भोपाल। माननीयों के लिए सरकार नए आवास उपलब्ध कराने के लिए एक बार फिर कवायद कर रही है. विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद मंत्रियों को आवास उपलब्ध कराने में जमकर मशक्कत करनी पड़ी. कई सीनियर विधायकों ने भी विधायक विश्रामगृह में आवास लेने से इंकार कर दिया, जिसके बाद अब राज्य सरकार मंत्रियों और विधायकों के लिए नए आवास बनाने की तैयारी कर रही है. विधायकों के यह आवास तुलसी नगर इलाके में बनाए जाएंगे, इसके लिए यहां 60 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है. जल्द ही इसे शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए रखा जाएगा.
आवास के लिए इसलिए शुरू हुई कवायद
विधानसभा चुनाव के बाद मोहन सरकार के मंत्रियों को आवास के लिए डेढ़ महीने तक का इंतजार करना पड़ा. टिकट न पाने वाले और चुनाव हार गए कई कद्दावर नेताओं ने बार-बार नोटिस के बाद लंबे समय तक बंगले ही खाली नहीं किए. कई नेताओं ने बंगले खाली करने से इंकार कर दिया. कई सीनियर विधायकों ने विधायक विश्राम गृह में फ्लेट लेने से इंकार कर दिया. इसको देखते हुए राज्य सरकार एक बार फिर मंत्रियों के लिए बंगले और विधायकों के लिए बड़े फ्लैट बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए भोपाल के 1250 स्थित तुलसी नगर में जमीन चिन्हित की गई है. यहां माननीयों के लिए 40 बंगले और बड़े आकार के फ्लैट बनाए जाएंगे. मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल इसके लिए सर्वे करा रहा है. जल्द ही इसे मंजूरी के लिए शासन के समक्ष रखा जाएगा.
मौजूदा बंगलों से बड़े होंगे फ्लैट और बंगले
बताया जा रहा है कि मंत्रियों के नए बंगले इस तरह से डिजाइन किए जाएंगे, ताकि ज्यादा स्पेस मिल सके और तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध हों. बंगले में करीब 7 कमरे, कॉफ्रेंस-मीटिंग हॉल और मंत्री के लिए अलग से ऑफिस भी होगा. पूरे कैंपस में अलग से सर्वेंट क्वार्टर, स्टॉफ के लिए कैंटीन आदि की भी सुविधाएं होंगी. विधायकों के लिए बनाए जाने वाले फ्लैट में भी ज्यादा स्पेस होगा. यह 5 बीएचके तक हो सकते हैं. इसमें सर्वेंट क्वार्टर अलग से होगा. कैंपस में विधायकों के लिए जिम, कैंटीन आदि की सुविधाएं भी होंगी.
पिछले करीब 10 सालों से अटका है मामला
विधायकों के लिए नया विश्राम गृह बनाए जाने का मामला पिछले 10 सालों से उलझा हुआ है. नए विश्राम गृह के लिए कई स्थानों पर भूमि का चयन किया गया, लेकिन किसी न किसी विवाद के चलते निरस्त कर दिया गया. इसके पहले विधायक विश्राम गृह बनाने के लिए जेल रोड़ स्थित जमीन को चिन्हित किया गया था, लेकिन यहां पेड़ों की कटाई का मुद्दा गर्माने के बाद तय किया गया था कि पुराने को तोड़कर नया भवन बनाने का निर्णय किया गया था. मध्य प्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला कहते हैं कि " विधायकों के अभी जो आवास हैं, वह करीब 60 साल पहले के निर्मित हैं. इसको देखते हुए मंत्रियों और विधायकों के बंगलों और आवास को लेकर योजना है, हालांकि इसको लेकर अंतिम निर्णय शासन स्तर पर ही होगा."