गयाः रविवार को नीतीश कुमार गया के इमामगंज विधानसभा में हम प्रत्याशी दीपा मांझी के लिए वोट मांगने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान जीविका दीदियों ने अपनी मांग रख दी. इसके साथ सीएम नीतीश कुमार भड़क गए. उन्होंने जीविका दीदी को खूब डांट पिलाई और चुपचाप भाषण सुनने के लिए कहा. कहा कि पहले हम जिस काम से आए हैं करने दो उसके बाद तुम्हारा सुनेंगे.
नीतीश कुमार जीविका पर भड़केः जीविदा सीएम नीतीश कुमार ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि 'आपलोग दीपा मांझी को भारी मतों से जिताएं, यही हम आपसे अनुरोध करने आए हैं.' इसी दौरान सभा आई जीविका दीदियों ने सीएम नीतीश कुमार के सामने अपनी मांग रख दी. यह सुनते ही सीएम नीतीश कुमार गुस्सा हो गए. कहा कि 'पहले मेरा बात सुन लो तब बोलना. पहले हम काम कर लेते हैं इसके बाद तुमलोग का सुन लेंगे कि क्या जरूरत है. इसलिए चुपचाप सुनो. तुम क्या-क्या बोल रही है. तुमको याद नहीं है, हम इतना समझाए हैं. चुपचाप रहिए ज्यादा मत बोलिए.'
जंगल राज को याद कियाः बता दें कि जीविका दीदी अपने वेतनमान को लेकर नारेबाजी कर रही थी. जीविका दीदी को चुप कराने के बाद एक बार फिर सीएम नीतीश कुमार भाषण शुरू किए. इस दौरान उन्होंने लालू यादव पर निशाना साधा. कहा कि हमने तो इतना सारा काम किया है. पूर्व में बनी सरकार को लेकर कहा कि 2005 में से हमलोगों ने काम किया. नीतीश कुमार ने लोगों से पूछा कि बताइये 2005 से पहले बिहार में कौन राज करता था?
"उनलोगों(लालू यादव) ने कोई काम नहीं किया. पहले शाम में कोई नहीं निकलता था. हिन्दू मुस्लिम का वोट तोड़ने का काम करता था. जब काम करना शुरू किया तो हर प्रकार का कार्य किया है. हिंदू-मुस्लिम का झगड़ा बंद कराया. 2010 में भाजपा को भारी संख्या में मुस्लमान लोगों ने वोट किया था. हमने भाजपा के साथ मिलकर कब्रिस्तान की घेराबंदी कराया. मंदिर के लिए काम किया." -नीतीश कुमार, सीएम, बिहार
'हिंदू-मुस्लिम की लड़ाई खत्म': सभा में सीएम नीतीश कुमार ने अपने किए गए कार्य का आंकड़ा भी पेश किए. उन्होंने कहा कि 12037 कब्रिस्तान की जानकारी मिली थी, जिसकी घेराबंदी की गयी. कहा कि हमने हिंदू-मुस्लिम को साथ मिलाने का काम किया है. कहा कि बताइए मंदिर में मूर्ति चोरी की घटनाएं कितनी होती थी. अब नहीं होती है. शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम किया. इसलिए याह याद कीजियेगा, भूलिएगा नहीं.
'शिक्षकों की बहाली': सीएम ने कहा कि बड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई. पोशाक योजना, नौवीं में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए साइकिल योजना दिया, यह सब भूलिएगा नहीं. पहले पीएचसी में 1 महीना में 39 मरीज जाते थे अब 11 हजार हर महीना इलाज कराने जाते हैं. इस दौरान उन्होंने वही पुरानी बातों को दाहराया. कहा कि गलती से उनलोगों को हमलोग ले लिए थे बाद में फिर हम हट गए. हमारी पार्टी के ही लोग लेकर साथ चले गए थे लेकिन अब कहीं नहीं जाने वाले हैं. अब कभी नहीं जायेंगे. अब इधर-उधर नहीं जाएंगे.
'मेडिकल कॉलेज की संख्या बढ़ी': सीएम ने कहा कि 7 निश्चय योजना के तहत पक्की सड़क आदि का कार्य कराया. अगला चुनाव के पहले 12 लाख को नौकरी मिलेगी. पंचायती राज में 50% आरक्षण दिया. पुलिस में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया. जीविका दीदियों से कहा कि स्वयं सहायता समूह पहले कितना कम था. 2006 में कर्ज लेकर जीविका के स्वयं सहायता का वृद्धि कराया. केंद्र वाला पहले जीविका को जीविका दीदी पर नाराज था लेकिन जब हमारा काम देखा तो जीविका नाम देख कर आजीविका कर दिया. 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियों की संख्या है.
'बहकावे में नहीं आना है': सीएम ने कहा कि जाति आधारित गणना भी कराया. इसके साथ राज्य में हर जाति का आर्थिक सर्वे भी कराया. जिस में पाया गया कि बिहार में 94 लाख परिवार के लोग गरीबी हालत में हैं. उनके उत्थान के लिए कार्य करेंगे. इसको लेकर कार्य शुरू हो गया है. 2–2 लाख रुपया हर परिवार को देने का काम किया है. गया बोधगया में कई कार्यों को किया गया है इसलिए बहकावे में नहीं आना है और दीपा मांझी को जिताना है.
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