अजमेर: तिब्बती युवा कांग्रेस (टीवाईसी) ने आरोप लगाया है कि चीन सरकार तिब्बत की धर्म परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने में तुली हुई है. इस संगठन का 16 सदस्यीय दल बाइक यात्रा पर निकला है. हजारों किलोमीटर का फासला तय करके यह दल शुक्रवार को अजमेर पहुंचा. यह दल तिब्बत से आजादी व भारत के साथ मजबूत रिश्तों सहित 3 प्रमुख उद्देश्यों को लेकर यात्रा कर रहा है. टीवाईसी दल के अजमेर पहुंचने पर तिब्बती बाजार में उनका अभिनंदन किया गया.
तिब्बती यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गोम्पे धुंदुप ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि तिब्बत स्वतंत्र देश था, लेकिन 1959 में चीन ने उस पर कब्जा कर लिया. तिब्बत के भीतर की स्थिति काफी गंभीर है. चीन सरकार तिब्बत की धर्म परंपरा, संस्कृति और सभ्यता को नष्ट करने में तुला हुआ है. धुंदुप ने बताया कि टीवाईसी की मांग है कि चीन को जल्द से जल्द रोकने का काम किया जाए.
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उन्होंने बताया कि 20 से अधिक राज्यों में भ्रमण करके टीवाईसी दल भारत सरकार और भारतवासियों को तिब्बत की ओर से धन्यवाद दे रहे है कि 60 वर्षों से भारत तिब्बत को सहयोग और समर्थन कर रहा है. साथ ही देश की संसद में जितने भी सदस्य है उनसे विनती की जा रही है कि तिब्बत के लिए नीति लाई जिसमें कहा जाए कि तिब्बत एक आज़ाद देश था और अभी चीन के कब्जे में है.
चीन तिब्बत के पर्यावरण को नष्ट कर रहा: तीसरी मांग तिब्बत के पर्यावरण के बारे में है. तिब्बत को हड़पने के बाद चीन तिब्बत के पर्यावरण को लगातार नष्ट कर रहा है. इसका असर निकट भविष्य में न केवल भारत पर पड़ेगा, बल्कि दक्षिण एशिया और विश्व के लिए भी खतरा हो सकता है, इसलिए तिब्बत के पर्यावरण को बचाना हमारा तीसरा उद्देश्य है.
नई दिल्ली में होगा समापन: धुंदुप ने बताया कि इस यात्रा में टीवाईसी के अलग अलग क्षेत्रों से 12 राइडर्स शामिल है. उन्होंने बताया कि अभी तक 17 हजार किलोमीटर यात्रा वे कर चुके हैं. इस यात्रा का समापन नई दिल्ली में होगा.
कैलाश मानसरोवर हो मुक्त: उन्होंने कहा कि तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा एवं कैलाश मानसरोवर की मुक्ति की हमारी मांग है. कैलाश मानसरोवर में हिंदुओं की गहरी आस्था है. 1959 से पहले मानसरोवर जाने के लिए किसी की परमिशन की जरूरत नहीं थी. 1959 के बाद से चीन की कम्युनिस्ट सोशल से कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए स्वीकृति की जरूरत है. कैलाश मानसरोवर का आजाद होना भी तिब्बत के लिए बहुत जरूरी है.