चित्तौड़गढ़. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान चित्तौड़गढ़ के विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने अपने विधानसभा क्षेत्र के राजकीय कॉलेज में रिक्त पदों का मुद्दा उठाया. इस दौरान उन्होंने संबंधित मंत्री से उन पदों पर नियुक्ति को लेकर सवाल किया. आक्या को लगातार दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान बात रखने का मौका मिला. उन्होंने संबंधित मंत्री से विधानसभा अध्यक्ष के जरिए बताया कि पिछले 15 साल से कॉलेज में लैब तकनीशियन और लाइब्रेरियन की भर्ती नहीं हो पाई है. साथ ही उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से व्याख्याता के पद रिक्त पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि चित्तौड़गढ़ में विधि महाविद्यालय को स्वीकृति दे दी गई, लेकिन अब तक एक भी टीचर नहीं लगाया गया है. महाराणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वीकृति के मुकाबले 10% सेकंड शैक्षणिक स्टाफ भी नहीं है. बस्सी और घोसुंडा कॉलेज की हालत और भी बदतर है. जहां छात्रों को संभालने के लिए एक भी टीचर नहीं है और केवल नाम के कॉलेज चल रहे हैं.
उन्होंने पूछा कि आखिर कब तक कॉलेज में रिक्त पदों पर नियुक्ति कर दी जाएगी. इसका जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने उन्हें बताया कि 1936 लोगों की भर्ती कर ली गई है और अगले तीन से चार महीने में इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी. चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के कॉलेज में कोई भी पद रिक्त नहीं रहेगा. इस पर पूरक प्रश्न उठाते हुए विधायक ने कहा कि तब तक के लिए किसी का डेपुटेशन किया जाए. इसके जवाब में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या संबल योजना के तहत शीघ्र ही टीचर लगाए जाएंगे.
विधायक ने इसी दौरान छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र संगठनों के प्रदर्शन का मुद्दा उठाते हुए छात्र संघ चुनाव पर मंत्री का जवाब चाहा. हालांकि, संबंधित प्रश्न को अलग मानते हुए कार्यवाही से हटाने का आदेश दिया गया. बता दें कि आक्या ने गुरुवार को राशन डीलरों के बकाया कमिशन का सवाल सदन में उठाया था. साथ ही उनकी समस्याओं को सदन के समक्ष रखा था.