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40 देशों के दान से चल रही सम्भावना क्लीनिक को नहीं होने देंगे बंद, शुरू होने जा रहा प्रदर्शन - BHOPAL SAMBHAVNA TRUST CLINIC

सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक पिछले 28 वर्षों से यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को मुफ्त और विशेष इलाज दे रही है.

BHOPAL SAMBHAVNA TRUST CLINIC
40 देशों के दान से चल रही सम्भावना क्लीनिक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 8:20 PM IST

भोपाल: राजधानी में गैस पीड़ितों के इलाज के लिए काम कर रही 'यूनियन कार्बाइड जहर पीड़ित इलाज अधिकार मोर्चा' के सदस्य एक जनवरी से प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं. धन की कमी के कारण बंद होने वाली सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक को खुला रखने के लिए यह प्रदर्शन होने जा रहा है. लाभार्थियों और क्लीनिक के कर्मचारियों द्वारा एक शांतिपूर्ण अभियान शुरू करने की घोषणा की गई है.

बता दें कि एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) के तहत पंजीकरण के लिए सम्भावना ट्रस्ट के आवेदन के जल्द समाधान की मांग की जा रही है. इलाज अधिकार मोर्चा 1 जनवरी 2025 से क्लीनिक के परिसर में अनिश्चितकालीन धरना देगा. सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक पिछले 28 वर्षों से यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को मुफ्त और विशेष इलाज दे रही है.

40 देशों के दान से चलता है सम्भावना क्लीनिक

राजधानी भोपाल में हुई गैस त्रासदी से पीड़ित लोगों के लिए काम कर रही इलाज अधिकार मोर्चा ने 16 दिसम्बर 2024 को गृह मंत्री को पत्र लिखा है. क्लीनिक में इलाज लेने वाले गैस पीड़ित नाथूराम सोनी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक 40 से अधिक देशों के हजारों आम व्यक्तियों के छोटे-छोटे दान से चलता है. वर्तमान में ये दान क्लीनिक तक नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि गृह मंत्रालय एफसीआरए के तहत पंजीकरण देने में बहुत ज्यादा समय ले रहा है. हमने गृह मंत्री को ध्यान दिलाया है कि सम्भावना ट्रस्ट का एफसीआरए के तहत पंजीकरण का आवेदन फरवरी 2023 की शुरुआत से अब तक लंबित है."

'रोगियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा गंभीर प्रभाव'

सम्भावना ट्रस्ट में नियुक्त सलाहकार डॉ सतीनाथ षड़ंगी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक में आयुर्वेद और योग विधियों के साथ आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण पर आधारित विशेष इलाज किया जाता है. इस प्रकार के इलाज से मिथाइल आइसोसाइनेट और यूनियन कार्बाइड के अन्य जहरों की वजह से होने वाली बीमारियों में पीड़ितों को लाभ हुआ है.

क्लीनिक के बंद होने से इलाज के लिए रजिस्टर्ड 37000 से अधिक रोगियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. वहीं 30000 से अधिक पीड़ितों की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य कार्य के लाभों से वंचित है. जिसमें मलेरिया और डेंगू का उन्मूलन, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का जल्द पता लगाना और टीबी की बीमारी की दर में कमी लाना शामिल है."

'इलाज से हजारों मरीजों को पहुंचा फायदा'

सम्भावना क्लीनिक में इलाज को लेकर इलाज अधिकार मोर्चा की एक कार्यकर्ता बानो बी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक के खास इलाज की वजह से ही मैं यूनियन कार्बाइड की कई बीमारियों के बावजूद चल फिर रही हूं. मेरी तरह हजारों लोगों को सम्भावना क्लीनिक से फायदा पहुंचा है. ऐसे ही सैकड़ों पीड़ितों ने गृह मंत्री को पोस्टकार्ड लिखे हैं और मुझे यकीन है कि बड़े तादाद में लोग धरने में शामिल होंगे. हम सरकार को हमदर्दी पर पाबंदी नहीं लगाने देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सम्भावना ट्रस्ट को जल्द ही अपना एफसीआरए पंजीकरण मिल जाए."

भोपाल: राजधानी में गैस पीड़ितों के इलाज के लिए काम कर रही 'यूनियन कार्बाइड जहर पीड़ित इलाज अधिकार मोर्चा' के सदस्य एक जनवरी से प्रदर्शन शुरू करने जा रहे हैं. धन की कमी के कारण बंद होने वाली सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक को खुला रखने के लिए यह प्रदर्शन होने जा रहा है. लाभार्थियों और क्लीनिक के कर्मचारियों द्वारा एक शांतिपूर्ण अभियान शुरू करने की घोषणा की गई है.

बता दें कि एफसीआरए (फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट) के तहत पंजीकरण के लिए सम्भावना ट्रस्ट के आवेदन के जल्द समाधान की मांग की जा रही है. इलाज अधिकार मोर्चा 1 जनवरी 2025 से क्लीनिक के परिसर में अनिश्चितकालीन धरना देगा. सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक पिछले 28 वर्षों से यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों को मुफ्त और विशेष इलाज दे रही है.

40 देशों के दान से चलता है सम्भावना क्लीनिक

राजधानी भोपाल में हुई गैस त्रासदी से पीड़ित लोगों के लिए काम कर रही इलाज अधिकार मोर्चा ने 16 दिसम्बर 2024 को गृह मंत्री को पत्र लिखा है. क्लीनिक में इलाज लेने वाले गैस पीड़ित नाथूराम सोनी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक 40 से अधिक देशों के हजारों आम व्यक्तियों के छोटे-छोटे दान से चलता है. वर्तमान में ये दान क्लीनिक तक नहीं पहुंच पा रहा है क्योंकि गृह मंत्रालय एफसीआरए के तहत पंजीकरण देने में बहुत ज्यादा समय ले रहा है. हमने गृह मंत्री को ध्यान दिलाया है कि सम्भावना ट्रस्ट का एफसीआरए के तहत पंजीकरण का आवेदन फरवरी 2023 की शुरुआत से अब तक लंबित है."

'रोगियों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा गंभीर प्रभाव'

सम्भावना ट्रस्ट में नियुक्त सलाहकार डॉ सतीनाथ षड़ंगी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक में आयुर्वेद और योग विधियों के साथ आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण पर आधारित विशेष इलाज किया जाता है. इस प्रकार के इलाज से मिथाइल आइसोसाइनेट और यूनियन कार्बाइड के अन्य जहरों की वजह से होने वाली बीमारियों में पीड़ितों को लाभ हुआ है.

क्लीनिक के बंद होने से इलाज के लिए रजिस्टर्ड 37000 से अधिक रोगियों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है. वहीं 30000 से अधिक पीड़ितों की आबादी सामुदायिक स्वास्थ्य कार्य के लाभों से वंचित है. जिसमें मलेरिया और डेंगू का उन्मूलन, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का जल्द पता लगाना और टीबी की बीमारी की दर में कमी लाना शामिल है."

'इलाज से हजारों मरीजों को पहुंचा फायदा'

सम्भावना क्लीनिक में इलाज को लेकर इलाज अधिकार मोर्चा की एक कार्यकर्ता बानो बी ने बताया कि "सम्भावना क्लीनिक के खास इलाज की वजह से ही मैं यूनियन कार्बाइड की कई बीमारियों के बावजूद चल फिर रही हूं. मेरी तरह हजारों लोगों को सम्भावना क्लीनिक से फायदा पहुंचा है. ऐसे ही सैकड़ों पीड़ितों ने गृह मंत्री को पोस्टकार्ड लिखे हैं और मुझे यकीन है कि बड़े तादाद में लोग धरने में शामिल होंगे. हम सरकार को हमदर्दी पर पाबंदी नहीं लगाने देंगे और सुनिश्चित करेंगे कि सम्भावना ट्रस्ट को जल्द ही अपना एफसीआरए पंजीकरण मिल जाए."

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