ETV Bharat / state

बिहार में MLC के 11 सीटों पर होने वाले चुनाव में हो सकता है खेला, जानें सभी पार्टियों का समीकरण - bihar mlc chunav

Bihar MLC Election 2024: बिहार विधान परिषद चुनाव से पहले बिहार में बड़ा खेला हो गया और महागठबंधन के तीन विधायकों ने पाला बदल लिया. वहीं अभी इस लिस्ट में और नाम जुड़ने की चर्चाएं हैं. ऐसे में बिहार विधान परिषद के 11 सीटों पर 21 मार्च को मतदान होंगे और उसी दिन रिजल्ट भी आ जाएंगे. राजनीतिक उथल पुथल के बीच विधान परिषद के चुनाव में भी खेला होने की सुगबुगाहट है.

बिहार में MLC के 11 सीटों पर होने वाले चुनाव में हो सकता है खेला, जानें सभी पार्टियों का समीकरण
बिहार में MLC के 11 सीटों पर होने वाले चुनाव में हो सकता है खेला, जानें सभी पार्टियों का समीकरण
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 28, 2024, 8:00 PM IST

Updated : Feb 29, 2024, 11:47 AM IST

जानें सभी पार्टियों का समीकरण

पटना: बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों पर खेला तो नहीं हुआ, लेकिन बीजेपी के एक नेता राकेश तिवारी की ओर से पैसा जमा करने और रसीद लेने पर चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि नीतीश कुमार के कारण कोई खेल नहीं हो सका. 6 उम्मीदवार ने नॉमिनेशन किया और सभी निर्विरोध चुन लिये गए. वहीं अभी बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर भी चुनाव होना है और इसमें खेला होने की अटकलें लगायी जाने लगी है.

बिहार के MLC चुनाव में होगा खेला?: महागठबंधन के तीन विधायक पहले बागी हुए थे और अब तीन और विधायकों के बागी हो जाने के बाद महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ रही है और चर्चा यह भी है कि कई विधायक और पाला बदलने की तैयारी में है. ऐसे में महागठबंधन के लिए पांचवा सीट निकालना मुश्किल हो सकता है.

क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ा: बिहार विधानसभा में अभी 242 विधायक हैं क्योंकि एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. महागठबंधन के पास 6 विधायकों के बागी होने के बाद 107 विधायक हैं, जबकि विधान परिषद के एक सीट के लिए 22 विधायकों की जरूरत पड़ती है. इस हिसाब से 5 सीट के लिए 110 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में पांचवें सीट के लिए केवल 19 विधायक ही बच रहे हैं. यदि कुछ और विधायकों ने पाला बदल लिया और चुनाव की नौबत आ गई तो क्रॉस वोटिंग भी होने का खतरा रहेगा.

NDA का पलड़ा भारी: दूसरी तरफ देखें तो एनडीए के पास अब 134 विधायक हो चुके हैं. पहले 128 विधायक थे. ऐसे में एनडीए 5 सीट तो आसानी से निकाल लेती, लेकिन छठे सीट के लिए एनडीए के पास केवल 18 विधायक ही बच रहे थे, लेकिन बागी के कारण अब 134 विधायक हो चुके हैं. छठे विधायक के लिए अब 24 विधायक बच रहे हैं यानी कि जितने विधायकों की जरूरत एक सीट के लिए है उससे अधिक विधायक एनडीए के पास हो गए हैं.

सातवां उम्मीदवार उतारने की संभावना: महागठबंधन के विधायकों ने फिलहाल पाला नहीं बदला तो बिहार में एमएलसी चुनाव होने की नौबत कम रहेगी, लेकिन और विधायकों ने पाला बदल लिया तब खेल होने की प्रबल संभावना रहेगी. क्योंकि एनडीए के तरफ से सातवां उम्मीदवार मैदान में उतारा जा सकता है. बशर्ते नीतीश कुमार तैयार हो जाएं.

महागठबंधन की स्थिति: महागठबंधन के विधायकों की संख्या 107 है. विधान परिषद के पांच सीट के लिए चाहिए 110 विधायकों की संख्या की जरूरत है. राजद के 75, कांग्रेस के 17 विधायक, वाम दलों के 15 विधायक हैं. एआईएमआईएम के एक विधायक, महागठबंधन खेमे को समर्थन दे सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

एनडीए की स्थिति: एनडीए के पास कुल विधायकों की संख्या 134 हो गई है. 6 सीट के लिए 132 विधायकों की जरूरत है और उससे अधिक विधायक एनडीए के पास है. बीजेपी के 78, जदयू के 45, हम के 04, बागी विधायक छह और एक निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस और राजद से और विधायक पाला बदलते हैं और एनडीए से सातवां उम्मीदवार उतारा जाता है तो चुनाव तय माना जा रहा है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

JDU को दो सीटों का नुकसान: 5 मई को विधान परिषद के 11 सीटों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिसमें जदयू के चार बीजेपी के तीन, राजद के दो, कांग्रेस के एक और हम के एक विधायक हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से जदयू को इस बार दो सीट का नुकसान हो रहा है. वहीं बीजेपी को तीन सीट आसानी से मिल जाएगी और जो विधायक बचेंगे उनकी मदद से हम के उम्मीदवार को जीत मिल सकती है.

कांग्रेस और वामपंथी दल के बीच फंसा पेंच: एनडीए में 6 सीट मिलने में अब कहीं से कोई परेशानी नहीं है लेकिन महागठबंधन खेमे में आरजेडी को इस बार यदि चार सीट मिलती है तो दो सीट का फायदा होगा. यदि 3 सीट मिलती है तब भी एक सीट का फायदा होगा. समस्या कांग्रेस और वाम दलों के बीच भी है, क्योंकि राज्यसभा में कांग्रेस को एक सीट दिया गया था तो वामपंथी दल विधान परिषद में एक सीट चाहते हैं. महागठबंधन में कांग्रेस और वामपंथी दल में से कौन उम्मीदवार उतारे यह भी एक बड़ी समस्या है.

बागी बिगाड़ेंगे खेल!: राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश हिमाचल में खेला हो चुका है. बिहार में एनडीए के पास अधिक विधायक होने के बाद भी सातवां उम्मीदवार नहीं उतारा गया और इसलिए सभी 6 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हो गया. अब एमएलसी चुनाव में बागी विधायक यदि खेल बिगाड़ते हैं तो महागठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

इस बार MLC चुनाव में जोड़तोड़ की संभावना: कांग्रेस और आरजेडी की ओर से बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दिया गया है. राजद और कांग्रेस में कई विधायक अपनी उपेक्षा से नाराज हैं. भविष्य की राजनीति को लेकर ऐसे में कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो आश्चर्यजनक की बात नहीं होगी, लेकिन एमएलसी चुनाव में खेला तभी संभव है जब राजद और कांग्रेस के विधायक पाला बदले और 12वां उम्मीदवार मैदान में उतरे.

पढ़ें-

जानें सभी पार्टियों का समीकरण

पटना: बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों पर खेला तो नहीं हुआ, लेकिन बीजेपी के एक नेता राकेश तिवारी की ओर से पैसा जमा करने और रसीद लेने पर चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि नीतीश कुमार के कारण कोई खेल नहीं हो सका. 6 उम्मीदवार ने नॉमिनेशन किया और सभी निर्विरोध चुन लिये गए. वहीं अभी बिहार विधान परिषद की 11 सीटों पर भी चुनाव होना है और इसमें खेला होने की अटकलें लगायी जाने लगी है.

बिहार के MLC चुनाव में होगा खेला?: महागठबंधन के तीन विधायक पहले बागी हुए थे और अब तीन और विधायकों के बागी हो जाने के बाद महागठबंधन के लिए परेशानी बढ़ रही है और चर्चा यह भी है कि कई विधायक और पाला बदलने की तैयारी में है. ऐसे में महागठबंधन के लिए पांचवा सीट निकालना मुश्किल हो सकता है.

क्रॉस वोटिंग का खतरा बढ़ा: बिहार विधानसभा में अभी 242 विधायक हैं क्योंकि एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो चुकी है. महागठबंधन के पास 6 विधायकों के बागी होने के बाद 107 विधायक हैं, जबकि विधान परिषद के एक सीट के लिए 22 विधायकों की जरूरत पड़ती है. इस हिसाब से 5 सीट के लिए 110 विधायकों की जरूरत है. ऐसे में पांचवें सीट के लिए केवल 19 विधायक ही बच रहे हैं. यदि कुछ और विधायकों ने पाला बदल लिया और चुनाव की नौबत आ गई तो क्रॉस वोटिंग भी होने का खतरा रहेगा.

NDA का पलड़ा भारी: दूसरी तरफ देखें तो एनडीए के पास अब 134 विधायक हो चुके हैं. पहले 128 विधायक थे. ऐसे में एनडीए 5 सीट तो आसानी से निकाल लेती, लेकिन छठे सीट के लिए एनडीए के पास केवल 18 विधायक ही बच रहे थे, लेकिन बागी के कारण अब 134 विधायक हो चुके हैं. छठे विधायक के लिए अब 24 विधायक बच रहे हैं यानी कि जितने विधायकों की जरूरत एक सीट के लिए है उससे अधिक विधायक एनडीए के पास हो गए हैं.

सातवां उम्मीदवार उतारने की संभावना: महागठबंधन के विधायकों ने फिलहाल पाला नहीं बदला तो बिहार में एमएलसी चुनाव होने की नौबत कम रहेगी, लेकिन और विधायकों ने पाला बदल लिया तब खेल होने की प्रबल संभावना रहेगी. क्योंकि एनडीए के तरफ से सातवां उम्मीदवार मैदान में उतारा जा सकता है. बशर्ते नीतीश कुमार तैयार हो जाएं.

महागठबंधन की स्थिति: महागठबंधन के विधायकों की संख्या 107 है. विधान परिषद के पांच सीट के लिए चाहिए 110 विधायकों की संख्या की जरूरत है. राजद के 75, कांग्रेस के 17 विधायक, वाम दलों के 15 विधायक हैं. एआईएमआईएम के एक विधायक, महागठबंधन खेमे को समर्थन दे सकते हैं.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

एनडीए की स्थिति: एनडीए के पास कुल विधायकों की संख्या 134 हो गई है. 6 सीट के लिए 132 विधायकों की जरूरत है और उससे अधिक विधायक एनडीए के पास है. बीजेपी के 78, जदयू के 45, हम के 04, बागी विधायक छह और एक निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस और राजद से और विधायक पाला बदलते हैं और एनडीए से सातवां उम्मीदवार उतारा जाता है तो चुनाव तय माना जा रहा है.

ईटीवी भारत GFX
ईटीवी भारत GFX

JDU को दो सीटों का नुकसान: 5 मई को विधान परिषद के 11 सीटों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जिसमें जदयू के चार बीजेपी के तीन, राजद के दो, कांग्रेस के एक और हम के एक विधायक हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से जदयू को इस बार दो सीट का नुकसान हो रहा है. वहीं बीजेपी को तीन सीट आसानी से मिल जाएगी और जो विधायक बचेंगे उनकी मदद से हम के उम्मीदवार को जीत मिल सकती है.

कांग्रेस और वामपंथी दल के बीच फंसा पेंच: एनडीए में 6 सीट मिलने में अब कहीं से कोई परेशानी नहीं है लेकिन महागठबंधन खेमे में आरजेडी को इस बार यदि चार सीट मिलती है तो दो सीट का फायदा होगा. यदि 3 सीट मिलती है तब भी एक सीट का फायदा होगा. समस्या कांग्रेस और वाम दलों के बीच भी है, क्योंकि राज्यसभा में कांग्रेस को एक सीट दिया गया था तो वामपंथी दल विधान परिषद में एक सीट चाहते हैं. महागठबंधन में कांग्रेस और वामपंथी दल में से कौन उम्मीदवार उतारे यह भी एक बड़ी समस्या है.

बागी बिगाड़ेंगे खेल!: राज्यसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश हिमाचल में खेला हो चुका है. बिहार में एनडीए के पास अधिक विधायक होने के बाद भी सातवां उम्मीदवार नहीं उतारा गया और इसलिए सभी 6 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हो गया. अब एमएलसी चुनाव में बागी विधायक यदि खेल बिगाड़ते हैं तो महागठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

इस बार MLC चुनाव में जोड़तोड़ की संभावना: कांग्रेस और आरजेडी की ओर से बागी विधायकों की सदस्यता समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को पत्र दिया गया है. राजद और कांग्रेस में कई विधायक अपनी उपेक्षा से नाराज हैं. भविष्य की राजनीति को लेकर ऐसे में कोई बड़ा फैसला लेते हैं तो आश्चर्यजनक की बात नहीं होगी, लेकिन एमएलसी चुनाव में खेला तभी संभव है जब राजद और कांग्रेस के विधायक पाला बदले और 12वां उम्मीदवार मैदान में उतरे.

पढ़ें-

Last Updated : Feb 29, 2024, 11:47 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.