पटना : राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने 30 दिसंबर सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि बिहार में भूमि सर्वे का कार्य लगातार तेजी से चल रहा है. बहुत जल्द ही हजारों पंचायत में भूमि सर्वेक्षण का कार्य को पूरा कर लिया जाएगा. जिन लोगों ने अबतक सेल्फ डिक्लेरेशन नहीं दिया है वो जुलाई 2025 तक सेल्फ डिक्लेरेशन दे सकते हैं. सरकार ने यह व्यवस्था की है.
"अगर किसी अधिकारी को लेकर लापरवाही की शिकायत आती है तो विभाग उसे पर तुरंत संज्ञान लेता है. अभी तक बिहार में 1400 राजस्व पदाधिकारी में 458 से अधिक पदाधिकारी पर करवाई हुई है. 4 पदाधिकारियों की टीम मुख्यालय में शिकायत देखने के लिए बैठाए गये हैं."- दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव
जहां हैं वहीं से ऑनलाइन करें : अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जमीन सर्वे के पहला चरण का काम 20 जिला में चल रहा था, जो अंतिम चरण में है. दूसरे चरण में बाकी के 18 जिला में सर्वे का काम शुरू हो गया है. उन्होंने कहा कि लैंड सर्वे के लिए किसी को घर आने की जरूरत नहीं है. जो जहां हैं वही से ऑन लाइन कर सकते हैं. सरकारी पोर्टल पर सभी जमीन के कागज उपलब्ध हैं, उसकी सहायता भी ले सकते हैं.
अमीन बहाल किये गये : राज्य में भूमि सर्वे को लेकर जो संसाधन की कमी थी उसको पूरा कर लिया गया है. सरकारी अमीन लगातार इस कार्य को कर रहे हैं. जितनी भी पंचायत है उसके आधार पर अमीन को बहाल किया गया है. 8035 अमीन सिर्फ सर्वे के लिए रखा गया है. एक अमीन को चार पंचायत का कार्य दिया गया है, इसलिए भूमि सर्वे में अब कोई दिक्कत नहीं होगी. सरकार इस काम को पूरा करने के लिए लेकर पूरी तरह से तैयार है.
कई नियमों में छूट दी गयी : दीपक कुमार ने कहा कि भूमि सर्वेक्षण का काम जब शुरू किया गया था तो जो नियम बने थे उसमें कई बार सुधार भी किए गए हैं. लोगों को कई सुविधाएं भी दी गई हैं. जो रैयत और जमीन के कम से कम पेपर भी हैं तो जमीन बिहार सरकार की नहीं हो सकती है, इसके लिए कई प्रावधान किए गए हैं. उन्होंने कहा कि 45 हजार हजार गांव में सर्वे का काम 1 साल में पूरा करने का लक्ष्य है.
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