पटनाः नरेंद्र मोदी रविवार 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए शपथ लेने जा रहे हैं. इस बार मंत्रिमंडल का स्वरूप थोड़ा अलग होने वाला है. सहयोगी दलों की दखल बढ़ने वाली है. चिराग पासवान की पार्टी के पांच सांसद हैं तो जनता दल यूनाइटेड के 12 सांसद हैं. जीतन राम मांझी अकेले चुनाव जीते हैं. चिराग पासवान को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय माना जा रहा है. इसके अलावा जीतन राम मांझी को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलने की बात कही जा रही है.
"जदयू के खाते में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री जा सकता है. चिराग और जीतन मांझी को मंत्रिमंडल में जगह मिलना तय है. जीतन राम मांझी को सीनियरिटी के आधार पर कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है. बिहार में भाजपा और जदयू दोनों के बराबर सांसद हैं ऐसे में जदयू, भाजपा के बराबर हिस्सेदारी चाहेगी."- अरुण पांडे, राजनीतिक विश्लेषक
जदयू को विशेष हिस्सेदारी की उम्मीद: मंत्री पद के दावेदार नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. बड़े भाई की भूमिका में रहने वाले जदयू ड्राइविंग सीट पर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नीतीश कुमार को खूब तवज्जो दे रहे हैं. जनता दल यूनाइटेड इस बार विशेष हिस्सेदारी की उम्मीद लगाए बैठा है. पार्टी को दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री मिलने की उम्मीद है. ललन सिंह और संजय झा को जहां कैबिनेट मंत्री बनाए जाने की चर्चा है वहीं कुशवाहा जाति से आने वाले बाल्मीकि नगर सांसद सुनील कुमार को भी मंत्रिमंडल में रखा जा सकता है. कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है.
रेल और कृषि मंत्रालय पर नजरः मिल रही जानकारी के मुताबिक जनता दल यूनाइटेड की नजर रेल और कृषि मंत्रालय पर है. दोनों ही विभाग पूर्व में नीतीश कुमार संभाल चुके हैं. जदयू नेता केसी त्यागी ने अपने बयान में इस ओर इशारा किया है. जदयू प्रवक्ता प्रतिभा सिंह ने कहा है कि हमने कोई मांग नहीं रखी है. उन्होंने कहा कि वैसे तो मंत्रिमंडल में किसको शामिल करना है यह प्रधानमंत्री तय करते हैं लेकिन जदयू की भी कुछ उम्मीदें हैं. जदयू नेत्री ने इशारों इशारों में कहा कि चार सीट पार्टी के खाते में आना चाहिए.
पुराने मंत्रियों को जगह मिलने की संभावना कमः भारतीय जनता पार्टी को इस बार समझौता करना पड़ेगा. इस बार पुराने मंत्रियों को जगह मिलने की संभावना कम है. मिल रही जानकारी के मुताबिक बेतिया सांसद संजय जायसवाल को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना है. इसके अलावा जनार्दन सिंह सिग्रीवाल या राधा मोहन सिंह को भी राजपूत कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है. अति पिछड़ा समुदाय से अगर एक चेहरा मंत्रिमंडल में शामिल होता है तो अररिया सांसद प्रदीप कुमार या मुजफ्फरपुर सांसद राजभूषण निषाद में किसी एक को जगह मिल सकती है.
गोपालजी ठाकुर की निकल सकती लॉटरीः ब्राह्मण जाति से किसी एक चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है. ऐसी स्थिति में दरभंगा से सांसद गोपाल जी ठाकुर की लॉटरी निकाल सकती है. अगर जदयू कोटे से ललन सिंह मंत्री बनाए जाते हैं तो भाजपा किसी भूमिहार नेता को मंत्रिमंडल में नहीं शामिल कर पाएगी. अगर जदयू कोटे से ब्राह्मण जाति के नेता संजय झा को मंत्री बनाया जाता है तो भाजपा गिरिराज सिंह या विवेक ठाकुर में किसी एक को मंत्री बन सकती है.
प्रधानमंत्री सूची करेंगे फाइनलः भाजपा प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी शपथ ले रहे हैं. कुछ सहयोगी दल के नेता भी शपथ लेंगे. सहयोगी दलों के नेताओं को जगह दिया जाना है, ऐसे में प्रधानमंत्री ही सूची को फाइनल करेंगे. भाजपा से कौन-कौन मंत्री होंगे इस पर भी अंतिम फैसला प्रधानमंत्री ही करेंगे. सहयोगी दलों के साथ बैठक चल रही है. सहमति के बाद फैसला ले लिया जाएगा.
इसे भी पढ़ेंः गृह, वित्त, विदेश और रक्षा को भाजपा रख सकती है अपने पास, अन्य मंत्रालय जा सकते हैं सहयोगियों के पास - MODI OATH CEREMONY
इसे भी पढ़ेंः नीतीश कुमार को PM पद का ऑफर मिला, कांग्रेस ने JDU नेता के दावे पर दिया जवाब - Congress on Nitish Kumar
इसे भी पढ़ेंः 'बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए', RJD की NDA सरकार से मांग - RJD ON MODI GOVERNMENT