पटना: बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के शिकायत के निवारण के लिए विभाग एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली विकसित कर रही है. जिसके जरिये उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कई स्तर पर कार्य किया जा रहा है. ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल आधारित ऐप के जरिये प्राप्त डेटा के आधार पर यह पता लगाना आसान होगा कि किसी शिकायत के निवारण में देर क्यों हो रही है और इसके लिए कौन व्यक्ति जिम्मेदार है.
सूचनाओं का भी होगा आदान-प्रदान: पोर्टल और ऐप का इस्तेमाल संबंधित हितधारकों और उपभोक्ताओं के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए भी किया जाएगा. इसका लक्ष्य उपभोक्ताओं तक निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने के लिए पूरी पारदर्शिता के साथ बिजली वितरण प्रणाली का प्रभावशाली निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित करना है. इसके लिए बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष संजीव हंस द्वारा विद्युत भवन के सभागार में बैठक किया गया.
समस्याओं का तुरंत होगा निदान: बता दें कि इस बैठक में पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के जरिये उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निदान करने के लिए एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली की रूपरेखा पर चर्चा हुई. इसकी शुरुआत होने के साथ, बिहार में किसी भी माध्यम द्वारा किसी भी कोने से की गई बिजली संबंधी सभी शिकायतें एक जगह एकत्र होंगी. इससे समस्याओं का समाधान करने में सुविधा होगी. इसका डिजाइन तैयार किया जा रहा है.
"हमारा उद्देश्य है कि उपभोक्ताओं को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करना है. एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली उपभोक्ताओं की समस्याओं के त्वरित समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इससे न केवल उपभोक्ताओं की संतुष्टि बढ़ेगी, बल्कि बिजली वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता भी सुनिश्चित होगी." - संजीव हंस, अध्यक्ष, बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड
अलग-अलग भाषा का होगा इस्तेमाल: बता दें कि एकीकृत ओमनी-चैनल सीआरएम प्रणाली में एआई आधारित चैट बोट व व्हाइस बोट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें अंग्रेजी और हिन्दी के साथ साथ क्षेत्रिए भाषा जैसे मैथिली, भोजपुरी, मगही आदि का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. उपभोक्ता अपनी स्थानीय भाषा में इसका उपयोग कर सकेंगे. इसमें स्पीच से टेक्स्ट और टेक्सट से स्पीच की भी सुविधा होगी.
सोशल साइट का भी होगा इस्तेमाल: इसमें खासतौर से इंटरएक्टिव व्हाइस रिसपॉन्स सिस्टम (आईवीआरएस) का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत हिन्दी, अंग्रेजी सहित स्थानीय भाषाओं में उपभोक्ताओं के सवालों का जवाब दिया जाएगा, उनसे संवाद किया जाएगा. इसके साथ ही व्हाट्स एप, ट्वीटर, फेसबुक, इमेल, फोन कॉल आदि का भी इस्तेमाल किया जाएगा. इनके माध्यम से भी उपभोक्ता अपनी बात रख सकेंगे.
टोल फ्री नंबर से चल रहा काम: फिलहाल विद्युत उपभोक्ता बिजली संबंधी अपनी शिकायत के लिए विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए बिजली विभाग की ओर से दिए गए टोल फ्री नंबर 1912 और वेबसाइट का भी उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है.