पटनाः सीएम नीतीश कुमार 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए आज से प्रचार करेंगे. तरारी और रामगढ़ में चुनाव प्रचार करेंगे. जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी साथ रहेंगे. भाजपा के वरिष्ठ नेता और एनडीए के अन्य घटक दल के नेता भी मौजूद रहेंगे. मुख्यमंत्री 10 नवंबर को बेलागंज और इमामगंज में चुनाव प्रचार करेंगे.
बीजेपी के लिए मांगे वोट: तरारी और रामगढ़ दोनों विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बीजेपी ने तरारी से बाहुबली सुनील पांडे के बेटे विशाल प्रशांत को टिकट दिया है तो वहीं रामगढ़ से बीजेपी ने अशोक कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है. सीएम नीतीश कुमार इन दोनों प्रत्याशी के लिए दोनों विधानसभा क्षेत्र में वोट मांगेंगे.
पहले पिता, अब बेटा की बारीः 2020 में सुनील पांडे निर्दलीय चुनाव लड़े थे लेकिन माले के सुदामा प्रसाद से 13000 वोटो से हार गए. जबकि भाजपा के टिकट पर लड़े कौशल कुमार विद्यार्थी तीसरे नंबर पर रहे थे. सुदामा प्रसाद के सांसद बनने के कारण यह सीट खाली है. ऐसे सुनील पांडे और उनके परिवार के सदस्य 2000 से 2020 तक 6 विधानसभा चुनाव में से चार बार जीत चुके हैं. अब उनके बेटे पर दांव बीजेपी ने लगाया है. माले उम्मीदवार से मुकाबला करेंगे.
रामगढ़ में राजद से टक्करः रामगढ़ से बीजेपी उम्मीदवार का मुकाबला राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत कुमार से है. 2020 में जगदानंद सिंह के बड़े बेटे हैं, सुधाकर सिंह यहां से चुनाव जीते थे. उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली है. जगदानंद सिंह परिवार का यहां दबदबा रहा है. ऐसे में बीजेपी के लिए यहां काफी चुनौती है.
'एनडीए के हाथ में मात्र एक सीट': मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज से चुनाव प्रचार में उतर रहे हैं. पहले तरारी जाएंगे और फिर उसके बाद रामगढ़ में चुनाव प्रचार करेंगे. बीजेपी के भी वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री के साथ नजर आएंगे. 10 नवंबर को बेलागंज और इमामगंज में चुनाव प्रचार करेंगे. बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी चुनाव मैदान में है तो इमामगंज से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनाव लड़ रही हैं. चार विधानसभा सीट में से केवल इमामगंज सीट एनडीए का सीटिंग सीट है. जीतन राम मांझी के गया से सांसद बनने के कारण यह सीट खाली है.
2025 से पहले उपचुनाव पर दांव: एनडीए और महागठबंधन दोनों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है. ऐसे जनसुरज के मैदान में आने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है. जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर भी अपनी ताकत लगा रहे हैं. एक तरफ जहां नीतीश कुमार और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में कूद चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव और महागठबंधन के घटक दल के नेता चुनाव प्रचार में लगे हैं.
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