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बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ यूपी में आक्रोश; जगह-जगह सड़कों पर उतारे हजारों लोग, सरकार से हस्तक्षेप की मांग - BANGLADESH PROTEST VIOLENCE

Bangladesh Protest Violence: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर प्रदेशभर में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया

लखनऊ में ट्रैफिक डायवर्जन
लखनऊ में प्रदर्शन. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 10, 2024, 7:32 AM IST

Updated : Dec 10, 2024, 7:39 PM IST

लखनऊ: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा के विरोध में लखनऊ में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया गया. बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के नेतृत्व में विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग शामिल हुए. लखनऊ विश्वविद्यालय से हजरतगंज चौराहे तक हजारों लोग शामिल हुए.

इस प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद (VHP), हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), धार्मिक और सामाजिक संगठन, गायत्री परिवार, प्रजापति ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी संगठन, इस्कॉन मंदिर, जैन समाज, बौद्ध समाज, मजदूर संगठन, अधिवक्ता परिषद, बीजेपी के बड़े नेता और संघ परिवार के सदस्य शामिल हुए.

लखनऊ में प्रदर्शन करते हिंदू समाज के लोग. (Video Credit; ETV Bharat)
प्रदर्शन के दौरान अलग अलग नारों के साथ बैनर लिए हुए थे. जिसमे हिंसा नहीं सहना है, कट्टरपंथीयों से लड़ना है, हिन्दू भागेगा नहीं, छिपेगा नहीं और हिन्दू लड़ेगा और जीतेगा जैसे नारे लिखे है. इस प्रदर्शन का उद्देश्य हिन्दू समाज की सुरक्षा की मांग करना, बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार के प्रति अंतरराष्ट्रीय व भारतीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की अपील करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग है. इसके अलावा भारत सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अनुरोध किया. वहीं, विरोध प्रदर्शन को लेकर ट्रैफिक व्यवस्था भी चाकचौबंद की गई है. जिन मार्गों से रैली निकलेगी वहां ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू किया गया है.
प्रयागराज में आक्रोश रैली निकालते अधिवक्ता.
प्रयागराज में आक्रोश रैली निकालते अधिवक्ता. (Photo Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज में सैकड़ों वकीलों ने निकाला आक्रोश मार्च
संगम नगरी में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया है. वकीलों ने बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में वकीलों ने प्रयाग राज के सुभाष चौक पर नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की है. सैकड़ों वकील बांग्लादेश की घटना के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला है. वकीलों ने साफ तौर पर कहा कि बांग्लादेश के मामले में भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दखल देना चाहिए. क्योंकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के हितों की रक्षा किया जाना जरूरी है. वकील अवधेश कुमार और शरद चंद्र का कहना है कि जब तक बांग्लादेश के हालात नहीं सुधारते और हिंदुओं पर जुल्म अत्याचार नहीं रुकता है, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन भी चलता रहेगा.

कानपुर में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन.
कानपुर में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन. (Photo Credit; ETV Bharat)

कानपुर में एकजुट हुए हिंदू संगठन के लोग, बांग्लादेश में दाल-चावल निर्यात बंद करने की मांग
इसी तरह कानपुर में विभिन्न राजनीतिक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर हुंकार भरी. गलनभरी सर्दी के बीच खिलखिलाती धूप में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति पदाधिकारी ने मंगलवार को बड़ा चौराहा पर एकत्रित हुए. इसके बाद सभी ने एक साथ हुंकार भरते हुए बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जहां नारेबाजी की. वहीं हिंदुओं के खिलाफ हो रही घटनाओं पर फौरन ही अंकुश लगाने की भी मांग की गई. व्यापारी नेता विनोद गुप्ता ने अपने कई अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ किया. वहीं, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी ज्ञानेश मिश्रा ने अन्य पदाधिकारी के साथ केंद्र सरकार से यह मांग की कि बांग्लादेश को जो दाल-चावल निर्यात किया जाता है, उसे फौरन ही बंद कराया जाए.

एकजुट दिखे भाजपा के पदाधिकारीः वहीं, अपना विरोध जताने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी एक साथ दिखे। भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा समेत कई अन्य विधायकों और कार्यकर्ताओं, पदाधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में बांग्लादेश में जो हालात हैं, वहां हिंदुओं की रक्षा के लिए मोदी सरकार को जल्द से जल्द ही कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. बजरंग दल के प्रकाश शर्मा ने भी कहा, अब वह समय आ गया है जब सभी हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए और इस तरह की राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ करने से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए.



बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर उठी आवाज़
वहीं, लखनऊ के गांधी भवन में भारतीय मानवाधिकार परिवार संगठन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मानव अधिकार के हित में हो रहे कामों को शुमार कराया. साथ ही सरकार की नीतियों की भी तारीफ की. भारतीय मानव अधिकार परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश अवस्थी ने बताया कि हम लोग 25 राज्य में निशुल्क सेवा कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि जहां भी मानव अधिकारों का उल्लंघन हो वहां काम किया जाए और पीड़ित को इंसाफ दिलाया जाए.
बाराबंकी से आए मोहम्मद अंसार ने बताया कि इस संगठन से हम लोग जुड़े हुए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में मानव अधिकार के को लेकर के काम कर रहे हैं ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसे लोग हैं जो बीमार हैं इलाज नहीं करवा पा रहे हैं कई लड़कियां हैं जिनकी पैसे की अभाव में शादियां नहीं हो रही हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मानव अधिकार को लेकर के कई समस्याएं आ रही हैं जिसको हम लोग हल कराने का हर संभव प्रयास करते हैं.

सोशलिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी संदीप पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हम लखनऊ के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह यह है कि 10 दिसम्बर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इजराइल द्वारा लगातार फलस्तीनियों पर किए जा रहे हमले और बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न, मणिपुर में मैतेड-कुकी हिंसा, भारत में जगह-जगह पूजा स्थल अधिनियम 1991 की अवहेलना करते हुए हिन्दू-मुस्लिम विवाद खड़ा कर अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बनाने को लेकर हम क्षोभ व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दक्षिणपंथी शक्तियों का उभार हो रहा है, दुनिया में चारों तरफ अशांति दिखाई पड़ती रह रही. इजराइल-फिलीस्तीन के संघर्ष के इतिहास में शामथ 1948 के बाद जब साढ़े 7 लाख फिलीस्तीनियों को अपना देश छोड़ कर जाना पड़ा था. अभी तक की सबसे भयंकर तबाही फिलीस्तीनी जनता झेल रही है. 7 अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से इजाराइल रुका नहीं है. लगातार हो रहे हमलों में आधिकारिक रूप से करीब 45,000 फिलीस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें 18,000 तो सिर्फ बच्चे हैं. बच्चों के अस्पतालों व शरणार्थी शिविरों पर हमले युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं.

मणिपुर के मुख्यमंत्री को किया जाए बर्खास्तः उन्होंने कहा कि बंग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों के उभार के साथ वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ अत्याचार बढ़ गए हैं. हम बंग्लादेश की सरकार से मांग करते हैं कि वहां हिन्दुओं के रहने के लिए सुरक्षित माहौल बनाए. उन्होंने कहा कि भारत में मणिपुर में मैतेई-कुकी संघर्ष में 250 से ऊपर जानें जा चुकी हैं एवं करीब 60,000 लोग विस्थापित हैं. राहत शिविरों से लोग वापस अपने गांव लौटना चाहते हैं किंतु मणिपुर अथवा केन्द्र सरकार पूरी तरह से वहां हिंसा रोक पाने में नाकाम रही है. हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री को बरखास्त कर तुरंत वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.

उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों को लगातार निशाना बनाकर साम्प्रदायिक राजनीति द्वारा देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है. अभी बहराइच की घटना लोग भूले भी नहीं थे कि सम्भल में जामा मस्जिद के नीचे मंदिर की सम्भावना को लेकर न्यायालय द्वारा सर्वेक्षण की इजाजत दे कर आनन फानन में सर्वे कराने से जो माहौल तनावपूर्ण बना. उसमें पुलिस द्वारा भीड़ पर गोली चलाने से पांच लोगों की जानें चली गईं. कई जगह पर यह सिलसिला चल पड़ा है. हिन्दुत्ववादी कार्यकर्ता मस्जिदों व मजारों के नीचे मंदिर के अवशेष खोजने लगे हैं. यह प्रक्रिया कहां जा कर रुकेगी मालूम नहीं. साम्प्रदायिक राजनीति से देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है. हमारी मांग है कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991, को कड़ाई से लागू कर इस तरह के विवादों को हवा देने का मौका ही न दिया जाए.


इन रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्जन
1. आईटी चौराहे से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन निशातगंज, गोल मार्केट, पीएसी मुख्यालय तिराहा, नया सर्वोदय नगर पुल होकर जा सकेंगे.
2. हनुमान सेतु तिराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन हनुमान सेतु तिराहा से सुशीला स्मृतिका से पेपर मिल, आरआर बंधा होकर एवं संकल्प वाटिका से बैकुण्ठधाम, 1090 चौराहा होकर जा सकेंगे.
3. पेपरमिल तिराहा से हजरतगंज की ओर जाने वाले वाहन पेपर मिल तिराहा से आरआर बंधा होकर संकल्प वाटिका से बैकुण्ठधाम, 1090 चौराहा होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
4. डालीगंज तिराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन क्लार्क अवध तिराहा से चिरैया झील, सिकंदरबाग होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
5. कैसरबाग से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन कैसरबाग चौराहा से सुभाष चौराहा, क्लार्क अवध तिराहा, चिरैया झील, सिकंदरबाग होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
6. चिरैया झील से केडी सिंह स्टेडियम तिराहा एवं चिरैया झील तिराहा से हिन्दी संस्थान तिराहा की ओर यातायात प्रतिबंधित रहेगा.
7. चारबाग से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन चारबाग तिराहा से रॉयल होटल तिराहा, सिसेंडी तिराहा, लाल बहादुर शास्त्री तिराहा, लालबत्ती होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
8. 1090 चौराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन बंदरियाबाग चौराहा से लालबत्ती चौराहा, एनेक्सी चौराहा, सिसेंडी तिराहा, रॉयल होटल अथवा कैंट क्षेत्र होकर जा सकेंगे.
9. लालबाग नॉवल्टी चौराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन लालबाग चौराहा से नूर मंजिल तिराहा, कैसरबाग अशोकलाट चौराहा, सुभाष चौराहा होकर गंतव्य को जा सकेंगे.

यह भी पढ़ें : महापरिनिर्वाण दिवस; लखनऊ में आज कई मार्गों पर रहेगा ट्रैफिक डायवर्जन, इन रास्तों से गुजरेंगे वाहन, पढ़िए डिटेल

यह भी पढ़ें : संभल कर घर से निकलें...लखनऊ के कई मार्गों पर रहेगा दो दिन ट्रैफिक डाइवर्जन

लखनऊ: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार और हिंसा के विरोध में लखनऊ में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया गया. बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के नेतृत्व में विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग शामिल हुए. लखनऊ विश्वविद्यालय से हजरतगंज चौराहे तक हजारों लोग शामिल हुए.

इस प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद (VHP), हिंदू जागरण मंच, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), धार्मिक और सामाजिक संगठन, गायत्री परिवार, प्रजापति ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी संगठन, इस्कॉन मंदिर, जैन समाज, बौद्ध समाज, मजदूर संगठन, अधिवक्ता परिषद, बीजेपी के बड़े नेता और संघ परिवार के सदस्य शामिल हुए.

लखनऊ में प्रदर्शन करते हिंदू समाज के लोग. (Video Credit; ETV Bharat)
प्रदर्शन के दौरान अलग अलग नारों के साथ बैनर लिए हुए थे. जिसमे हिंसा नहीं सहना है, कट्टरपंथीयों से लड़ना है, हिन्दू भागेगा नहीं, छिपेगा नहीं और हिन्दू लड़ेगा और जीतेगा जैसे नारे लिखे है. इस प्रदर्शन का उद्देश्य हिन्दू समाज की सुरक्षा की मांग करना, बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचार के प्रति अंतरराष्ट्रीय व भारतीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप की अपील करते हुए बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग है. इसके अलावा भारत सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अनुरोध किया. वहीं, विरोध प्रदर्शन को लेकर ट्रैफिक व्यवस्था भी चाकचौबंद की गई है. जिन मार्गों से रैली निकलेगी वहां ट्रैफिक डायवर्जन भी लागू किया गया है.
प्रयागराज में आक्रोश रैली निकालते अधिवक्ता.
प्रयागराज में आक्रोश रैली निकालते अधिवक्ता. (Photo Credit; ETV Bharat)

प्रयागराज में सैकड़ों वकीलों ने निकाला आक्रोश मार्च
संगम नगरी में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया है. वकीलों ने बांग्लादेश की घटनाओं के विरोध में वकीलों ने प्रयाग राज के सुभाष चौक पर नारेबाजी करते हुए अपनी आवाज बुलंद की है. सैकड़ों वकील बांग्लादेश की घटना के खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला है. वकीलों ने साफ तौर पर कहा कि बांग्लादेश के मामले में भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को दखल देना चाहिए. क्योंकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के हितों की रक्षा किया जाना जरूरी है. वकील अवधेश कुमार और शरद चंद्र का कहना है कि जब तक बांग्लादेश के हालात नहीं सुधारते और हिंदुओं पर जुल्म अत्याचार नहीं रुकता है, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन भी चलता रहेगा.

कानपुर में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन.
कानपुर में बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन. (Photo Credit; ETV Bharat)

कानपुर में एकजुट हुए हिंदू संगठन के लोग, बांग्लादेश में दाल-चावल निर्यात बंद करने की मांग
इसी तरह कानपुर में विभिन्न राजनीतिक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने एकजुट होकर हुंकार भरी. गलनभरी सर्दी के बीच खिलखिलाती धूप में हिंदू रक्षा संघर्ष समिति पदाधिकारी ने मंगलवार को बड़ा चौराहा पर एकत्रित हुए. इसके बाद सभी ने एक साथ हुंकार भरते हुए बांग्लादेश सरकार के खिलाफ जहां नारेबाजी की. वहीं हिंदुओं के खिलाफ हो रही घटनाओं पर फौरन ही अंकुश लगाने की भी मांग की गई. व्यापारी नेता विनोद गुप्ता ने अपने कई अन्य व्यापारियों के साथ मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ किया. वहीं, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी ज्ञानेश मिश्रा ने अन्य पदाधिकारी के साथ केंद्र सरकार से यह मांग की कि बांग्लादेश को जो दाल-चावल निर्यात किया जाता है, उसे फौरन ही बंद कराया जाए.

एकजुट दिखे भाजपा के पदाधिकारीः वहीं, अपना विरोध जताने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी भी एक साथ दिखे। भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा समेत कई अन्य विधायकों और कार्यकर्ताओं, पदाधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में बांग्लादेश में जो हालात हैं, वहां हिंदुओं की रक्षा के लिए मोदी सरकार को जल्द से जल्द ही कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. बजरंग दल के प्रकाश शर्मा ने भी कहा, अब वह समय आ गया है जब सभी हिंदुओं को एकजुट हो जाना चाहिए और इस तरह की राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ करने से कंधा मिलाकर खड़ा होना चाहिए.



बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न पर उठी आवाज़
वहीं, लखनऊ के गांधी भवन में भारतीय मानवाधिकार परिवार संगठन ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें मानव अधिकार के हित में हो रहे कामों को शुमार कराया. साथ ही सरकार की नीतियों की भी तारीफ की. भारतीय मानव अधिकार परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश अवस्थी ने बताया कि हम लोग 25 राज्य में निशुल्क सेवा कर रहे हैं. हमारा उद्देश्य है कि जहां भी मानव अधिकारों का उल्लंघन हो वहां काम किया जाए और पीड़ित को इंसाफ दिलाया जाए.
बाराबंकी से आए मोहम्मद अंसार ने बताया कि इस संगठन से हम लोग जुड़े हुए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में मानव अधिकार के को लेकर के काम कर रहे हैं ग्रामीण क्षेत्र में कई ऐसे लोग हैं जो बीमार हैं इलाज नहीं करवा पा रहे हैं कई लड़कियां हैं जिनकी पैसे की अभाव में शादियां नहीं हो रही हैं. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में मानव अधिकार को लेकर के कई समस्याएं आ रही हैं जिसको हम लोग हल कराने का हर संभव प्रयास करते हैं.

सोशलिस्ट पार्टी के उत्तर प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी संदीप पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हम लखनऊ के शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह यह है कि 10 दिसम्बर, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर इजराइल द्वारा लगातार फलस्तीनियों पर किए जा रहे हमले और बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न, मणिपुर में मैतेड-कुकी हिंसा, भारत में जगह-जगह पूजा स्थल अधिनियम 1991 की अवहेलना करते हुए हिन्दू-मुस्लिम विवाद खड़ा कर अल्पसंख्यकों को असुरक्षित बनाने को लेकर हम क्षोभ व्यक्त करते हैं. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे दक्षिणपंथी शक्तियों का उभार हो रहा है, दुनिया में चारों तरफ अशांति दिखाई पड़ती रह रही. इजराइल-फिलीस्तीन के संघर्ष के इतिहास में शामथ 1948 के बाद जब साढ़े 7 लाख फिलीस्तीनियों को अपना देश छोड़ कर जाना पड़ा था. अभी तक की सबसे भयंकर तबाही फिलीस्तीनी जनता झेल रही है. 7 अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से इजाराइल रुका नहीं है. लगातार हो रहे हमलों में आधिकारिक रूप से करीब 45,000 फिलीस्तीनी मारे गए हैं, जिसमें 18,000 तो सिर्फ बच्चे हैं. बच्चों के अस्पतालों व शरणार्थी शिविरों पर हमले युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं.

मणिपुर के मुख्यमंत्री को किया जाए बर्खास्तः उन्होंने कहा कि बंग्लादेश में कट्टरपंथी इस्लामी ताकतों के उभार के साथ वहां के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ अत्याचार बढ़ गए हैं. हम बंग्लादेश की सरकार से मांग करते हैं कि वहां हिन्दुओं के रहने के लिए सुरक्षित माहौल बनाए. उन्होंने कहा कि भारत में मणिपुर में मैतेई-कुकी संघर्ष में 250 से ऊपर जानें जा चुकी हैं एवं करीब 60,000 लोग विस्थापित हैं. राहत शिविरों से लोग वापस अपने गांव लौटना चाहते हैं किंतु मणिपुर अथवा केन्द्र सरकार पूरी तरह से वहां हिंसा रोक पाने में नाकाम रही है. हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री को बरखास्त कर तुरंत वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.

उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों को लगातार निशाना बनाकर साम्प्रदायिक राजनीति द्वारा देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है. अभी बहराइच की घटना लोग भूले भी नहीं थे कि सम्भल में जामा मस्जिद के नीचे मंदिर की सम्भावना को लेकर न्यायालय द्वारा सर्वेक्षण की इजाजत दे कर आनन फानन में सर्वे कराने से जो माहौल तनावपूर्ण बना. उसमें पुलिस द्वारा भीड़ पर गोली चलाने से पांच लोगों की जानें चली गईं. कई जगह पर यह सिलसिला चल पड़ा है. हिन्दुत्ववादी कार्यकर्ता मस्जिदों व मजारों के नीचे मंदिर के अवशेष खोजने लगे हैं. यह प्रक्रिया कहां जा कर रुकेगी मालूम नहीं. साम्प्रदायिक राजनीति से देश का माहौल बिगाड़ा जा रहा है. हमारी मांग है कि पूजा स्थल अधिनियम, 1991, को कड़ाई से लागू कर इस तरह के विवादों को हवा देने का मौका ही न दिया जाए.


इन रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्जन
1. आईटी चौराहे से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन निशातगंज, गोल मार्केट, पीएसी मुख्यालय तिराहा, नया सर्वोदय नगर पुल होकर जा सकेंगे.
2. हनुमान सेतु तिराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन हनुमान सेतु तिराहा से सुशीला स्मृतिका से पेपर मिल, आरआर बंधा होकर एवं संकल्प वाटिका से बैकुण्ठधाम, 1090 चौराहा होकर जा सकेंगे.
3. पेपरमिल तिराहा से हजरतगंज की ओर जाने वाले वाहन पेपर मिल तिराहा से आरआर बंधा होकर संकल्प वाटिका से बैकुण्ठधाम, 1090 चौराहा होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
4. डालीगंज तिराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन क्लार्क अवध तिराहा से चिरैया झील, सिकंदरबाग होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
5. कैसरबाग से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन कैसरबाग चौराहा से सुभाष चौराहा, क्लार्क अवध तिराहा, चिरैया झील, सिकंदरबाग होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
6. चिरैया झील से केडी सिंह स्टेडियम तिराहा एवं चिरैया झील तिराहा से हिन्दी संस्थान तिराहा की ओर यातायात प्रतिबंधित रहेगा.
7. चारबाग से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन चारबाग तिराहा से रॉयल होटल तिराहा, सिसेंडी तिराहा, लाल बहादुर शास्त्री तिराहा, लालबत्ती होकर गंतव्य को जा सकेंगे.
8. 1090 चौराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन बंदरियाबाग चौराहा से लालबत्ती चौराहा, एनेक्सी चौराहा, सिसेंडी तिराहा, रॉयल होटल अथवा कैंट क्षेत्र होकर जा सकेंगे.
9. लालबाग नॉवल्टी चौराहा से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहन लालबाग चौराहा से नूर मंजिल तिराहा, कैसरबाग अशोकलाट चौराहा, सुभाष चौराहा होकर गंतव्य को जा सकेंगे.

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Last Updated : Dec 10, 2024, 7:39 PM IST
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