सुपौल: बिहार के सुपौल जिले के भीमनगर स्थित बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के प्रशिक्षु 935 जवान सोमवार की सुबह भूख हड़ताल पर बैठ गये. वे रविवार को हुई फूड प्वाइजनिंग मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे. बड़ी संख्या में प्रशिक्षु जवानों के भूख हड़ताल पर चले जाने की सूचना पर विभागीय अधिकारियों के बीच हलचल मच गयी. भूख हड़ताल पर बैठे जवान कमांडेंट के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
डीआईजी को सुनायी समस्याः जवानों के हड़ताल पर बैठने के लगभग पांच घंटे बाद डीआईजी मुजफ्फरपुर शफीउल हक भीमनगर पहुंचे. उन्होंने जवानों से बातचीत की. जवानों की पीड़ा सुनने के बाद डीआईजी ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. इसके बाद जवानों ने भूख हड़ताल समाप्त किया. अधिकांश प्रशिक्षु जवानों की शिकायत मेस को लेकर थी. बैरेक के शौचालय, बाथरूम, पानी टंकी आदि की नियमित साफ- सफाई नहीं होने से भी जवान नाराज थे.
बैरेक का किया मुआयनाः शिकायत मिलने के बाद डीआईजी ने क्लास रूम एवं बैरेक का मुआयना किया. मुआयना के दौरान देय सुविधा को तत्काल बहाल व दुरूस्त करने का निर्देश दिया. मौके पर कमाडेंट अशोक प्रसाद, सिविल सर्जन ललन ठाकुर, वीरपुर एसडीएम नीरज कुमार, बीएमपी डीएसपी रामनरेश पासवान, वीरपुर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार, एलएन अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ शैलेन्द्र दीपक, भीमनगर थानाध्यक्ष दीपक कुमार आदि मौजूद थे.
क्या था मामलाः रविवार सुबह करीब 8:30 बजे जवानों को पूरी, जलेबी और काबुली चना की सब्जी खाने में मिला था. दोपहर करीब डेढ़ से दो बजे के बीच अचानक कुछ जवान बीमार पड़ने लगे. लेकिन उन्हें बाहर जाने नहीं दिया गया. जवानों को कैंप से ही कुछ दवा दी गई. करीब सात बजे शाम में जवानों की तबीयत ज्यादा खराब होने लगी. आनन फानन में 50 से 60 जवानों को वीरपुर स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में ले जाया गया. थोड़ी देर बाद कुछ और जवान भर्ती हुए. रात 10:30 बजे तक बीमार जवानों की संख्या बढ़ कर 265 हो गई.
देर रात किया था डिस्चार्जः रात करीब एक बजे सभी जवान को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. जवानों का आरोप है कि ट्रेनिंग सेंटर में महज 400 अभ्यर्थियों की क्षमता वाले वर्ग कक्ष की व्यवस्था है. लेकिन भेड़-बकरी के तरह इसी कक्ष में 935 जवानों को बैठा कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जवान ने बताया कि फर्श पर बैठ कर किसी प्रकार प्रशिक्षण प्राप्त करना उनकी विवशता है.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई: जवानों की शिकायत के आलोक में डीआईजी ने कहा कि ट्रेनिंग सेंटर में कुव्यवस्था व फूड प्वाइजनिंग मामले की जांच वे स्वयं कर रहे हैं. सभी बैरक का निरीक्षण भी किया. जिस जवान की थाली से जो सल्फास निकला था, उसे जब्त कर जांच कर लिया गया है. दो लोगों पर एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है. किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. भवन के मामले ने कहा कि तीन साल पुराने भवन की यह स्थिति नहीं होनी चाहिए. इस मामले में भी जांच की जा रही है.
"हमने सभी जवानों की समस्याओं को सुना. जिसके बाद मेस का चार्ज सभी आठ कंपनी को ही दे दिया गया. वो अपने हिसाब से मेस का संचालन करें. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो जायेगा. खाना जवानों के चॉइस के अनुरूप बनेगा. जो पैसे मेस संचालक को दिए गए हैं, उसमें खर्च किये गए पैसे को काटकर शेष राशि मेस संचालक लौटाएंगे. अगर वे ऐसा नहीं करते है तो उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी."- शफीउल हक, डीआईजी मुजफ्फरपुर
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