चंडीगढ़: बीजेपी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर आरोप लगा रही है कि कांग्रेस शासन काल में उन्होंने हरियाणा के किसानों की जमीन दामाद यानी रॉबर्ट वाड्रा को कौड़ियों के भाव दे दी. बीजेपी के इन आरोपों पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अगर भगवा पार्टी ये साबित कर दे कि रॉबर्ट वाड्रा को एक इंच भी सरकारी जमीन दी गई, तो वो राजनीति छोड़ देंगे.
भूपेंद्र हुड्डा की बीजेपी को चेतावनी! भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कहा कि मैं उन्हें जमीन का ब्योरा देने की चुनौती देता हूं. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा रॉबर्ट वाड्रा के बारे में झूठा प्रचार कर रही है कि उन्हें जमीन दी गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने रॉबर्ट वाड्रा को एक इंच भी सरकारी जमीन नहीं दी. अगर भाजपा वाड्रा को जमीन देने का सबूत दिखाती है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. भाजपा 2014 में पहली बार अपने दम पर हरियाणा में सत्ता में आई थी. तब पार्टी ने पिछली हुड्डा सरकार के दौरान भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया था.
बीजेपी ने रॉबर्ड वाड्रा को लेकर साधा था निशाना: 2024 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा नेताओं ने प्रचार के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में हरियाणा में प्रचार करते हुए कहा था. "कांग्रेस के शासन में दलालों और दामादों का बोलबाला था." केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हुड्डा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था "हुड्डा सरकार के समय डीलर, दलाल और दामाद राज करते थे और भ्रष्टाचार चरम पर था."
रॉबर्ट वाड्रा को सस्ती जमीन देने का आरोप: गुरुग्राम के बादशाहपुर में एक चुनावी रैली में शाह ने आरोप लगाया था, "गुरुग्राम में कई एकड़ जमीन 'दिल्ली के दामाद' को अमीर बनाने के लिए नष्ट कर दी गई. कांग्रेस पार्टी ने किसानों की जमीन मूंगफली के भाव अपने 'दामाद' को दे दी. आज वे किसानों की बात कर रहे हैं." बीजेपी इन आरोपों पर भूपेंद्र हुड्डा ने कहा "भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वो मुझ पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाते हैं. मेरे दादा स्वतंत्रता सेनानी थे. मुझे गर्व है कि मेरे पिता स्वर्गीय रणबीर सिंह ने बाबा साहब (बीआर अंबेडकर) के साथ संविधान पर हस्ताक्षर किए हैं. हम लंबे संघर्ष के बाद आज यहां पहुंचे हैं."
भूपेंद्र हुड्डा का बीजेपी पर वार: करनाल में भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा ने राज्य में 10 साल तक लाठी और गोली की सरकार चलाई है. इस जनविरोधी सरकार के दौरान पुलिस की गोलियों से रिकॉर्ड 78 लोग मारे गए. पंचकूला में डेरा प्रकरण (2017 में) (डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दो शिष्यों से बलात्कार के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद भड़की हिंसा) के दौरान 40 लोग मारे गए. बताया गया कि मृतकों में शायद 30 दलित थे. भाजपा ने पंचकूला में कोर्ट के आदेश के खिलाफ लोगों की भीड़ को इकट्ठा होने दिया. खुद हाई कोर्ट ने पुलिस फायरिंग में 40 लोगों की मौत पर सवाल उठाए, लेकिन भाजपा किसी का जवाब नहीं दे पाई.