - HIMACHAL WOMAN TEACHER Terminate

Bilaspur School Teacher Terminate: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की लिस्ट में फर्जी शिक्षण संस्थान से डिग्री लेकर सरकारी स्कूल में नौकरी करती एक महिला टीचर को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर दिया है. महिला अपना 8 साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी है.

Bilaspur School Teacher Terminate
बिलासपुर स्कूल में महिला शिक्षक निलंबित (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 23, 2024, 8:39 AM IST

Updated : Jul 23, 2024, 10:04 AM IST

शिमला: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की लिस्ट में उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षण संस्थान के रूप में दर्ज शिक्षा परिषद से डिग्री लेकर एक महिला टीचर हिमाचल में मजे से नौकरी कर रही थी. दिलचस्प व हैरान कर देने वाली बात है कि महिला टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के रूप में आठ साल की सेवा भी पूरी कर चुकी थी. महिला टीचर ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित फर्जी शिक्षण संस्थान भारतीय शिक्षा परिषद से बीएड की डिग्री हासिल की थी. ये डिग्री फेक निकली है. इस पर एक्शन लेते हुए हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग ने महिला टीचर को सेवाओं से टर्मिनेट यानी बर्खास्त कर दिया है.

2016 से सरकारी स्कूल में पढ़ा रही महिला

महिला बिलासपुर के एक सरकारी स्कूल में टीजीटी के तौर पर पढ़ा रही थी. इस महिला अध्यापक ने नियुक्ति के दौरान अपने दस्तावेजों में बीएड की फर्जी संस्थान से हासिल डिग्री लगा दी थी. इस फर्जीवाड़े पर शिक्षा विभाग ने ये एक्शन लिया है. महिला टीचर हिमाचल के बिलासपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में वर्ष 2016 में नियुक्त हुई थी. नियमों के अनुसार अनुबंध पर नियुक्ति की गई थी. महिला टीचर की सेवाकाल के अनुबंध पीरियड का समय पूरा हुआ और शिक्षा विभाग में ये टीचर वर्ष 2020 में रेगुलर हो गई.

रेगुलर होने के दौरान सामने आया मामला

जिस समय महिला शिक्षक के रेगुलर होने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही थीं, उस समय दस्तावेजों की जांच की गई. जांच में यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश के जिस शिक्षण संस्थान से महिला टीचर ने बीएड की डिग्री हासिल की है, उसे यूजीसी ने फर्जी संस्थान की कैटेगरी में डाला हुआ है. फिर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने यूजीसी के साथ पत्राचार आदि किया. यूजीसी की तरफ से बताया गया कि उपरोक्त शिक्षा परिषद फर्जी शिक्षण संस्थान की लिस्ट में है.

अदालत ने शिक्षा विभाग को दिए एक्शन लेने के आदेश

जांच के बाद शिक्षा विभाग ने महिला टीजीटी को नोटिस जारी किया. इस पर महिला टीचर ने अदालत का रुख किया. अदालत में भी मामले पर सुनवाई में डिग्री से जुड़े दस्तावेजों को लेकर ये पुष्टि हुई कि डिग्री फर्जी घोषित किए गए संस्थान से ली गई है. अदालत ने शिक्षा विभाग को उचित एक्शन लेने के आदेश दिए. अदालत के निर्देश ऐसे थे कि महिला को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की भी अनुमति नहीं मिल पाई. अदालत में रखे गए तथ्यों से ये पुष्ट हुआ कि दस्तावेज (बीएड डिग्री) फर्जी संस्थान से हासिल किए गए हैं. इस पर शिक्षा विभाग ने महिला टीचर की सेवाओं को बर्खास्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें: 30 साल से आसपास के स्कूलों में नौकरी कर रही थी महिला टीचर, तबादला होने पर छिपाए तथ्य, हाई कोर्ट ने सिखाया करारा सबक

शिमला: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन की लिस्ट में उत्तर प्रदेश में फर्जी शिक्षण संस्थान के रूप में दर्ज शिक्षा परिषद से डिग्री लेकर एक महिला टीचर हिमाचल में मजे से नौकरी कर रही थी. दिलचस्प व हैरान कर देने वाली बात है कि महिला टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) के रूप में आठ साल की सेवा भी पूरी कर चुकी थी. महिला टीचर ने उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित फर्जी शिक्षण संस्थान भारतीय शिक्षा परिषद से बीएड की डिग्री हासिल की थी. ये डिग्री फेक निकली है. इस पर एक्शन लेते हुए हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग ने महिला टीचर को सेवाओं से टर्मिनेट यानी बर्खास्त कर दिया है.

2016 से सरकारी स्कूल में पढ़ा रही महिला

महिला बिलासपुर के एक सरकारी स्कूल में टीजीटी के तौर पर पढ़ा रही थी. इस महिला अध्यापक ने नियुक्ति के दौरान अपने दस्तावेजों में बीएड की फर्जी संस्थान से हासिल डिग्री लगा दी थी. इस फर्जीवाड़े पर शिक्षा विभाग ने ये एक्शन लिया है. महिला टीचर हिमाचल के बिलासपुर जिले के एक सरकारी स्कूल में वर्ष 2016 में नियुक्त हुई थी. नियमों के अनुसार अनुबंध पर नियुक्ति की गई थी. महिला टीचर की सेवाकाल के अनुबंध पीरियड का समय पूरा हुआ और शिक्षा विभाग में ये टीचर वर्ष 2020 में रेगुलर हो गई.

रेगुलर होने के दौरान सामने आया मामला

जिस समय महिला शिक्षक के रेगुलर होने की औपचारिकताएं पूरी की जा रही थीं, उस समय दस्तावेजों की जांच की गई. जांच में यह पाया गया कि उत्तर प्रदेश के जिस शिक्षण संस्थान से महिला टीचर ने बीएड की डिग्री हासिल की है, उसे यूजीसी ने फर्जी संस्थान की कैटेगरी में डाला हुआ है. फिर प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने यूजीसी के साथ पत्राचार आदि किया. यूजीसी की तरफ से बताया गया कि उपरोक्त शिक्षा परिषद फर्जी शिक्षण संस्थान की लिस्ट में है.

अदालत ने शिक्षा विभाग को दिए एक्शन लेने के आदेश

जांच के बाद शिक्षा विभाग ने महिला टीजीटी को नोटिस जारी किया. इस पर महिला टीचर ने अदालत का रुख किया. अदालत में भी मामले पर सुनवाई में डिग्री से जुड़े दस्तावेजों को लेकर ये पुष्टि हुई कि डिग्री फर्जी घोषित किए गए संस्थान से ली गई है. अदालत ने शिक्षा विभाग को उचित एक्शन लेने के आदेश दिए. अदालत के निर्देश ऐसे थे कि महिला को पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की भी अनुमति नहीं मिल पाई. अदालत में रखे गए तथ्यों से ये पुष्ट हुआ कि दस्तावेज (बीएड डिग्री) फर्जी संस्थान से हासिल किए गए हैं. इस पर शिक्षा विभाग ने महिला टीचर की सेवाओं को बर्खास्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें: 30 साल से आसपास के स्कूलों में नौकरी कर रही थी महिला टीचर, तबादला होने पर छिपाए तथ्य, हाई कोर्ट ने सिखाया करारा सबक

Last Updated : Jul 23, 2024, 10:04 AM IST
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