पटना: सक्षमता परीक्षा के विरोध में शिक्षक एकता मंच के आह्वान पर लाखों की तादाद में गर्दनीबाग धरना स्थल पर नियोजित शिक्षक जुटे हुए हैं. प्रदेश के दूर सूदूर इलाके से शिक्षक शिक्षिकाएं पहुंचे हुए हैं. सभी सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार कर रहे हैं और बिना शर्त राज्य कार्मिक का दर्जा की मांग कर रहे हैं.
पटना में नियोजित शिक्षकों का प्रदर्शन: शिक्षकों की मांग है कि ऐच्छिक स्थानांतरण भी दिया जाए और जो शिक्षक जहां जिस विद्यालय में है बिना किसी परीक्षा के इस विद्यालय में उन्हें पहले राज्य कर्मी बनाया जाए. मुजफ्फरपुर से आई महिला शिक्षिका नीलू त्रिपाठी ने बताया कि उनकी सेवा के मात्र 11 साल बचे हुए हैं. वह जहां हैं वहां अपना सब कुछ एस्टेब्लिशमेंट कर चुकी हैं.
"घर में बुजुर्ग सास ससुर हैं और बच्चे हैं. मैं कहीं और जाना नहीं चाहती और सरकार सक्षमता परीक्षा के नाम पर तीन जिले का ऑप्शन मांग रही है. पात्रता परीक्षा दिया है, दक्षता परीक्षा दिया है और अब कोई परीक्षा नहीं देना है, बस बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए."- नीलू त्रिपाठी, नियोजित शिक्षक
'दिया जाए बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा': वहीं शिक्षक नेता किशोर कुमार ने कहा कि शिक्षक एकता मंच की बैनर दलित तमाम शिक्षक संगठन एकजुट हैं. लाखों की तादाद में नियोजित शिक्षक पटना पहुंचे हुए हैं. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा चाहते हैं और ऐच्छिक स्थानांतरण का प्रावधान चाहते हैं. इन्हीं मांगों को लेकर प्रदर्शन चल रहा है.
"यह अनिश्चितकाल के लिए है. केके पाठक के निर्देश के बावजूद तमाम शिक्षक अवकाश लेकर पहुंचे हुए हैं और जिसे जो कार्रवाई करना है कर ले शिक्षक डरने वाले नहीं. गर्दनीबाग से निकालकर हम विधानसभा का घेराव भी करेंगे."- किशोर कुमार, नियोजित शिक्षक
"तमाम नियोजित शिक्षक लाखों की तादाद में जुट कर पटना को पाटने का काम किए हैं. सक्षमता परीक्षा का सभी बहिष्कार किए हुए हैं और इस बात की जानकारी सरकार को भी दे रहे हैं. केके पाठक को हम एसीएस नहीं मानते. केके पाठक ने पूरे बिहार के शिक्षकों को पागल बनाकर रख दिया है."- प्रमोद कुमार यादव, नियोजित शिक्षक
शिक्षक नेता पिंटू कुमार सिंह ने कहा कि सरकार से कोई उनका विरोध नहीं है बल्कि नीतिगत विरोध है. सरकार पूर्व में ही दक्षता परीक्षा ले ली है और ऐच्छिक का स्थानांतरण की बात कही थी. 60 साल की सेवा पहले से बहस है, बावजूद इसके नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के माध्यम से छंटनी करने की कोशिश कर जा रही है.
"सरकार प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर फिर कार्रवाई करने की बात कह रही है तो सरकार यह जान ले कि नियोजित शिक्षक अब किसी भी फरमान से डरने वाले नहीं है. शिक्षकों की मांग जायज है और सरकार को जो करना है कर ले."-पिंटू कुमार सिंह,शिक्षक नेता
'सरकार को किस बात का संदेह':वहीं शिक्षक नेता लाल बाबू कुमार ने कहा कि केके पाठक को जितने शिक्षकों पर एफआईआर करनी है कर लें, शिक्षक डर नहीं रहे. बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा चाहते हैं. उन लोगों ने पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण की है. उसके बाद दक्षता परीक्षा उत्तीर्ण की है उसके बाद इग्नू की ओर से सरकार ने उन लोगों को 2 साल का ट्रेनिंग कराया है. ऐसे में सरकार को किस बात का संदेह है, यह वह जानना चाहते हैं.
"केके पाठक पहले उतरकर यूपीएससी एक्जाम दें और फिर से क्वालीफाई करें, तब नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा देंगे. सरकार ध्यान से सुन ले कि नियोजित शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार कर दिया है. उपार्जित अवकाश लेकर के तमाम शिक्षक पटना में जुट गए हैं और जब तक मांगे पूरी नहीं होगी पटना से कहीं जाएंगे नहीं."- लाल बाबू कुमार,शिक्षक नेता
इसे भी पढ़ें:
सड़क पर मशाल लेकर उतरे नियोजित शिक्षक, बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग
मोतिहारी में केके पाठक के फरमान को नियोजित शिक्षकों ने दिखाया ठेंगा, मशाल जुलूस निकालकर भरी हुंकार