वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक पर रिसर्च करेंगे. ब्रिटिश हाई कमीशन विश्वविद्यालय की ओर से आईं राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने इसे लेकर बातचीत की है. इसके साथ ही BHU और ब्रिटिश एजुकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के बीच प्रोफेसरों और छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी मंथन हुआ. गुरुवार को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय पहुंचे ब्रिटिश डेलीगेट्स ने हिंदी समेत कई क्षेत्रों में साथ काम करने (पार्टनरशिप) की इच्छा जताई है. इसके लिए बीएचयू के कुलपति और डेलीगेट्स के बीच प्रपोजल तैयार करने को लेकर भी बात हुई है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय लगातार अपने विद्यार्थियों के लिए नए प्रयोग करता रहता है. इसके साथ ही साथ कैंपस में नए वैज्ञानिक शोध से लेकर नई तकनीक पर काम करने के लिए भी मोटिवेट करता रहता है. बीते कुछ समय में बीएचयू ने कई विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी कर विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के साथ ही नई चीजें सीखने का मौका दिया है. इसी बीच काशी हिंदू विश्वविद्यालय और ब्रिटेन एक साथ मिलकर कई क्षेत्रों में काम करने की योजना बना रहे हैं. इसी को लेकर आज ब्रिटिश डेलीगेट्स की बीएचयू कुलपति और प्रशासन से मुलाकात हुई.
बैठक में शामिल थे ये लोग : बता दें कि आज काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में ब्रिटिश हाई कमीशन विवि के डेलीगेट्स पहुंचे. इनमें ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से OBE मिनिस्टर काउंसलर बेक बकिंघम, ब्रिटिश काउंसिल इंडिया में एजुकेशन प्रोग्राम और साझेदारी के प्रमुख राजेंद्र त्रिपाठी शामिल थे. वहीं विश्वविद्यालय की तरफ से इंटरनेशनल स्टूडेंट्स कोआर्डिनेटर प्रो. एसवीएस राजू, इंटरनेशनल सेंटर के कोआर्डिनेटर प्रो. राजेश सिंह और ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स की कोआर्डिनेटर प्रो. मधु तपाड़िया मौजूद थीं. इन सभी की मौजूदगी में कई विषयों पर चर्चा की गई और भविष्य की योजना पर बात हुई.
एआई पर मिलकर कर सकते हैं काम : बैठक में ब्रिटिश हाई कमीशन ने बीएचयू के साथ पार्टनरशिप करने पर दिलचस्पी दिखाई है. डेलीगेट्स ने विश्वविद्यालय के साथ इनवायरमेंट ग्रीन एनर्जी, सस्टनेबल डेवलपमेंट, इंटर डिसीप्लीनेरी रिसर्च और कल्चरल एक्टिविटिज में साझेदारी करने की ओर अपनी बात रखी है. ब्रिटिश हाई कमीशन की ओर से आईं राजनीतिक और द्विपक्षीय मामलों की प्रमुख नतालिया लीह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के साथ ही अन्य तकनीकी क्षेत्रों में मिलकर काम कर सकते हैं. इसमें भविष्य की संभावनाएं नजर आती हैं. साथ ही उन्होंने चर्चा के दौरान स्कॉलरशिप और स्काउट कार्यक्रम पर भी सहमित जताई.
हिंदी विभाग के बारे में ली जानकारी : इस दौरान ब्रिटिश हाई कमीशन ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में चलने वाली आर्ट फैकल्टी के हिंदी विभाग के बारे में जानकारी मांगी. इसके लिए हिंदी विभाग के प्रो. आशीष त्रिपाठी ने डेलीगेट्स को जानकारी दी. उन्होंने विभाग में चल रहे कोर्सेज, रिसर्च वर्क और अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही शॉर्ट टर्म कोर्सेज पर भी चर्चा हुई. वहीं, बीएचयू और ब्रिटिश एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के बीच प्रोफेसरों और छात्रों के एक्सचेंज प्रोग्राम पर भी लंबी चर्चा हुई. बातचीत में इस प्रोग्राम को लेकर प्रपोजल लाने की बात कही गई है.
दुनियाभर में बढ़ जाती है बीएचयू की विशेषज्ञता : बीएचयू के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने डेलीगेट्स से अपने सदस्यों को स्कॉलरशिप और प्रोगाम में भाग लेने का मौका देने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि, कई विषयों में एक्सपर्टीज और कैपेसिटी के चलते काशी हिन्दू विश्वविद्यालय कई तरह के अवसर उपलब्ध कराता रहता है. विज्ञान, पर्यावरण, ह्यूमैनिटीज, सामाजिक विज्ञान, संगीत, कला, कल्चर समेत कई विषयों पर रिसर्च होते रहते हैं. इन्हीं सभी विशेषताओं के कारण ही दुनियाभर में बीएचयू की विशेषज्ञता बढ़ जाती है. कुलपति ने कहा कि, बीएचयू ग्लोबल इंस्टीट्यूट्स के साथ कई तरह की पार्टनरशिप डेवलप कर रहा है.
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