नई दिल्ली/पटना : कहते हैं जब तेज आंधी आती है तो वह सबकुछ अपने साथ उड़ा ले जाती है. पर कई बार इसके विपरीत उदाहरण भी देखने को मिल जाते हैं. दिल्ली इसका जीता जागता उदाहरण है.
दिल्ली में JDU और LJPR उम्मीदवार की हार : अब देखिए ना, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी आयी. पर इस हवा के झोंके के साथ 'नीतीश और चिराग' नहीं चल पाए. मतलब ना तीर चला, ना हेलीकॉप्टर उड़ा. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देवली और बुराड़ी सीट पर एलजेपीआर और जेडीयू के उम्मीदवार थे. दोनों ही सीट पर हार का स्वाद चखना पड़ा.
क्या रहा देवली सीट का नतीजा : देवली सीट पर चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवार दीपक तंवर को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने करारी शिकस्त दी. आम आदमी पार्टी के प्रेम चौहान ने 36680 वोटों के बड़े अंतर से दीपक तंवर को हराया. जहां प्रेम चौहान को 86889 वोट प्राप्त हुए. वहीं दीपक तंवर को 50209 वोट मिले. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के राजेश चौहान रहे, जिन्हें 12211 वोट मिले.
बुरारी में नीतीश के उम्मीदवार की हार : अब बात बुरारी सीट की करते हैं. यहां पर जेडीयू उम्मीदवार शैलेन्द्र कुमार को हार का सामना करना पड़ा है. यहां पर आम आदमी पार्टी के संजीव झा को 20601 वोटों से जबरदस्त जीत हासिल हुई है. बुरारी सीट से संजीव झा लगातार जीतते आ रहे हैं. यहां पर भी तीसरे स्थान पर कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार रहे. आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव झा को जहां 121181 वोट मिले, वहीं जेडीयू प्रत्याशी शैलेन्द्र कुमार को 100580 मत प्राप्त हुए. कांग्रेस के मंगेश त्यागी को 19920 वोट मिले.
BJP के वोट प्रतिशत में बंपर उछाल : अगर वोट शेयर के हिसाब से देखें तो दिल्ली विधानसभा के रिजल्ट में बीजेपी के वोट प्रतिशत में बंपर उछाल दिखा है. बीजेपी 45.56 वोट प्रतिशत लेकर सबसे बड़ी पार्टी बनी. वहीं आम आदमी पार्टी को 43.57 प्रतिशत वोट मिले. इधर जेडीयू का वोट प्रतिशत 1.06 रहा तो एलजेपीआर का वोट प्रतिशत 0.53 प्रतिशत रहा.
100% स्ट्राइक रेट वाले चिराग पिछड़ गए : चिराग पासवान की पार्टी का दावा रहता था कि उनका स्ट्राइक रेट 100 प्रतिशत का है. क्योंकि लोकसभा चुनाव में बिहार में उनके सभी उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी. वहीं झारखंड में भी एक सीट जीतने के साथ स्ट्राइक रेट बरकरार रहा. हालांकि दिल्ली में उनको मुंहकी खानी पड़ी. इधर जेडीयू का झारखंड में स्ट्राइक रेट 50 प्रतिशत का था. दो में से उनके एक उम्मीदवार की जीत हुई थी, पर दिल्ली में वो भी नसीब नहीं हुई.
दिल्ली में कैंप करने के बावजूद मिली हार : बता दें कि एनडीए गठबंधन के तहत जेडीयू और एलजेपीआर को दिल्ली में एक-एक सीट दी गई थी. पर दोनों जगह हार का मुंह देखना पड़ा. अब इसको लेकर बिहार में सियासत तय मानी जा रही है. क्योंकि जहां एक ओर चिराग पासवान खुद दिल्ली में प्रचार करने पहुंचे थे वहीं जेडीयू के भी बड़े-बड़े नेता केजरीवाल पर वार करने देश की राजधानी में डेरा डाले थे. उधार जीतन राम मांझी को सीट नहीं मिलने की कसक थी.
क्या बिहार के चुनाव में पड़ेगा असर ? : दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद सवाल उठने लगे कि क्या इसका असर बिहार विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. ऐसे में राजनीतिक पंडितों का मानना है कि दिल्ली में भले ही बीजेपी को एज प्राप्त हुआ है, पर बिहार में इसका असर दिखेगा इसकी संभावना कम ही है. चूंकि लोकसभा में जेडीयू और एजेपीआर का दबदबा है, तो किसी भी सूरत में वे बिहार में अपने आप को कम नहीं मानेंगे. वैसे बीजेपी भी जानती है कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान बिहार के लिए कितने अहम हैं.
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