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चेचक का टीका मंकीपॉक्स में कारगर, BHU वैज्ञानिक का दावा - Monkeypox Vaccine

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के माइक्रो बायलॉजी विभाग के प्रोफेसर ने मंकीपॉक्स को लेकर बड़ा दावा किया है. प्रोफेसर का दावा है कि चिकन पॉक्स का टीका इस बीमारी को रोकने में कारगर है.

चेचक का टीका मंकीपॉक्स में कारगर
चेचक का टीका मंकीपॉक्स में कारगर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2024, 7:56 PM IST

वाराणसीः देश में जहां मंकीपॉक्स को लेकर के अलर्ट है. वहीं, इस खतरे को लेकर BHU के वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया है. आईएमएस BHU के माइक्रो बायलॉजी विभाग के प्रोफेसर गोपाल नाथ का दावा है कि चेचक (चिकन पॉक्स) का टीका मंकीपॉक्स को रोकने में बेहद कारगर है. मंकीपॉक्स से बचने के लिए चेचक का दो टीका एक महीने के भीतर लगवाया जाए तो इससे बचा जा सकता है.

BHU के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के प्रो. गोपालनाथ ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
प्रोफेसर गोपाल नाथ का कहना है कि कई रिसर्च में कई तथ्य सामने आए हैं कि चेचक का टीका मंकी पॉक्स महामारी को रोकने में कारगर है. उन्होंने कहा कि 1978 के बाद जो लोग जन्मे है, उन्हें मंकी पॉक्स से बचने के लिए चेचक का टीका लगवाना चाहिए. जो लोग 1978 से पहले चेचक का टीका लगवा चुके हैं, उनके लिए सिर्फ एक डोज काफी है. प्रो. गोपालनाथ ने बताया कि मंकी पॉक्स के डीएनए वायरस है. इसके लक्षण कोविड जैसे ही हैं. हालांकि वर्तमान में इसे बहुत डरने की जरूरत नहीं है. चूंकि एशियाई देश में मंकी पॉक्स के केस ज्यादा सामने आए हैं. इस वजह से भारत भी सतर्क है. हालांकि अभी देश में कोई भी मंकी पॉक्स का केस सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर मंकी पॉक्स को फैलने से रोका जा सकता है. बता दें कि WHO के अलर्ट के बाद पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है. देशभर में एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है.
मंकीपॉक्स से बचाव का तरीका.
मंकीपॉक्स से बचाव का तरीका. (ETV Bharat Gfx)
मंकी पॉक्स के लक्षणः मंकी पॉक्स के लक्षण दो से चार हफ्ते तक रहते हैं. इस बीमारी में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, थकान, कंपकपी छूटना पीठ या कमर में दर्द, सूजी हुई लिंफ नोड्स और मवाद भरे दाने जैसे लक्ष्ण होते हैं. इसके अलावा अगर आप मंकी पॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, नजर अंदाज ना करें.
इसे भी पढ़ें-कोविड के बाद से नहीं लग रहे चिकनपॉक्स का टीका, जानिए मंकीपॉक्स को लेकर क्या बोले चिकित्सक

वाराणसीः देश में जहां मंकीपॉक्स को लेकर के अलर्ट है. वहीं, इस खतरे को लेकर BHU के वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया है. आईएमएस BHU के माइक्रो बायलॉजी विभाग के प्रोफेसर गोपाल नाथ का दावा है कि चेचक (चिकन पॉक्स) का टीका मंकीपॉक्स को रोकने में बेहद कारगर है. मंकीपॉक्स से बचने के लिए चेचक का दो टीका एक महीने के भीतर लगवाया जाए तो इससे बचा जा सकता है.

BHU के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के प्रो. गोपालनाथ ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)
प्रोफेसर गोपाल नाथ का कहना है कि कई रिसर्च में कई तथ्य सामने आए हैं कि चेचक का टीका मंकी पॉक्स महामारी को रोकने में कारगर है. उन्होंने कहा कि 1978 के बाद जो लोग जन्मे है, उन्हें मंकी पॉक्स से बचने के लिए चेचक का टीका लगवाना चाहिए. जो लोग 1978 से पहले चेचक का टीका लगवा चुके हैं, उनके लिए सिर्फ एक डोज काफी है. प्रो. गोपालनाथ ने बताया कि मंकी पॉक्स के डीएनए वायरस है. इसके लक्षण कोविड जैसे ही हैं. हालांकि वर्तमान में इसे बहुत डरने की जरूरत नहीं है. चूंकि एशियाई देश में मंकी पॉक्स के केस ज्यादा सामने आए हैं. इस वजह से भारत भी सतर्क है. हालांकि अभी देश में कोई भी मंकी पॉक्स का केस सामने नहीं आया है. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर मंकी पॉक्स को फैलने से रोका जा सकता है. बता दें कि WHO के अलर्ट के बाद पूरा स्वास्थ्य महकमा अलर्ट है. देशभर में एयरपोर्ट पर विदेश से आने वाले लोगों पर निगरानी रखी जा रही है.
मंकीपॉक्स से बचाव का तरीका.
मंकीपॉक्स से बचाव का तरीका. (ETV Bharat Gfx)
मंकी पॉक्स के लक्षणः मंकी पॉक्स के लक्षण दो से चार हफ्ते तक रहते हैं. इस बीमारी में सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, बुखार, थकान, कंपकपी छूटना पीठ या कमर में दर्द, सूजी हुई लिंफ नोड्स और मवाद भरे दाने जैसे लक्ष्ण होते हैं. इसके अलावा अगर आप मंकी पॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, नजर अंदाज ना करें.
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