पटना: भारतीय जनता पार्टी इस बार बिहार में सभी 40 लोकसभा सीट जीतना चाहती है. नीतीश कुमार के एनडीए में आने से पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ गया है. पार्टी अब क्लीन स्वीप की योजना के साथ आगे बढ़ रही है. इसके लिए पार्टी अलग-अलग स्ट्रेटजी बना रही है. भाजपा के लिए सीमांचल क्षेत्र एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में सीमांचल को साधने के लिए पार्टी ने अल्पसंख्यक समाज से आने वाले बड़े नेता को मैदान में उतारा है.
सीमांचल में कैंप कर रहे नकवी: मुख्तार अब्बास नकवी को सीमांचल की जिम्मेदारी मिली है. सीमांचल में बीजेपी का झंडा लहराने के लिए नकवी लगातार इलाके में कैंप कर रहे हैं. कलस्टर मीटिंग के जरिए एक्शन प्लान को मूल रूप दिया जा रहा है. किशनगंज ,अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले की जिम्मेदारी मुख्तार अब्बास नकवी के कंधों पर है. सीमांचल इलाके के दो सीटों पर जदयू का कब्जा है. एक सीट भाजपा के पास है तो एक किशनगंज कांग्रेस के पास है.
चुनाव प्रबंधन समिति के साथ करेंगे बैठक: इस बीच 26 मार्च को मुख्तार अब्बास नकवी किशनगंज में कार्यक्रम करने जा रहे हैं. तीन लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ वह बैठक करेंगे. उसके बाद 27 मार्च को नकवी कटिहार में चार लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारी के साथ बैठक करेंगे. जहां अल्पसंख्यक वोट बैंक को भाजपा के पक्ष में लाने की रणनीति तैयार होगी. नकवी का लाभार्थियों के साथ बैठक होना है. इसके अलावा चुनाव प्रबंधन समिति के साथ बैठक भी किया जाना है.
बिहार आएंगे राजनाथ सिंह: आपको बता दें कि पूरे देश में 160 क्लस्टर है, जिसमें 10 क्लस्टर बिहार में ही है. पूर्णिया भी एक क्लस्टर है. बिहार के सभी 10 क्लस्टर में भाजपा के बड़े नेताओं को भेजा जाना है. जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वाल्मीकिनगर और शिवहर क्षेत्र के पदाधिकारी के साथ कलस्टर मीटिंग होगी. 28 मार्च को राजनाथ सिंह इन इलाकों में होंगे. इसके अलावा उनपर छपरा, सिवान, गोपालगंज और महाराजगंज की भी जिम्मेदारी है.
कलस्टर मीटिंग में शामिल होंगे विनोद तावडे: वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार प्रभारी विनोद तावडे को मुंगेर, जमुई, और बेगूसराय क्लस्टर की जिम्मेदारी मिली है. विनोद तावड़े 28 और 29 फरवरी को चारों लोकसभा क्षेत्र के पदाधिकारी के साथ कलस्टर मीटिंग करेंगे. उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री शाहाबाद क्लस्टर को देख रहे हैं. इधर, आरा, बक्सर, करकट और सासाराम लोकसभा सीट की जिम्मेदारी केशव प्रसाद मौर्य के कंधों पर है. उन्होंने आरा जिले का दौरा भी किया है और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की है.
सीमांचल भाजपा की कमजोर कड़ी: वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि सीमांचल भाजपा की कमजोर कड़ी है और कमजोर कड़ी को दुरुस्त करना पार्टी के लिए चुनौती है. बता दें कि कलस्टर मीटिंग के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार कर रही है.
"सीमांचल में हम पहले से भी मजबूत थे. चार में से तीन लोकसभा सीट एनडीए के पास है. इस बार हम चारों लोकसभा सीट जीतेंगे. किशनगंज से हमारे नेता शाहनवाज हुसैन सांसद रह चुके हैं और अब मुख्तार अब्बास नकवी इलाके में कैंप कर रहे हैं. उस इलाके में हमारी स्थिति अब और मजबूत होगी." - इंजीनियर शैलेंद्र, प्रभारी विधायक, पूर्णिया क्लस्टर
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