भोपाल। राजधानी भोपाल के वल्लभ भवन के पांचवी मंजिल पर लगी आग में मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना की फाइलें जलकर खाक हो गईं. सीएम स्वेच्छानुदान की फाइलें इसी पांचवे माले पर रखी रहती थीं, इसी कक्ष में काम होता है. वल्लभ भवन में काम करने वाले कर्मचारी ने बताया कि ऊपर वाली मंजिल में कबाड़ भरा था, उसी के कारण आग इतनी ज्यादा फैल गई.
कर्मचारी ने आग की वजह लापरवाही बताई
पांचवी मंजिल में लगी आग की असल वजह शॉर्ट सर्किट है. यहां के कर्मचारी ने बताया कि यहां अधिकारी कभी भी अपने कक्षों की लाइट या एसी बंद करके नहीं जाते और लाइट हमेशा जली रहती हैं. ईटीवी भारत के संवाददाता ने जाना कि आग की असली वजह क्या रही. इस पर कर्मचारी ने बताया कि ''पांचवी मंजिल पर कबाड़ भरा हुआ था, लेकिन आग इतनी फैली कि सीएम स्वेच्छानुदान योजना की फाइले भी जलकर खाक हो गईं.''
नियमों की अनदेखी से लगी आग
पांचवी मंजिल में आग लगना कई नियमों की अनदेखी का नतीजा है. वल्लभ भवन का अभी कुछ महीने पहले फायर ऑडिट हुआ था, हद तो ये है कि उस वक्त रिपोर्ट में आगे के खतरे का कोई भी जिक्र नहीं किया गया. डामर की परत बिछाकर पांचवी मंजिल को लीकेज से बचाने की जुगाड की गई थी. बरसात में छत न टपके इसके लिए छत पर डामर की पट्टियां लगाई गई और फ्लोरिंग लड़की की बनाई गई. लेकिन अनहोनी के वक्त उसके बचाव का कोई भी ध्यान नहीं रखा गया.
पांचवी मंजिल की परमिशन ही नहीं थी
कर्मचारी सूत्रों के मुताबिक पांचवी मंजिल को बनाने की कोई परमिशन भी नहीं ली गई थी. इसके कारण टेंपररी व्यवस्था के तहत अस्थाई छत का निर्माण किया गया.
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जांच के लिए 7 सदस्यों की समिति बनी
राज्य शासन ने जांच के लिए 7 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसमें अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव संजय दुबे, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग नीरज मंडलोई, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग केपी आहूजा, अतिरिक्त महानिदेशक अग्नि शासन आशुतोष राय, आयुक्त भोपाल पवन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरिनारायणचारी मिश्र शामिल हैं.