पटना: बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं. इन चारों विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. अब चुनाव प्रचार अंतिम दौर में है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन चारों विधानसभा क्षेत्र में लगातार 2 दिन चुनाव प्रचार करेंगे. 9 नवंबर को मुख्यमंत्री रामगढ़ और तरारी में चुनाव प्रचार करेंगे तो वहीं 10 नवंबर को बेलागंज और इमामगंज में चुनाव प्रचार करेंगे.
एनडीए उम्मीदवारों का बढ़ेगा जोशः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा रहेंगे. जदयू ने अपने मंत्रियों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सांसद- विधायक को पहले ही चुनाव प्रचार में उतार दिया है. बीजेपी के साथ एनडीए के अन्य घटक दल के वरिष्ठ नेता भी चुनाव प्रचार में अपनी ताकत लगा रहे हैं. अब नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार में कूदने से एनडीए उम्मीदवारों का जोश और बढ़ेगा. लड़ाई दिलचस्प बनेगी.
लिटमस टेस्ट है उपचुनावः चार विधानसभा सीटों में से तीन सीटों महागठबंधन की सीटिंग सीट है. केवल इमामगंज सीट, एनडीए की सीटिंग सीट है. जहां एक तरफ महागठबंधन पर तीन सीट को बचाने की चुनौती होगी तो वहीं एनडीए के लिए इमामगंज सीट बचाये रखने के साथ अन्य सीटों को भी जीतना चाहेगा. 2025 विधानसभा चुनाव से पहले हो रहे उपचुनाव को लिटमस टेस्ट माना जा रहा है.इस उप चुनाव के माध्यम से दोनों गठबंधन अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं.
बेलागंज में खाता खुलने का इंतजार: विधानसभा के चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में बेलागंज से जदयू ने पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को टिकट दिया है. मनोरमा देवी का मुकाबला जहानाबाद से सांसद बने सुरेंद्र यादव के बेटे से हो रहा है. सुरेंद्र यादव बेलागंज से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. अब जहानाबाद से सांसद चुने जाने के कारण यह सीट खाली हुई है. जदयू को बेलागंज से खाता खुलने का इंतजार है. मुख्यमंत्री भी चुनाव प्रचार में अपनी ताकत लगाने वाले हैं.
भाजपा प्रत्याशियों के लिए करेंगे प्रचारः इमामगंज से पूर्व सीएम और सांसद बने जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी चुनाव लड़ रही हैं. यहां भी लड़ाई दिलचस्प है. मुख्यमंत्री 10 नवंबर को यहां चुनाव प्रचार करेंगे. लेकिन, उससे पहले 9 नवंबर को मुख्यमंत्री रामगढ़ और तरारी विधानसभा में चुनाव प्रचार करेंगे. इन दोनों जगह से बीजेपी के उम्मीदवार हैं. प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से भी उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. प्रशांत किशोर ने खुद चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है.
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