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लोकसभा जाने की चाहत में कई दिग्गज नेताओं का हो गया निधन, कई नेताओं का संघर्ष जारी - LOK SABHA ELECTION 2024

LOK SABHA ELECTION IN BIHAR: बिहार के कई दिग्गज नेताओं का लोकसभा जाने का सपना आज तक पूरा नहीं हो पाया. इस बीच कई नेताओं का निधन हो गया. कई नेताओं ने उम्मीद छोड़ दी तो कई आज भी संघर्ष कर रहे हैं. इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, प्रकाश झा, मीसा भारती और कन्हैया कुमार भी शामिल हैं.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 17, 2024, 4:00 PM IST

Updated : Apr 17, 2024, 5:54 PM IST

देखें रिपोर्ट

पटना: लोकसभा जाने की चाह बिहार के कई दिगग्ज नेताओं का सपना ही बनकर रह गया. इस लिस्ट में राज्य से सीएम से लेकर फिल्म दुनिया से जुड़े लोग मौजूद है. वहीं, कई ऐसे नेता भी है जिनकी किस्मत बार-बार उनसे संघर्ष कराने पर लगी हुई है. इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, प्रकाश झा, हिना शहाब, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मीसा भारती, कन्हैया कुमार, शेखर सुमन, अख्तरुल इमान, जगन्नाथ मिश्रा और सदानंद सिंह शामिल है, जिनके लोकसभा जाने का सपना पूरा ही नही हो पा रहा हैं.

तीन बार के सीएम भी लोकसभा नहीं जा पाए: वहीं, इस लिस्ट में बिहार के पूर्व सीएम भी शामिल है. बात करें जगन्नाथ मिश्रा कि तो वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, कांग्रेस के सदानंद सिंह भी लंबे समय तक राजनीति में रहे, इस बीच दोनों दिग्गज नेताओं का निधन भी हो गया, लेकिन दोनों के लोकसभा जाने का सपना पूरा नहीं हो पाया.पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी सारण से चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हुआ है वहीं पूर्व सीएम जीतन नाम मांझी तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके है. तीनों बार हार मिली है। फिर से इस बार चुनाव गया से लड़ रहे हैं.

शहाबुद्दीन की पत्नी भी तलाश रही जीत: बाहुबली शहाबुद्दीन कभी सिवान से चार बार सांसद (1996, 1998, 1999 और 2004) रह चुके थे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब सिवान से लगातार चुनाव लड़ रही है, लेकिन उनके सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. वह इस बार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भी लोकसभा का चुनाव लड़ते रहे है, लेकिन मधुबनी और दरभंगा से सांसद बनने का सपना उनका भी पूरा नहीं हो सका है.

प्रकाश झा, शेखर सुमन भी शामिल: फिल्मकार प्रकाश झा तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़े. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. शेखर सुमन, कुणाल जैसे अभिनेताओं का भी सांसद बनने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है. तो वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी बेगूसराय से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि वह इस बार दिल्ली से भाग्य आजमा रहे है. बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी नीलम देवी भी चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन उनका भी सपना पूरा नहीं हुआ है.

जनता में कम होती विश्वसनीयता बनी वजह: राजनीतिक विशेषज्ञ बिहार के दिग्गज नेताओं के लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाने के पीछे स्थानीय मुद्दा भी बता रहे है. साथ ही गठबंधन को भी इसकी बड़ी वजह बता रहे है. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का कहना है कि कई बार निर्दलीय भी चुनाव जीत जाते है, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी नहीं जीत पाती. इसके पीछे का कारण है जनता के बीच उनकी कम होती विश्वसनीयता.

जगन्नाथ मिश्रा की भी नहीं हो पाई एंट्री: इस लिस्ट में बिहार के दिग्गज नेताओं में शामिल तीन बार सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा भी शामिल है. इसको लेकर उनके बेटे और मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि उनके पिता ने साल 1991 और 2004 में मधुबनी से चुनाव लड़े थे. जहां 2001 में कांग्रेस की टिकट पर तो वहीं 2004 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था. एक बार राम मंदिर का मुद्दा था तो दूसरी बार गोधरा कांड हो गया था. इस बीच बूथ की घटना भी खूब हुई थी. जिसके बाद भी उनके पिता केवल 10,000 मतों से हारे थे.

AIMIM प्रदेश अध्यक्ष को भी जीत का इंतजार: बिहार में AIMIM पिछले कई चुनाव से अपनी जमीन तलाश रही है. 2020 में AIMIM के पांच विधायक भी जीत चुके हैं. लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान भी अब तक लोकसभा का चुनाव जीत नहीं पाए हैं. इस बार वह तीसरी बार किशनगंज से चुनाव लड़ने जा रहे है. अख्तरुल इमान का कहना है कि जब तक सफलता नहीं मिल जाएगी तब तक प्रयास जारी रहेगा.

संजय झा का बीजेपी ने काम बिगाड़ा: नीतीश कुमार के नजदीकी और राज्यसभा सांसद संजय झा का भी सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हो सका है. उन्होंने 2014 में भी लोकसभा चुनाव लड़ा था. इसके अलावा 2019 में चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन दरभंगा का सीट बीजेपी के खाते में चला गया, इसलिए चुनाव नहीं लड़ सके. इस बार भी उनके चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन नीतीश के एनडीए में आने के बाद फिर से उनका पता कट गया. संजय झा का साफ कहना है कि जब पार्टी के पास दरभंगा सीट ही नहीं तो वहां से चुनाव लड़ने की बात कहां से संभव है.

3 पूर्व सीएम रहे अनलकी: बिहार के दिग्गज जो बिहार के सीएम रहे, लेकिन जो अब तक सांसद नहीं बन सके हैं. उनमें पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा दो बार लोकसभा का चुनाव लड़े. पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. पूर्व सीएम जीतन मांझी अब तक तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, अब चौथी बार गया से चुनावी मैदान में हैं.

इसे भी पढ़े- पिछली गलती दोहराना नहीं चाहते पीएम मोदी, सीमांचल और मगध दौरा से आठ लोकसभा सीटों पर साधा निशाना - PM Modi In Bihar

देखें रिपोर्ट

पटना: लोकसभा जाने की चाह बिहार के कई दिगग्ज नेताओं का सपना ही बनकर रह गया. इस लिस्ट में राज्य से सीएम से लेकर फिल्म दुनिया से जुड़े लोग मौजूद है. वहीं, कई ऐसे नेता भी है जिनकी किस्मत बार-बार उनसे संघर्ष कराने पर लगी हुई है. इस लिस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, प्रकाश झा, हिना शहाब, अब्दुल बारी सिद्दीकी, मीसा भारती, कन्हैया कुमार, शेखर सुमन, अख्तरुल इमान, जगन्नाथ मिश्रा और सदानंद सिंह शामिल है, जिनके लोकसभा जाने का सपना पूरा ही नही हो पा रहा हैं.

तीन बार के सीएम भी लोकसभा नहीं जा पाए: वहीं, इस लिस्ट में बिहार के पूर्व सीएम भी शामिल है. बात करें जगन्नाथ मिश्रा कि तो वह तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वहीं, कांग्रेस के सदानंद सिंह भी लंबे समय तक राजनीति में रहे, इस बीच दोनों दिग्गज नेताओं का निधन भी हो गया, लेकिन दोनों के लोकसभा जाने का सपना पूरा नहीं हो पाया.पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी सारण से चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हुआ है वहीं पूर्व सीएम जीतन नाम मांझी तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके है. तीनों बार हार मिली है। फिर से इस बार चुनाव गया से लड़ रहे हैं.

शहाबुद्दीन की पत्नी भी तलाश रही जीत: बाहुबली शहाबुद्दीन कभी सिवान से चार बार सांसद (1996, 1998, 1999 और 2004) रह चुके थे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब सिवान से लगातार चुनाव लड़ रही है, लेकिन उनके सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. वह इस बार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रही है. इसके अलावा राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी भी लोकसभा का चुनाव लड़ते रहे है, लेकिन मधुबनी और दरभंगा से सांसद बनने का सपना उनका भी पूरा नहीं हो सका है.

प्रकाश झा, शेखर सुमन भी शामिल: फिल्मकार प्रकाश झा तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़े. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. शेखर सुमन, कुणाल जैसे अभिनेताओं का भी सांसद बनने का सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है. तो वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी बेगूसराय से चुनाव लड़े, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि वह इस बार दिल्ली से भाग्य आजमा रहे है. बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी नीलम देवी भी चुनाव लड़ चुकी है, लेकिन उनका भी सपना पूरा नहीं हुआ है.

जनता में कम होती विश्वसनीयता बनी वजह: राजनीतिक विशेषज्ञ बिहार के दिग्गज नेताओं के लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाने के पीछे स्थानीय मुद्दा भी बता रहे है. साथ ही गठबंधन को भी इसकी बड़ी वजह बता रहे है. राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का कहना है कि कई बार निर्दलीय भी चुनाव जीत जाते है, लेकिन राष्ट्रीय पार्टी नहीं जीत पाती. इसके पीछे का कारण है जनता के बीच उनकी कम होती विश्वसनीयता.

जगन्नाथ मिश्रा की भी नहीं हो पाई एंट्री: इस लिस्ट में बिहार के दिग्गज नेताओं में शामिल तीन बार सीएम रहे जगन्नाथ मिश्रा भी शामिल है. इसको लेकर उनके बेटे और मंत्री नीतीश मिश्रा का कहना है कि उनके पिता ने साल 1991 और 2004 में मधुबनी से चुनाव लड़े थे. जहां 2001 में कांग्रेस की टिकट पर तो वहीं 2004 में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ा था. एक बार राम मंदिर का मुद्दा था तो दूसरी बार गोधरा कांड हो गया था. इस बीच बूथ की घटना भी खूब हुई थी. जिसके बाद भी उनके पिता केवल 10,000 मतों से हारे थे.

AIMIM प्रदेश अध्यक्ष को भी जीत का इंतजार: बिहार में AIMIM पिछले कई चुनाव से अपनी जमीन तलाश रही है. 2020 में AIMIM के पांच विधायक भी जीत चुके हैं. लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान भी अब तक लोकसभा का चुनाव जीत नहीं पाए हैं. इस बार वह तीसरी बार किशनगंज से चुनाव लड़ने जा रहे है. अख्तरुल इमान का कहना है कि जब तक सफलता नहीं मिल जाएगी तब तक प्रयास जारी रहेगा.

संजय झा का बीजेपी ने काम बिगाड़ा: नीतीश कुमार के नजदीकी और राज्यसभा सांसद संजय झा का भी सांसद बनने का सपना पूरा नहीं हो सका है. उन्होंने 2014 में भी लोकसभा चुनाव लड़ा था. इसके अलावा 2019 में चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन दरभंगा का सीट बीजेपी के खाते में चला गया, इसलिए चुनाव नहीं लड़ सके. इस बार भी उनके चुनाव लड़ने की चर्चा थी, लेकिन नीतीश के एनडीए में आने के बाद फिर से उनका पता कट गया. संजय झा का साफ कहना है कि जब पार्टी के पास दरभंगा सीट ही नहीं तो वहां से चुनाव लड़ने की बात कहां से संभव है.

3 पूर्व सीएम रहे अनलकी: बिहार के दिग्गज जो बिहार के सीएम रहे, लेकिन जो अब तक सांसद नहीं बन सके हैं. उनमें पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा दो बार लोकसभा का चुनाव लड़े. पूर्व सीएम राबड़ी देवी भी लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी हैं. पूर्व सीएम जीतन मांझी अब तक तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, अब चौथी बार गया से चुनावी मैदान में हैं.

इसे भी पढ़े- पिछली गलती दोहराना नहीं चाहते पीएम मोदी, सीमांचल और मगध दौरा से आठ लोकसभा सीटों पर साधा निशाना - PM Modi In Bihar

Last Updated : Apr 17, 2024, 5:54 PM IST
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